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Mahoba News: सरकारी स्कूल या तालाब! दुर्दशा से स्टूडेंट्स और टीचर तक सभी परेशान

Mahoba News: जनपद के पनवाड़ी ब्लॉक में आने वाले एक सरकारी विद्यालय के हालात इतने खराब हैं कि बारिश के मौसम में स्कूल परिसर में जलभराव की समस्या उत्पन्न हो जाती है।

Imran Khan
Published on: 19 July 2023 10:21 PM IST
Mahoba News: सरकारी स्कूल या तालाब! दुर्दशा से स्टूडेंट्स और टीचर तक सभी परेशान
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सरकारी विद्यालयों में भर गया पानी, स्टूडेंट्स और टीचर सभी परेशान: Photo- Newstrack

Mahoba News: उत्तर प्रदेश सरकार शिक्षा व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए तमाम दिशा निर्देश दे रही है लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों में जिम्मेदारों की लापरवाही से सरकारी स्कूलों की व्यवस्थाएं इस कदर खराब हैं कि स्कूल आने वाले बच्चों को भी परेशानियों से दो-चार होना पड़ता है। जनपद के पनवाड़ी ब्लॉक में आने वाले एक सरकारी विद्यालय के हालात इतने खराब हैं कि बारिश के मौसम में स्कूल परिसर में जलभराव की समस्या उत्पन्न हो जाती है।

सिर पर बैग रखकर स्कूल जाने को विवश हुए बच्चे

यह जलभराव इस कदर है कि यहां नजारा स्विमिंग पूल जैसा नजर आता है। स्कूली बच्चे सिर पर बैग रखकर स्कूल आने के लिए विवश हो जाते हैं और कई बार इन बच्चों को चोटिल तक हो जाना पड़ता है। सरकारी स्कूल की जल निकासी व्यवस्थाओं में हुए अतिक्रमण के कारण यह समस्या उत्पन्न हो रही है। जिसपर ना तो ग्राम प्रधान ध्यान दे रहे हैं और ना ही बेसिक शिक्षा विभाग के अधिकारी ध्यान दे रहे हैं। ये हालात जनपद के पनवाड़ी ब्लाक अंतर्गत आने वाले हैवतपुरा खंगारन गांव में संचालित पूर्व माध्यमिक विद्यालय का है। जहां गांव के 150 से अधिक बच्चे शिक्षा ग्रहण करने आते हैं। सूबे की सरकार सब पढ़ें, सब बढे़ं का नारा देकर शिक्षा व्यवस्था को बेहतर रखने के दावा कर रहे हैं। लेकिन यह जलभराव स्कूल में देखकर लगता है कि कैसे पढ़ेंगे और कैसे पढ़ेंगे। मगर इसकी चिंता बेसिक शिक्षा विभाग को नहीं है।

विद्यालय की जल निकासी की व्यवस्था पर हो गया अवैध कब्जा

दरअसल, इस विद्यालय के जल निकासी के लिए बनाई गई नाली आदि स्थानों पर जबरन कब्जा कर अवरोध कर दिया गया है। जिस कारण बरसात के मौसम में भरने वाला पानी निकल नहीं पाता। नतीजन सरकारी स्कूल स्विमिंग पूल की तरह नजर आने लगता है। दरअसल, बताया जाता है कि विद्यालय से लगी हुई सड़क पर सीसी रोड का निर्माण कराया गया और ठेकेदार ने अपनी मनमानी करते हुए विद्यालय की जल निकासी हेतु बनाई गई नाली को ही बंद कर दिया। नतीजतन अब सरकारी विद्यालय में जलभराव की समस्या उत्पन्न हो रही है। इस बारिश के मौसम में जब पानी बरसता है, तब सरकारी स्कूल जलभराव में तब्दील हो जाता है। ऐसे में विद्यालय आने वाले बच्चों को खासी दिक्कत उठानी पड़ती है। स्कूल में पढ़ने वाले छात्र छात्राएं सिर पर बैग लेकर आने को मजबूर हो जाते हैं। कई बच्चे जलभराव में गिरकर घायल तक हो जाते हैं, जिससे किताबें बैग भी ख़राब हो जाते हैं। फिर भी समस्या के निदान के लिए कोई व्यापक कदम नहीं उठाए गए।

प्रिंसिपल ने बेसिक शिक्षा अधिकारी से लगाई गुहार

विद्यालय के प्रधानाचार्य नंदराम ने बेसिक शिक्षा विभाग के अधिकारियों को लिखित प्रार्थना पत्र देकर विद्यालय में आ रही समस्याओं से अवगत कराया है लेकिन फिर भी समस्या जस की तस बनी हुई है। यहां पढ़ने वाली छात्रा कमलेश और छात्र विनय बताते हैं कि बरसात के दिन पर उनका स्कूल पानी से भर जाता है तथा स्कूल पहुंचने के लिए उन्हें दिक्कत उठानी पड़ती है कई बार जलभराव के कारण गिरकर स्कूली बच्चे घायल हो जाते हैं। अभिभावक बृजगोपाल की माने तो विद्यालय की व्यवस्थाएं बेहतर नहीं हो पा रही। जिस कारण बच्चे स्कूल आने से मना कर देते हैं।

बारिश के मौसम में समस्या बढ़ जाती है और पढ़ाई भी नहीं हो पाती। वहीं विद्यालय के प्रधानाचार्य नंदराम ने कहा कि उनके द्वारा बेसिक शिक्षा विंभाग को लिखित प्रार्थना पत्र भी दिया गया। जिसमें स्कूल में आने वाली समस्यों से अवगत कराया गया है। विद्यालय के जलभराव की निकासी के लिए बनी नालियों को ही बंद कर दिया गया। जिससे बारिश का पानी नहीं निकल पा रहा। जिससे बारिश का पानी बच्चों की कक्षाओं तक में घुस जाता है और शिक्षा में अवरोध पैदा होता है। इस समस्या को लेकर ग्राम प्रधान और अधिकारियों को बताया गया। मगर, समस्या जस की तस बनी हुई है।

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