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Mau News: 12.29 लाख बालक-बालिकाओं को खिलाई जाएगी दवा, 10 अगस्त को मनेगा राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस

Mau News: मऊ में 10 अगस्त को राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस मनाया जाएगा। इस अवसर पर एक से 19 साल की उम्र के 12.29 लाख बालक-बालिकाओं को कृमि से मुक्ति (पेट के कीड़े निकालने) के लिए एल्बेंडाजोल दवा खिलाई जाएगी।

Asif Rizvi
Published on: 2 Aug 2023 7:51 PM IST
Mau News: 12.29 लाख बालक-बालिकाओं को खिलाई जाएगी दवा, 10 अगस्त को मनेगा राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस
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Mau News: मऊ में 10 अगस्त को राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस मनाया जाएगा। इस अवसर पर एक से 19 साल की उम्र के 12.29 लाख बालक-बालिकाओं को कृमि से मुक्ति (पेट के कीड़े निकालने) के लिए एल्बेंडाजोल दवा खिलाई जाएगी। अभियान की सफलता के लिए बुधवार को सीएमओ सभागार में कार्यशाला का आयोजन किया गया। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. नन्द कुमार ने बताया कि जनपद में 10 अगस्त को समस्त सरकारी एवं गैर सरकारी स्कूल-कॉलेज, मदरसा व 2585 आंगनबाड़ी केंद्रों पर राष्ट्रीय कृमि मुक्ति अभियान के तहत एल्बेंडाजोल की गोली खिलाई जाएगी। इसके बाद 17 अगस्त तक मॉपअप चरण आयोजित होगा, जिसमें 10 अगस्त को गोली खाने से वंचित बच्चों को कवर किया जाएगा। 12,28,973 लाख बालक-बालिकाओं को दवा खिलाने का लक्ष्य रखा गया है, जिसे हर हाल में प्राप्त किया जाएगा। एक से दो साल के बच्चों को आधी गोली अच्छी तरह से चूरा करके पानी में मिलाकर खिलाई जाएगी। दो से तीन साल के बच्चों को एक पूरी गोली चूरा करके पानी के साथ खिलानी है। तीन से 19 साल के बालक-बालिकाओं को एक पूरी गोली चबाकर खानी होगी।

अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी एवं कार्यक्रम के नोडल अधिकारी डा. बी के यादव ने बताया कि गंभीर कृमि संक्रमण से कई लक्षण उत्पन्न हो सकते हैं जैसे दस्त, पेट में दर्द, कमजोरी, उल्टी और भूख न लगना। बच्चे के पेट में कीड़े की मात्रा जितनी अधिक होगी, संक्रमण के लक्षण उतने ही अधिक होंगे। हल्के संक्रमण वाले बच्चों में आमतौर पर कोई लक्षण नहीं दिखते हैं। उन्होंने कृमि मुक्ति के फायदे के बारे में बताया कि इससे स्वास्थ्य और पोषण में सुधार, रोग प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि, एनीमिया नियंत्रण, सीखने की क्षमता और कक्षा में उपस्थिति में सुधार होता है।

राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के जिला सामुदायिक प्रक्रिया प्रबंधक (डीपीएम) संतोष सिंह ने बताया कि एक से पांच साल तक के सभी पंजीकृत बच्चों को, छह से 19 साल तक के स्कूल न जाने वाले सभी बालक-बालिकाओं एवं ईंट-भट्ठों पर कार्य करने वाले श्रमिक व घुमंतू लोगों के बच्चों को आंगनबाड़ी केंद्र पर दवा खिलाई जाएगी। जबकि छह से 19 तक के सभी छात्र-छात्राओं को सरकारी, सरकारी सहायता प्राप्त, प्राइवेट स्कूलों, मदरसों में शिक्षकों के माध्यम से दवा खिलाई जाएगी। डीईआईसी प्रबंधक आरबीएसके अरविन्द वर्मा एवं एविडेंस एक्शन के जिला समन्वयक विनीत सिंह ने संयुक्त रूप से बताया कि जल्द ही इसके लिए टीम को प्रशिक्षण दिया जाएगा। अभियान में शत-प्रतिशत लक्ष्य हासिल करने पर पूरा फोकस रहेगा।



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Asif Rizvi

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