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Asad Ahmed Encounter: 50 दिन पहले तक नहीं था कोई क्रिमिनल रिकॉर्ड, जानिए कैसे दुर्दांत अपराधी बना

Asad Ahmed Encounter: असद की उमेश पाल हत्याकांड में जब उसकी सरेराह गोलियां दागती तस्वीरें समाने आईं थी। जानिए कैसे बन गया दूर्दांत अपराधी-

Dhanish Srivastava
Published on: 13 April 2023 8:33 PM IST (Updated on: 13 April 2023 9:02 PM IST)
Asad Ahmed Encounter: 50 दिन पहले तक नहीं था कोई क्रिमिनल रिकॉर्ड, जानिए कैसे दुर्दांत अपराधी बना
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Image: Social Media

Asad Ahmed: उमेश पाल हत्याकांड की सीसीटीवी फुटेज में निशाना साधकर गोलियां चला रहा अतीक का बेटा असद पुलिस एनकाउंटर में मारा गया। उसपर पांच लाख का इनाम घोषित था। वो उमेश पाल के मर्डर में शामिल था और वीडियो में खुद उसपर खुलेआम गोलियां दागते हुए नजर आया था। लेकिन खास बात यह भी है कि इस हत्याकांड से पहले असद का कोई क्रिमिनल रिकॉर्ड नहीं था। यानी इससे पहले जुर्म की दुनिया में उसके नाम कोई बड़ा कांड दर्ज नहीं था। उमेश पाल हत्याकांड में जब उसकी सरेराह गोलियां दागती तस्वीरें समाने आईं, तो पुलिस अधिकारियों से लेकर बड़े अपराधी तक इस दुस्साहस पर सोचने को मजबूर हो गए। इस जघन्य घटना को अंजाम देने का अंत भी भयावह हुआ। एनकाउंटर में दोनों तरफ से हुईं करीब 40 राउंड फायरिंग के बाद असद और गुलाम दोनों मारे गए। दोनों पर पांच-पांच लाख का इनाम था।

उमेश पाल की मां ने योगी सरकार को कहा शुक्रिया

इन दोनों का अंत होने के बाद उमेश पाल की मां शांति देवी और पत्नी जया पाल ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और प्रशासन का शुक्रिया अदा किया है। उन्होंने कहा कि माफिया को मिट्टी में मिलाने के लिए सरकार ने कहा था। इस एनकाउंटर से लग रहा है कि सरकार ऐसा कर भी रही है।

बार-बार बदल रही थी लोकेशन, मुश्किल से हुआ ट्रेस

एडीजी यूपीएसटीएफ अमिताभ यश के मुताबिक असद और गुलाम दोनों के पास नए सिम कार्ड और नए फोन उपयोग कर रहे थे। उनकी तलाश के दौरान तीन बार उनकी लोकेशन अलग-अलग मिलने से जांच अधिकारी भी संशय में रहे लेकिन कड़ी मुस्तैदी के साथ उनको ट्रेस कर लिया गया। असद और गुलाम ने पुलिस पर फायरिंग की और जवाब में पुलिस ने फायरिंग की। इस दौरान ही दोनों मारे गए। इनके पास से विदेशी हथियार ब्रिटिश पिस्टल और रिवाल्वर बरामद हुई है।

घरवाले चाहते थे पढ़ाना, पर वो बनना चाहता था पिता जैसा

डॉन अतीक अहमद और शाइस्ता खान की तीसरी संतान असद था। वो अपराध की दुनिया में अपने पिता अतीक अहमद और चाचा अशरफ की तरह नाम कमाना चाहता था। जबकि उसके घरवाले उसे पढ़ा-लिखाकर वकील बनाना चाहते थे। उसे पढ़ाई के लिए विदेश भेजना चाहते थे, लेकिन असद का स्वभाव अलग ही था। वो जरायम की दुनिया की तरफ बढ़ रहा था।

लखनऊ के नामचीन स्कूल से किया था इंटर

उत्तर प्रदेश पुलिस से जुड़े सूत्र बताते है कि उमेश पाल हत्याकांड से पहले भी असद ज्यादातर लखनऊ में ही रहता था। उसने यहां के एक नामचीन स्कूल से 12वीं की पढ़ाई की थी। घरवाले उसे आगे की पढ़ाई के लिए विदेश भेजना चाहते थे, पर वो इसके लिए तैयार नहीं था।

उमेश पाल मर्डर से पहले किसी वारदात में नहीं आया था नाम

असद का उमेश पाल मर्डर केस से पहले किसी बड़े मामले में कोई आपराधिक इतिहास सामने नहीं आया था। लेकिन जब असद जरायम की दुनिया में उतरा उसने तहलका मचाने जैसा कांड कर दिया। असद सरेराह उमेश पाल पर गोलियां दागता, बम चलाता नजर आया, जिसने भी उसका ये रूप देखा, वो समझ गया कि अतीक अहमद का पुत्र भी उसी की तरह दुर्दांत अपराधी है। उसका हश्र भी ऐसा हुआ कि कम उम्र में ही पांच लाख का भारी इनाम तक घोषित हुआ और एसटीएफ के एनकाउंटर में उसे मार गिराया गया। Umesh Pal Murder Case उसके नाम पर दर्ज एकमात्र आपराधिक अभियोग था, जिसमें वो मुख्य आरोपी था।



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Dhanish Srivastava

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