TRENDING TAGS :
जानिए कौन हैं मसूद अहमद, बीजेपी पर लगाया टुकड़े-टुकड़े गैंग होने का आरोप
राष्ट्रीय लोकदल के प्रदेश अध्यक्ष डाॅ मसूद अहमद ने कहा कि केंद्र सरकार के इशारे पर जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय में हुई हिंसा ने देश के दिल के टुकड़े-टुकड़े कर दिये हैं और ऐसा करके केंद्र सरकार ने लगभग एक महीने से चले आ रहे वातावरण में आग में घी डालने जैसा काम किया है।
लखनऊ: राष्ट्रीय लोकदल के प्रदेश अध्यक्ष डाॅ मसूद अहमद ने कहा कि केंद्र सरकार के इशारे पर जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय में हुई हिंसा ने देश के दिल के टुकड़े-टुकड़े कर दिये हैं और ऐसा करके केंद्र सरकार ने लगभग एक महीने से चले आ रहे वातावरण में आग में घी डालने जैसा काम किया है। सरकार और भारतीय जनता पार्टी अपना दामन किसी भी प्रकार नहीं बचा पायेगी क्योंकि इस हिंसा की जिम्मेदारी हिंदू रक्षा दल नामक संगठन ने ली है जिसकी घोषणा संगठन के अध्यक्ष पिंकी चैधरी ने अपने वक्तव्य में की है।
डाॅ अहमद ने कहा कि अनावश्यक रूप से टुकड़े टुकड़े गैंग की बात करने वालों ने पूरे देश के टुकड़े-टुकड़े करके अपना मन्तव्य साधने की कोशिश की है। जेएनयू जैसी भारत की श्रेष्ठ शिक्षण संस्था में बाहरी तत्वों द्वारा सरकार ने हिंसा कराकर छात्र गुटों में ही फूट डालने की कोशिश की है।
यह भी पढ़ें...निर्भया केस: दोषियों के खिलाफ डेथ वारंट जारी, 22 जनवरी को होगी फांसी
उन्होंने कहा कि इसी प्रकार का प्रयोग इससे पहले अलीगढ मुस्लिम विश्वविद्यालय और जामिया मिलिया जैसी नामचीन संस्थाओं में भी किया गया है। निश्चित रूप से इसका प्रभाव देश के युवाओें में जहर घोलने जैसा होगा। देश के लिए यह बड़े दुर्भाग्य की बात है कि आज जो लोग बयान दे रहे हैं कि शिक्षण संस्थाओं को राजनीतिक अखाड़ा नहीं बनने दिया जायेगा वहीं लोग इस तरह की घटनाओं में मुख्य भूमिका रखते हैं।
यह भी पढ़ें...अभी-अभी कश्मीर में चली गोलियां: आतंकियों का था बड़ा प्लान, मौत बनकर बरसी सेना
प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि जेएनयू में हुई हिंसा की न्यायिक जांच सर्वोच्च न्यायालय के वर्तमान न्यायधीश द्वारा कराई जाए, क्योंकि इस हिंसा को छात्रों के बीच हुई मारपीट की तरह नहीं देखा जा सकता।
यह भी पढ़ें...अमेरिका-ईरान युद्ध! अभी-अभी मची भगदड़, 35 की मौत, 50 से अधिक घायल
उन्होंने कहा कि शासन के विवादित फैसलों से समाज में फैले असंतोष और उसे दबाने की कोशिशों का नाता भी इन घटनाओं में दिखता है। न्यायिक जांच के माध्यम से ही तथ्यपरक जानकारी देश के सामने आएगी और भविष्य में ऐसी हिंसक घटनाओं की पुनरावृत्ति से बचना संभव होगा।