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सुलतानपुर में विकास के मुद्दे पर मेनका गांधी ने कही इतनी बड़ी बात

मेनका गांधी ने कहा है कि ग्रामीण पत्रकार सबसे बड़े मददगार हैं। सरकार की योजनाएं गांव, गरीब तक पहुँचाने में उनकी बड़ी भूमिका है, लेकिन वर्तमान हम राजनीति में अटक जा रहे हैं, विकास की बात गौण हो जा रही है। श्रीमती गांधी ने कहा कि बिना लांछन के पर्सनल लड़ाई से बचकर मैं चाहती हूं कि आप लोग अच्छी स्टोरी फाइल करें।

राम केवी
Published on: 5 March 2020 2:31 PM GMT
सुलतानपुर में विकास के मुद्दे पर मेनका गांधी ने कही इतनी बड़ी बात
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सुलतानपुरः पूर्व केंद्रीय मंत्री व सांसद मेनका गांधी ने कहा है कि ग्रामीण पत्रकार सबसे बड़े मददगार हैं। सरकार की योजनाएं गांव, गरीब तक पहुँचाने में उनकी बड़ी भूमिका है, लेकिन वर्तमान हम राजनीति में अटक जा रहे हैं, विकास की बात गौण हो जा रही है। श्रीमती गांधी ने कहा कि बिना लांछन के पर्सनल लड़ाई से बचकर मैं चाहती हूं कि आप लोग अच्छी स्टोरी फाइल करें। इस मौके पर उन्होंने मुद्रा योजना अंतर्गत 5 लाभार्थियों को चेक भी सौंपे।

मेनका गांधी पत्र सूचना कार्यालय, सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय, भारत सरकार, लखनऊ के तत्वाधान में एक दिवसीय ग्रामीण मीडिया कार्यशाला की मुख्य अतिथि थीं। यह आयोजन जिला पंचायत हाल में था।

पुलिस को है सहयोग की अपेक्षा

साइबर क्राइम एवं सोशल मीडिया पर चर्चा में पुलिस अधीक्षक ग्रामीण शिवराज ने कहा कि ग्रामीण पत्रकार स्तंभ हैं। समस्याओं के निस्तारण में उनकी बहुत बड़ी भूमिका है। उन्होंने पत्रकारों से सहयोग की अपेक्षा करते हुए कहा कि घटनाओं की जानकारी पुलिस से करना आपका अधिकार है।

एसपी ने कहा कि पीड़ित तीन लोग होते हैं, पुरुष, महिला व बच्चे जिसमें महिला और बच्चों से जुड़ा मामला ज्यादा संवेदनशील है। साइबरवर्ल्ड के फायदे और नुकसान पर चर्चा में सोशल मीडिया पर क्या पोस्ट करना चाहिए, क्या नहीं, इस पर विस्तृत जानकारी दी। साथ ही, नए कानूनों एवं बदलावों से भी अवगत कराया।

उन्होंने भौतिक दुनिया एवं आभासी दुनिया में फर्क बताते हुए कहा कि मोबाइल में कभी कुछ डिलीट नहीं होता है, जैसे आपके दिमाग से कोई बातें डिलीट नहीं हो पाती। जागरूकता हो रही है फिर भी लोग साइबर क्राइम के शिकार हो रहे हैं इनमें जागरूकता के लिए ग्रामीण पत्रकारों की बड़ी अहमियत हैए ग्रामीण मीडिया मीडियम है।

ये है ग्राउंड जीरो की पत्रकारिता

वरिष्ठ पत्रकार राज खन्ना ने कहा कि ग्रामीण पत्रकारिता ग्राउंड जीरो की पत्रकारिता है। ग्रामीण मीडिया नींव के वे पत्थर हैं जो दिखते नहीं। जब हम पत्रकार बनते हैं तो खुद आईना बन जाते हैं। आईना बनने के साथ-साथ जिम्मेदारियां एवं चुनौतियां भी हैं। श्री खन्ना ने कहा कि पत्रकारिता पवित्र काम है उसे व्यापार के रूप में नहीं लिया जा सकता। पत्रकार दिनेश दुबे ने भी ग्रामीण पत्रकारों की चुनौतियों पर प्रकाश डालते हुए सवाल उठाया कि इस पर भी चर्चा होनी चाहिए कि पत्रकार कौन है।

पीआईबी वेब पोर्टल से जुड़े लोगों को पत्रकार मानती है

पीआईबी व दूरदर्शन के एडीजी आरपी सरोज ने ग्रामीणांचलों से आई मीडिया से केंद्र सरकार द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओं का जिक्र करते हुए कहा कि वेब पोर्टल से जुड़े लोंगो को भी हम पत्रकार मानते हैं।

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श्री सरोज ने पत्रकारों के कल्याण हेतु चलाई जा रही योजनाओं का जिक्र करते हुए बताया कि दक्षिण भारत में ज्यादा पत्रकारों ने यहां की अपेक्षा फायदा उठाया। उन्होंने कहा कि ग्रामीण मीडिया से वार्तालाप का उद्देश्य ही यही है कि पत्रकार केंद्र सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं से रूबरू हो सकें।

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एक भारत, श्रेष्ठ भारत स्वस्थ भारत की परिकल्पना पर प्रकाश डालते हुए आयुष्मान भारत पर चर्चा के लिए पधारे मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ सीबीएन त्रिपाठी ने विस्तार से विभागीय योजनाओं की जानकारी दी।

इन्होंने भी दी जानकारी

कौशल विकास पर जानकारी देते हुए जिला प्रबंधक वंदना सिंह ने एक छोटी सी कहानी के जरिए कौशल विकास की महत्ता पर प्रकाश डाला। बैंक ऑफ बड़ौदा से आए गौरव उपाध्याय ने बैंक पर द्वारा संचालित संचालित विभिन्न योजनाओं की जानकारी दी। जिला प्रोबेशन अधिकारी ने भी अपने विभाग की प्रगति की जानकारी देते हुए बताया कि 30274 पेंशन लोगों को दी जा रही है। संचालन उप निदेशक मीडिया पीआईबी डॉ श्रीकांत श्रीवास्तव ने किया। इस मौके पर बड़ी संख्या मे पत्रकारों ने कार्यशाला में प्रतिभाग लिया।

राम केवी

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