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शिकायतकर्ता की गैरहाजिरी पर मजिस्ट्रेट नही कर सकता मुकदमा खारिज: हाईकोर्ट
कोर्ट ने अपर सत्र न्यायाधीश गाजियाबाद के इस्तगासा ख़ारिज करने के आदेश को रद्द कर दिया है और निर्देश दिया है कि कोर्ट दोनों पक्षो को सम्मन कर 6 माह में केस तय करे।
प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा है कि यदि शिकायतकर्ता की उपस्थिति जरूरी न हो तो मजिस्ट्रेट उसकी गैर हाजिरी के आधार पर आपराधिक मुकदमा ख़ारिज नही किया जा सकता।
कोर्ट ने अपर सत्र न्यायाधीश गाजियाबाद के इस्तगासा ख़ारिज करने के आदेश को रद्द कर दिया है और निर्देश दिया है कि कोर्ट दोनों पक्षो को सम्मन कर 6 माह में केस तय करे।
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यह आदेश न्यायमूर्ति राजुल भार्गव ने प्रमोद त्यागी की अपील को स्वीकार करते हुए दिया है। मेसर्स टैटिनम फैसिलिटी एंड मैनेजमेंट सर्विस के खिलाफ अपीलार्थी प्रमोद त्यागी ने आपराधिक मुकदमा कायम किया। विपक्षी ने हाजिर होकर जमानत करायी। कई तारीखों पर हाजिर नही हुआ तो गैर जमानती वारंट जारी हुआ। हाजिर होने पर आदेश वापस हुआ। कुछ तारीखों पर दोनों हाजिर नही हुए। 30 अक्टूबर 18 को विपक्षी हाजिर था किंतु अपीलार्थी हाजिर नही हुआ तो कोर्ट ने आरोपी को बरी करते हुए मुकदमा ख़ारिज कर दिया ।
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शिकायतकर्ता की हाजिरी जरूरी न हो तो मुकदमा गैर हाजिर रहने पर ख़ारिज नही कर सकते
कोर्ट ने कहा कि शिकायतकर्ता व आरोपी की हाजिरी जरूरी हो और शिकायतकर्ता गैर हाजिर रहे तो कोर्ट आरोपी को बरी कर मुकदमा समाप्त कर सकती है। किंतु जब शिकायतकर्ता की हाजिरी जरूरी न हो तो मुकदमा गैर हाजिर रहने पर ख़ारिज नही कर सकते। सुनवाई स्थगित कर हाजिर होने का अवसर देना चाहिए।