TRENDING TAGS :

Aaj Ka Rashifal

Mathura News: गर्भ गृह से निकलकर स्वर्ण झूले पर विराजमान होंगे बांके बिहारी, वृंदावन में मनाया जाएगा हरियाली तीज

Mathura News: वृंदावन संगीत शिरोमणि स्वामी हरिदास जी के लाडले भगवान बांके बिहारी जी महाराज हरियाली तीज पर्व 19 अगस्त को स्वर्ण रजत निर्मित बेशकीमती हिंडोले (झूला) में विराजमान होंगे। बांके बिहारी जी का यह झूला खासियतों को समेटे हुए है।

Mathura Bharti
Published on: 18 Aug 2023 9:49 PM IST
Mathura News: गर्भ गृह से निकलकर स्वर्ण झूले पर विराजमान होंगे बांके बिहारी, वृंदावन में मनाया जाएगा हरियाली तीज
X
(Pic: Newstrack)

Mathura News: कान्हा की नगरी में कल शनिवार को हरियाली तीज का पर्व बड़े ही भक्ति भाव और आस्था के साथ मनाया जाएगा। वृंदावन स्थित विश्व प्रसिद्ध भगवान बांके बिहारी मंदिर में यह उत्सव बड़े ही धूमधाम और विशेष रूप से मनाया जाता है। साल में एक ही दिन हरियाली तीज के दिन भगवान बांके बिहारी गर्भ ग्रह से निकलकर स्वर्ण रजत झूले में विराजमान होंगे और संपूर्ण मंदिर परिसर को हरे रंग का श्रृंगार कराया जाएगा।

जिला प्रशासन ने किए पुख्ता इंतजाम

हरियाली तीज के दिन आने वाले लाखों भक्तों की संख्या को देखते हुए जिला प्रशासन ने भीड़ को नियंत्रित करने के साथ-साथ पार्किंग, खोया-पाया केंद्र आदि व्यवस्थाओं को पूर्ण कर लिया है। इस संदर्भ में जिलाधिकारी पुलकित खरे और एसएससी शैलेश पांडे ने वृंदावन शोध संस्थान में अधीनस्थों के साथ एक बैठक की। ब्रीफिंग के साथ ही त्यौहार को सकुशल संपन्न कराने के निर्देश अधीनस्थ कर्मचारियों को दिया गया।

स्वर्ण रजत निर्मित हिंडोले में कल दर्शन देंगे ठाकुर बांके बिहारी

वृंदावन संगीत शिरोमणि स्वामी हरिदास जी के लाडले भगवान बांके बिहारी जी महाराज हरियाली तीज पर्व 19 अगस्त को स्वर्ण रजत निर्मित बेशकीमती हिंडोले (झूला) में विराजमान होंगे। बांके बिहारी जी का यह झूला खासियतों को समेटे हुए है। अदभुत झूले में वर्ष में एक बार विराजमान भगवान बांके बिहारी को प्रेम और आस्था की डोर से झूला झुलाने के लिए देश विदेश से भक्त बड़ी संख्या में वृंदावन पहुंचेंगे। विश्व प्रसिद्ध बांके बिहारी जी का झूला जितना अदभुत है, उतना ही ऐतिहासिक भी है। यहां झूला बनाने की शुरुआत 1942 में हुई थी। पांच साल की कारीगरों द्वारा की गई मेहनत के बाद यह झूला 15 अगस्त 1947 में बनकर तैयार हुआ। इस दिन हरियाली तीज का पर्व भी था। इसलिए भगवान बांके बिहारी पहली बार इस झूले में देश को मिली आजादी के दिन ही विराजमान हुए थे।

20 किलो स्वर्ण और 100 किग्रा चांदी का है बांके बिहारी जी का झूला

बांके बिहारी जी के लिए झूला मंदिर का निर्माण कराने वाले सेठ हरगुलाल बेरीवाला के परिवार ने भगवान की सेवा में यह झूला बनवाया और उनको अर्पित किया। बेरीवाला परिवार ने इस झूले को बनाने का ऑर्डर बनारस के कारीगरों को दिया। जिसके लिए टनकपुर के पास स्थित जंगल से शीशम की लकड़ी मंगाई गई। दो वर्ष तक लकड़ी को सुखाया गया। इसके बाद 25 कारीगरों ने मेहनत कर झूले का निर्माण शुरू किया। पहले लकड़ी पर कारीगरी कर झूला तैयार किया गया। इसके बाद इस पर 20 किलो सोना और 100 किलो चांदी की परत चढ़ाई गई।

भगवान बांके बिहारी जी का यह बेशकीमती झूला अपने आप में कई खासियत समेटे हुए है। इस हिंडोले का आकर्षण आज भी वैसा ही बना हुआ है, जैसा पहली बार था। हिंडोले के ऊपरी हिस्से पर की गई पच्चीकारी अपने आप में अद्भुत है। हिंडोले के दोनों और आदमकद सखियों की प्रतिमाएं बरबस ही भक्तों को अपनी ओर आकर्षित करती है। हिंडोले पर विराजमान ठाकुर जी के श्रीविग्रह को सुगन्धित इत्रों की मालिश कर रेशम से कढ़े हरे रंग के वस्त्र धारण कराये जाते है।



\
Mathura Bharti

Mathura Bharti

Next Story