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अयोध्या की तरह ही है मथुरा में श्री कृष्ण जन्म भूमि का विवाद
अयोध्या में राम जन्मभूमि विवाद का सुप्रीम कोर्ट से फैसला आने के बाद अब मथुरा में श्री कृष्ण जन्मभूमि मामला कोर्ट पहुंच गया है जिस पर आज सुनवाई होनी है।
लखनऊ: आज से 30 साल पहले अयोध्या आंदोलन के दौरान एक नारा लगा करता था अभी तो पहली झांकी है मथुरा काशी बाकी है। उस नारे का असर अब दिखने लगा है। अयोध्या में राम जन्मभूमि विवाद का सुप्रीम कोर्ट से फैसला आने के बाद अब मथुरा में श्री कृष्ण जन्मभूमि मामला कोर्ट पहुंच गया है जिस पर आज सुनवाई होनी है।
पहले भी कोर्ट में पेश हुआ मामला
दरअसल यह मामला भी राम जन्मभूमि की तरह ही वर्षों से विवादित है। यहां भी श्री कृष्ण जन्मभूमि स्थान पर मस्जिद का निर्माण कराया गया और अयोध्या की तरह ही यहां पर भी मूर्तियों को हटाया गया। यह मामला पहले भी कोर्ट में जा चुका है। अब अगर इसके अतीत की बात करें तो 8 फरवरी 1944 को राजा पटनीमल के वारिश राय किशन दास व राय आनंद दास ने 13.7 एकड़ जमीन को पंडित मदन मोहन मालवीय गोस्वामी गणेश दास व वी केंद्र लाल आत्रे के नाम बैनामा करवाया था इसका भुगतान जुगल किशोर बिरला ने किया था। इसके बाद उन्हें संज्ञान में इसके लिए एक ट्रस्ट बनाया गया। जिसमें अध्यक्ष व सचिव के साथ सदस्यों को भी रखा गया।
औरंगजेब ने हटवाई थी श्री कृष्ण की मूर्तियां
जानकारी के अनुसार श्री कृष्ण जन्मस्थान और शाही मस्जिद ईदगाह का विवाद काफी पुराना है। यह मामला इसके पहले अलग-अलग न्यायालयों में 9 बार दाखिल किया जा चुका है। इसका पहला मुकदमा 15 मार्च 1832 को अताउल्ला खातिर ने दायर किया था। श्री कृष्ण जन्मस्थान के यदि इतिहास की बात करें तो राजा वीर बुंदेला ने वर्ष 1618 में इसका निर्माण कराया था । इसके बाद 1670 में आक्रांता औरंगजेब ने मंदिर को दोस्त कर भगवान श्री कृष्ण की मूर्तियों को वहां से हटवा दिया। 5 अप्रैल 1770 को गोवर्धन की जंग में जीत के बाद मराठों ने फिर मंदिर का निर्माण कराया। इसके बाद अंग्रेजों ने 1815 में कटरा केशव देव मंदिर को 13237 शिखर धवन की नीलामी की थी।
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श्री कृष्ण जन्मभूमि पर मस्जिद को हटाने की मांग
अब यह मामला अधिवक्ता हरि शंकर जैन और विष्णु शंकर जैन ने एक मुकदमा कथित मस्जिद ईदगाह के प्रबंधन समिति द्वारा अवैध रूप से अतिक्रमण को हटाने के लिए दायर किया गया है। यह याचिका भगवान श्रीकृष्ण विराजमान, कटरा केशव देव खेवट, मौजा मथुरा बाजार शहर की ओर से उनकी अंतरंग सखी के रूप में अधिवक्ता रंजना अग्निहोत्री और छह अन्य भक्तों की तरफ से दाखिल की गई है। याचिका के जरिये 13.37 एकड़ की कृष्ण जन्मभूमि का स्वामित्व मांगा गया है। जिस पर मुगल काल में कब्जा कर शाही ईदगाह बना दी गई थी। अब एक याचिका में शाही ईदगाह मस्जिद को हटाने की मांग की गई है।
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