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Uniform Civil Code Issue: यूसीसी पर आज AIMPLB की अहम बैठक, पर्सनल लॉ बोर्ड लगातार कर रहा विरोध
Uniform Civide Code Issue: सामान नागरिक संहिता के खिलाफ शुरू से विरोध में रहे सियासी दल और धार्मिक संगठनों के लोग अब खुलकर जनता से इसका विरोध करने की अपील कर रहे हैं।
Uniform Civil Code Issue: यूनिफॉर्म सिविल कोड (यूसीसी) पर पिछले दिनों प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आए बयान के बाद से देश में हलचल बढ़ गई है। सामान नागरिक संहिता के खिलाफ शुरू से विरोध में रहे सियासी दल और धार्मिक संगठनों के लोग अब खुलकर जनता से इसका विरोध करने की अपील कर रहे हैं। देश में मुसलमानों की बड़ी संस्था ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) भी उन संगठनों में शामिल है, जो इसका जोरदार विरोध कर रही है। इस मुद्दे पर राजधानी लखनऊ में आज बोर्ड की अहम बैठक होने जा रही है।
AIMPLB से जुड़े सूत्रों ने बताया कि यूसीसी मुद्दे पर आयोजित बैठक वर्चुअल होगी। जिसमें सभी सदस्य अपने-अपने घर से ऑनलाइन जुड़ेंगे। बैठक सुबह 10 बजे से शुरू होगी। मीटिंग में यूनिफॉर्म सिविल कोड पर बनाए गए ड्राफ्ट पर चर्चा होगी। इस ड्राफ्ट में शरीयत के अहम हिस्सों का जिक्र किया गया है। बैठक में ड्राफ्ट पर सभी सदस्यों की मंजूरी मिलने के बाद इसे लॉ कमिशन के अध्यक्ष को सौंपा जाएगा। कहा जा रहा है कि ड्राफ्ट के जरिए मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड सरकार को बताना चाहती है कि शरीयत के जरूरी हिस्सों से छेड़छाड़ मुस्लिम पक्ष को मंजूर नहीं है।
जनता से विरोध करने की करेंगे अपील
ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) बुधवार को होने वाली बैठक में यूसीसी के खिलाफ अधिक से अधिक संख्या में आवाज उठाने के लिए जनता से अपील भी करेगी। बोर्ड के अध्यक्ष मौलाना खालिद सैफुल्लाह रहमानी पिछले दिनों भोपाल में पीएम मोदी के यूसीसी पर आए बयान पर कहा था कि सामान नागरिक संहिता देशहित में नहीं है। उन्होंने कहा था कि इससे देश की राष्ट्रीय एकता प्रभावित होगी। रहमानी ने कहा था कि यूसीसी की प्रस्तावित रूपरेखा कई मामलों में शरीयत के पारिवारिक मामलों से टकराती है। ऐसे में धार्मिक नजरिये से मुसलमानों के लिए यह बिल्कुल अस्वीकार्य है।
यूसीसी को लेकर बंटी है राय ?
केंद्र में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी के कोर एजेंडे में शामिल यूनिफॉर्म सिविल कोड (यूसीसी) पर विपक्ष के साथ-साथ सत्ताधारी एनडीए गठबंधन में शामिल लोगों की भी राय बंटी हुई है। यूसीसी का जोरदार वकालत करने वाली बीजेपी की सहयोगी जिसमें अधिकांश पूर्वोत्तर राज्यों के हैं, इसका विरोध कर रही है। इसके अलावा पंजाब में शिरोमणि अकाली दल ने भी इसका विरोध किया है। अकाली दल के फिर से एनडीए में शामिल होने की अटकलें है।
वही, बात करें विपक्षी खेमे की तो आम आदमी पार्टी, बहुजन समाज पार्टी और शिवसेना (उद्धव गुट) ने इसका समर्थन किया है। इसके अलावा ओमप्रकाश राजभर की पार्टी और एनसीपी अजित पवार गुट ने भी इसकी वकालत की है।
यूसीसी पर क्या कहा था पीएम मोदी ने ?
पिछले दिनों भोपाल में बीजेपी के एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने यूसीसी पर बयान दिया था। उन्होंने विपक्ष पर हमला बोलते हुए कहा था कि कुछ लोग यूसीसी के नाम पर मुसलमानों को डराना चाहते हैं। प्रधानमंत्री ने विरोधियों से सवाल किया था कि दोहरी व्यवस्था से देश कैसे चलेगा ? संविधान में भी सभी नागरिकों के लिए समान अधिकार का उल्लेख है।