कोरोना से जंग: प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए बांटीं आयुर्वेदिक दवाएं

केंद्र और राज्य सरकार कोरोना पॉज़िटिव मरीजों के इलाज के साथ ही साथ आम लोगों की शारीरिक रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाकर कोविड-19 संक्रमण से बचाने की दिशा में लगातार कार्य कर रही है।

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Published on: 20 Aug 2020 4:26 AM GMT
कोरोना से जंग: प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए बांटीं आयुर्वेदिक दवाएं
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प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए बांटीं आयुर्वेदिक दवाएं

मऊ: केंद्र और राज्य सरकार कोरोना पॉज़िटिव मरीजों के इलाज के साथ ही साथ आम लोगों की शारीरिक रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाकर कोविड-19 संक्रमण से बचाने की दिशा में लगातार कार्य कर रही है। इसके लिए जनपद स्तरीय आयुर्वेदिक चिकित्सालयों के माध्यम से निःशुल्क आयुष-64 (आई-64) टेबलेट व अणु तेल का वितरण किया जा रहा है। यह दवा आयुष मंत्रालय की ओर से तैयार की गयी है। वर्तमान में इन दवाओं का वितरण जनपद के हाई रिस्क क्षेत्रों में किया जा रहा है। चिकित्सक भी इसे कोरोना से बचने के लिये काफी कारगर मान रहे हैं।

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जनपद में आयुर्वेद और यूनानी के कुल 35 अस्पताल

मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ सतीशचन्द्र सिंह ने बताया कि जनपद में आयुर्वेद और यूनानी के कुल 35 अस्पताल हैं जिसमें 29 आयुर्वेदिक और 6 यूनानी के कार्यरत हैं जिसका संचालन राजकीय क्षेत्रीय आयुर्वेदिक एवं यूनानी अधिकारी के देखरेख में होता है। सीएमओ ने बताया कि जो लोग कंटेनमेंट जोन के रहने वाले या किसी गैर उपचारित कोरोना मरीज के संपर्क में आए हुए हैं। उन्हें यह काढ़ा और अन्य आयुर्वेद की दवाओं के माध्यम से उपचारित कर रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करने के लिये दी जा रही हैं। उनके द्वारा रेफर मरीजों की जाँच कर पॉज़िटिव होने पर एल-वन या होम आइसोलेशन के लिये सलाह दी जा रही है।

आई-64 दवा व नाक में डालने के लिए अणु तेल दिया जा रहा

राजकीय क्षेत्रीय आयुर्वेदिक एवं यूनानी अधिकारी डॉ जयराम यादव ने बताया कि कोरोना पॉज़िटिव मरीज के निकट हाई रिस्क एरिया में रहने वाले व्यक्तियों को कोविड-19 संक्रमण होने का खतरा ज्यादा होता है। ऐसे लोग अस्पताल में आकर पंजीकरण करा सकते हैं और निःशुल्क दवा प्राप्त कर सकते हैं। इनकी रोग-प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए निःशुल्क आई-64 दवा व नाक में डालने के लिए अणु तेल दिया जा रहा है। दवा जहां इम्युनिटी में बढोत्तरी करती है, वहीं तेल के उपयोग से नाक की कैनाल को वायरस से लड़ने की क्षमता मिलती है।

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तब नाक के जरिए संक्रमण का खतरा कम होता है। यह दवा मलेरिया और बुखार में भी फायदेमंद है। इसके लिए डॉ जयराम ने सलाह दी कि दवा का प्रयोग चिकित्सक की सलाह पर ही करें।

डॉ जयराम ने बताया कि आयुर्वेदिक अस्पतालों में कोरोना की विशेष ओपीडी संचालित की जा रही है। यहां आने वालों की जांच भी की जा रही है। पंजीकरण के लिए आधार कार्ड दिखाना आवश्यक है। अस्पताल में सही नाम, पता, मोबाईल नंबर नोट कराकर दवा दी जा रही है। बुखार, खांसी, गले में संक्रमण होने पर मरीज को कोविड-19 जांच के लिए निकटतम सीएचसी/पीएचसी रेफर कर दिया जाता है।

रिपोर्ट: आसिफ रिजवी

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