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Compensation Law: बिजली कटौती, गलत बिल, लो वोल्टेज व ट्रांसफॉर्मर फुंकने पर मिलेगा मुआवजा, Consumer को करना होगा ये काम
UP Power Corporation Compensation Law: बिजली विभाग नहीं अब नहीं कर सकता आपकी समस्याओं को अनदेखी, गलत बिल नहीं सुधरा या फुंका ट्रांसफॉर्मर तय समय पर सही नहीं हुआ तो बिजली उपभोक्ता को मिलेगा मुआवजा।
UP Power Corporation Compensation Law: उत्तर प्रदेश के बिजली उपभोक्ताओं के लिए अच्छी खबर है। मुआवजा कानून रूपी उन्हें एक ऐसा हथियार मिल गया है जिसके बाद अब बिजली विभाग की मनमानी नहीं चलेगी। आपकी समस्याओं की अनदेखी करने पर विभाग को प्रतिदिन के हिसाब से मुआवजा देना होगा। इतना ही नहीं निर्धारित घंटे बिजली नहीं आने पर भी आप मुआवजे के हकदार होंगे। पॉवर कॉर्पोरेशन के अध्यक्ष एम देवराज ने मुआवजा कानून को ऑनलाइन लागू करने का आदेश जारी कर दिया। आपको बता दें कि यूपी में फरवरी 2020 में ही मुआवजा कानून लागू है लेकिन अभी इसका लाभ उपभोक्ताओं को नहीं मिल रहा था।
शिकायत करने के सात दिनों के भीतर अगर आपका गलत बिजली का बिल नहीं सुधारा गया है। ट्रांसफॉर्मर फुंक गया है और बार-बार फोन करने के बाद भी इंजीनियर ध्यान नहीं दे रहे हैं तो आप मुआवजा पाने के अधिकारी होंगे। मुआवजा कानून के तहत विभाग ऐसे उपभोक्ताओं को पहली शिकायत के लिए 50 रुपए और दूसरी शिकायत के लिए 150 रुपए प्रतिदिन के हिसाब से मुआवजा देगा।
बिजली कटौती पर भी मुआवजा
रोस्टर के मुताबिक निर्धारित घंटों तक बिजली नहीं मिलने पर भी उपभोक्ता मुआवजे के लिए आवेदन कर सकता है। पूरी बिजली नहीं मिलने पर प्रथम श्रेणी के शहरों में प्रतिदिन 20 रुपए प्रति किलोवाट, शहरी क्षेत्र में 20 रुपए प्रति किलोवाट और ग्रामीण क्षेत्र में 20 रुपए प्रति किलोवाट का मुआवजा मिलेगा।
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नियामक आयोग की वेबसाइट पर है पूरी डिटेल
वोल्टेज की समस्या रहती है तो 250 रुपए प्रतिदिन का मुआवजा मिलेगा। इसके लिए रिस्पॉन्स टाइम 10 दिन है। ऐसे ही मीटर रीडिंग के मामले (6 माह) में 200 रुपए प्रतिदिन का मुआवजा मिलेगा। मुआवजे और इस कानून के संबंध में जानकारी उत्तर प्रदेश नियामक आयोग की वेबसाइट पर भी उपलब्ध है। इसमें विस्तार से बताया गया है कि कौन सी सुविधा तय समय पर नहीं मिलने पर उपभोक्ता कितना मुआवजा ले सकते हैं।
टोल फ्री नंबर 112 पर करें कॉल
मुआवजा कानून का लाभ लेने के लिए आपको विभाग के टोल फ्री नंबर 1912 पर कॉल करना होगा। कस्टमर को पहले अपनी शिकायत दर्ज करानी होगी और फिर समय से समाधान नहीं मिलने पर दोबारा इसी नंबर (1912) पर कॉल कर मुआवजे के लिए आवेदन करना होगा।
मुआवजे के लिए ऐसे करें आवेदन
टोल फ्री नंबर 1912 पर मुआवजे की मांग करने पर उपभोक्ता को एक अलग नंबर मिलेगा, जिस पर उसे शिकायत दर्ज करानी होगी। शिकायतकर्ता बिजली उपभोक्ता अगर सच में मुआवजे का हकदार होगा तो मुआवजे की राशि को उसके आगामी बिल में समायोजित किया जाएगा। बिजली विभाग को अधिकतम 60 दिनों उपभोक्ता को मुआवजा देना होगा। लेकिन बकायेदारों को इस सुविधा का लाभ नहीं मिलेगा। पॉवर कॉर्पोरेशन ने इसके लिए बाकायदा ऑनलाइन सॉफ्टवेयर तैयार करवाया है।
कितना मिलेगा मुआवजा
पॉवर कॉर्पोरेशन के अध्यक्ष एम देवराज की तरफ से जारी आदेश में कहा गया है कि 112 पर शिकायत दर्ज कराने वाले बिजली उपभोक्ता क्षतिपूर्ति व मुआवजे पाने के अधिकारी होंगे। सेवाओं में कमी व समस्याओं का हल नहीं निकलने पर भी उन्हें मुआवजा मिलेगा। हालांकि, बिजली उपभोक्ताओ को एक वित्त वर्ष में उसके फिक्स चार्ज या डिमांड चार्ज के 30 फीसदी से अधिक का मुआवजा नहीं दिया जाएगा।
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राज्य उपभोक्ता परिषद ने क्या कहा
राज्य उपभोक्ता विद्युत परिषद ने इस फैसले पर खुशी जाहिर की है। परिषद के अध्यक्ष अवधेश वर्मा ने कहा कि परिषद लगातार इस कानून को लागू करवाने के लिए प्रबंधन से बात कर रहा था। लंबी लड़ाई के बाद ही यह कानून बन पाया और लागू हो पाया है। आयोग के कड़े रुख के बाद ही पॉवर कॉर्पोरेशन को मजबूर होकर ये फैसला लेना पड़ा है।