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राधे-राधे से गूंजा वृन्दावन: दूसरा शाही स्नान सम्पन्न, संतों ने लगाई यमुना में डुबकी
आईजी सतीश गणेश ने कहा कि यमुना का किनारा ओर जिम्मेदारी को सकुशल सम्पन्न कराने के बाद पुलिस कर्मियों ने भी आस्था की डुबकी लगाई है जो व्यवस्थाओ के सकुशल सम्पन्न होने की खुशी है।
मथुरा: वृन्दावन में चल रहे 40 दिवसीय वैष्णव कुम्भ का दूसरा शाही स्नान आज सम्पन्न हुआ । विजय एकादशी पर्व पर होने वाले इस शाही स्नान से पूर्व नगर में भव्य पेशवाई निकाली गयी. यमुना के पुलिन तट से शुरू हुई पेशवाई नगर के प्रमुख मार्गों से होती हुई शाही स्नान घाट पहुँची । विजय एकादशी पर्व पर वैष्णव कुंभमेला बैठक के दूसरे शाही स्नान पर आज कान्हा की नगरी का जर्रा जर्रा जय श्री राम और राधे -राधे की जय जयकार से अनुगुंजित हो उठा. जहां यमुनातट पर सन्तमहंतो के सान्निध्य में भक्तो ने भक्ति के सागर में गोते लगाये वही नगर के मन्दिर देवालयों में आस्था का ज्वार उमड़ता दिखाई दिया।
शाही स्नान
आज के इस शाही स्नान में संतो श्रद्धालुओ के अलावा पुलिस कर्मियों ओर अधिकारियों ने भी पूजन किया और जमकर यमुना स्नान किया । इस संबंध में आईजी सतीश गणेश ने कहा कि यमुना का किनारा ओर जिम्मेदारी को सकुशल सम्पन्न कराने के बाद पुलिस कर्मियों ने भी आस्था की डुबकी लगाई है जो व्यवस्थाओ के सकुशल सम्पन्न होने की खुशी है।
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धर्म नगरी में उमड़ा आस्था का सैलाब
वैष्णव कुंभमेला बैठक का दूसरा शाही स्नान आध्यात्म व संस्कृति का अदभुत संगम चहुँओर सिर्फ जय श्री राम और राधे राधे के जयकारे ,मानो धार्मिक नगरी में आज आस्था का सैलाब उमड़ पड़ा। देवरहा बाबा मार्ग से शुरू हुई शाही पेशवाई में सजे धजे ऊंट घोड़ो पर बैठे साधु, बग्गियों में विराजित महामण्डलेश्वर, पटेबाजी करते नागा साधु न केवल सनातनी परम्परा के विराट वैभव का प्रदर्शन कर रही थी बल्कि सन्त महंतो के आध्यात्मिक स्वरूप का दर्शन भी करा रही थी। नगरवासी तो जैसे इस अद्वितीय पल का साक्षी बनने को बेताब थे। कदम कदम पर ब्रजवासियों के स्वागत की अनवरत श्रंखला सन्त महंतो को अभिभूत कर रही थी। सड़के फूलों की बरसात से पट गयी। लेकिन श्रद्धा से परिपूर्ण स्वागत अपने चरम पर था। हर कोई साधुओ को ब्रज सँस्कृति की स्वागत परम्परा से रूबरू कराने को लालायित था।
संतों-भक्तों में दिखा उत्साह
लगभग तीन घण्टे के नगर भ्रमण के उपरांत जैसे ही शाही पेशवाई ने कुंभमेला स्थल पर प्रवेश किया। भक्तो के साथ सन्तो का उत्साह दोगुना हो उठा। मात्र 500 मीटर का मार्ग तय करने में सन्तमहंतो को चालीस मिनट तक इंतजार करना पड़ा। यमुनातट के शाही स्नान घाट पर चतुसम्प्रदाय के पुरोहित पूजा का थाल सजाये सन्तमहंतो के आगमन की बेसब्री से प्रतीक्षा कर रहे थे। घाट पर पूजन की वैदिक प्रक्रिया प्रारंभ हुई। सर्वप्रथम पारम्परिक निशानों को स्नान कराया गया। इसके साथ ही सन्तमहंतो के टोली यमुना जल में हिलोरे मारने लगी। सन्तो के स्नान की प्रतीक्षा कर हजारों भक्त भी भक्ति के सागर में गोते लगाने लगे। स्नानार्थियों की लंबी कतारें तड़के 4 बजे से शुरू होकर सायंकाल तक टूटने का नाम ही नही ले रही थी।
इधर, कुंभमेला क्षेत्र के अलावा चाहे परिक्रमा मार्ग हो या मन्दिर देवालयों को जाने वाले प्रमुख मार्ग सिर्फ भक्तो की भीड़ से अटे दिखाई पड़ रहे थे और जो भी भक्त इस कुम्भ में शाही इस्नान करने आये उन्होंने व्यबस्थाओ को लेकर प्रसन्नता व्यक्त की ।
रिपोर्ट- नितिन गौतम
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