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शहीद कोरोना योद्धाः नहीं पूरी हुई 50 लाख देने की सरकारी घोषणा, दौड़ रहे परिजन

पूर्व एसीएमओ डॉ. जंग बहादुर की कोरोना से मौत होने के दो महीने बीत जाने के बाद भी अभी तक उनके परिवार को सरकार द्वारा की गई 50 लाख रुपये देने की घोषणा अभी तक पूरी नहीं हो सकी है।

Newstrack
Published on: 11 Oct 2020 6:01 AM GMT
शहीद कोरोना योद्धाः नहीं पूरी हुई 50 लाख देने की सरकारी घोषणा, दौड़ रहे परिजन
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शहीद कोरोना योद्धाः नहीं पूरी हुई 50 लाख देने की सरकारी घोषणा, दौड़ रहे परिजन (social media)

वाराणसी:कोरोना से बचाव कार्यक्रमों के नोडल अफसर रहे डॉ. जंगबहादुर की 12 अगस्त को कोरोना से मौत हो गई थी। उनकी मौत के बाद बीएचयू से उनके परिवार को दूसरी बॉडी दे दी गई थी। घर वालों की आपत्ति के बाद उनकी बॉडी घरवालों को दी गई और उनका अंतिम संस्कार हुआ।

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लेकिन पूर्व एसीएमओ डॉ. जंग बहादुर की कोरोना से मौत होने के दो महीने बीत जाने के बाद भी अभी तक उनके परिवार को सरकार द्वारा की गई 50 लाख रुपये देने की घोषणा अभी तक पूरी नहीं हो सकी है। इस कोरोना योद्धा का परिवार बनारस से लखनऊ के चक्कर काट रहा है लेकिन हर बार कोई न कोई बहाना बनाकर परिवार को बैरंग लौटा दिया जाता है।

डॉ. जंगबहादुर अभी अपने परिवार की जिम्मेदारियां पूरी नहीं कर सके थे

दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति यह है कि डॉ. जंगबहादुर अभी अपने परिवार की जिम्मेदारियां पूरी नहीं कर सके थे। उनके दो बटे और दो बेटियों में। छोटे बेटे को लीवर का कैंसर है जिसका मुंबई में इलाज चल रहा है। एक बेटी पीसीएस की तैयार कर रही है तो दूसरी बुंदेलखंड यूनिवर्सिटी से बी फार्मा कर रही है।

बडे बेटे युद्ध वीर का कहना है इस संकट की घड़ी में हम लोगों को पैसा मिल जाता तो हमारे कई काम हो जाते और भाई का इलाज भी आसान हो जाता, जिसमें काफी पैसा लग रहा है।

corona corona (social media)

इस संबंध में सीएमओ डॉ. वीबी सिंह का कहना है कि परिजनों को आर्थिक मदद से संबंधित फाइल कंप्लीट कर भेजी जा चुकी है। जबकि परिवार अभी तक मदद से कोसों दूर है।

डॉ. जंगबहादुर की 12 अगस्त को बीएचयू अस्पताल में मौत हो गई थी

वाराणसी के लंका क्षेत्र में महामनापुरम कालोनी में रहने वाले डॉ. जंगबहादुर की 12 अगस्त को बीएचयू अस्पताल में मौत हो गई थी। डा. जंग बहादुर को नौ अगस्त को बीएचयू अस्पताल में भर्ती कराया गया था। इलाज के दौरान कोविड जांच में मंगलवार को उनकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई, जिसके बाद उन्हें कोविड लेवल-थ्री अस्पताल बीएचयू में शिफ्ट किया गया। यहां इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई।

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डा. जंग बहादुर मूलरूप से जनपद मऊ के रहने वाले थे। जिले में समय-समय पर विभिन्न स्वास्थ्य कार्यक्रमों के संचालन में डा. जंग बहादुर का विशेष योगदान रहा। संक्रामक रोगों के प्रभावी नियंत्रण में भी उन्होंने अहम भूमिका निभाई थी।

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