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Atiq Gang: ...तो अतीक-अशरफ की बीवियों का बंटा गैंग! साम्राज्य के कब्जे को लेकर कभी-भी हो सकती है 'गैंगवार'

Mafia Atiq Ashraf Gang: माफिया अतीक-अशरफ के गैंग में अब फाड़ हो गई। दोनों गैंगों में कभी भी वार छिड़ सकता है।

Snigdha Singh
Published on: 2 Jun 2023 10:10 AM GMT (Updated on: 2 Jun 2023 10:27 AM GMT)
Atiq Gang: ...तो अतीक-अशरफ की बीवियों का बंटा गैंग! साम्राज्य के कब्जे को लेकर कभी-भी हो सकती है गैंगवार
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Atiq Ashraf Wife Shaista and Zainab(Photo: Social Media)

Mafia Atiq Gang: माफिया अतीक और अशरफ की हत्या के बाद अब गैंग के बीच दरार आ गई। रुपयों और जमीन हथियाने के लिए जंग छिड़ी है। माफिया और उसके भाई की हत्या के बाद गैंग को चोरी-छुपे दोनों की बीवियां शाइस्ता और जैनब फातिमा संचालित कर रही हैं। पुलिस का ये भी कहना है कि कुछ फोन कॉल रिकार्डिंग उनके हाथ लगी हैं, जिसमें माफिया के गैंग में फाड़ होने की बात सामने आई है। जमीन कब्जाने को लेकर दोनों बीवियों के गैंग बंट गए है।

जानकारी के अनुसार पुलिस और एसटीएफ को कुछ फोन रिकॉर्डिंग मिली हैं। इसमें गिरोह के गुर्गों में जमीन को लेकर विवाद छिड़ा है। पुलिस का कहना है कि कभी भी दोनों के बीच गैंगवार हो सकती है। दरअसल, माफिया अतीक और अशरफ का अभी तक एक ग्रुप था मौत के बाद ही रुपयों और जमीन का विवाद छिड़ गया। ऐसे अतीक की पत्नी शाइस्ता फरार है और बेटों के जेल में होने की वजह से एक ग्रुप ने अशरफ की पत्नी जैनब और परिवार के संपर्क में पहुंच गया। मालूम हो कि जैनब भी अतीक-अशरफ की हत्या के बाद फरार है। जैनब ने कोर्ट में अपनी जमानत के लिए याचिका दाखिल की थी लेकिन खारिज हो गई।

फरार शाइस्त गिरोह संचालक!

अतीक -अशरफ हत्या के बाद गैंग को नए बॉस की खोज है। पुलिस का कहना है कि फरार शाइस्ता लगातार गुर्गों के संपर्क में है साथ ही अपने साथ भी शूटर्स को रखा है। प्रयागराज से दूर होकर भी शाइस्त धीरे-धारे माफिया के साम्राज्य की बागडोर अपने हाथों में ले रही है। पुलिस ने शाइस्ता पर 50 हजार का इनाम रखा है। वहीं, जैनब भी शाइस्ता के साथ फरार है। पुलिस जैनब पर भी इनाम घोषित कर सकती है।

मौत और चालीसवें पर भी नहीं पहुंची दोनों

कहते हैं एक औरत के लिए पति और बच्चों से बढ़कर कोई नहीं होता है। लेकिन शाइस्त परवीन ने की कठोरता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि शाइस्ता न तो बेटे की मौत पर आई और न ही शौहर की। यही हाल जैनब का भी रहा। दोनों की मौत के 40 दिन बाद करीबी लोग कब्र स्थाव पर जाकर फातिहा पढ़ते हैं लेकिन तब भी कोई नहीं पहुंचा। ऐसे में दोनों की कठोरता का अंदाजा लगाया जा सकता है। दोनों ने दूर होकर भी गिरोह संचालन शुरू कर दिया।

Snigdha Singh

Snigdha Singh

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