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मायावती सबसे आगेः मंत्रिमंडल से बाहर करने में अव्वल, जानें यूपी की सरकारों के हाल

अपना मुख्यमंत्रित्वकाल में अखिलेश यादव ने ग्यारह कैबिनेट मंत्री और ग्यारह राज्यमंत्रियों को बर्खास्त किया। लेकिन मायावती ने अपने कार्यकाल में दो दर्जन मंत्रियों और कई राज्यमंत्रियों को बर्खास्त किया और कुछ से इस्तीफा भी लिए।

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Published on: 31 Dec 2020 12:24 PM IST
मायावती सबसे आगेः मंत्रिमंडल से बाहर करने में अव्वल, जानें यूपी की सरकारों के हाल
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मायावती सबसे आगेः मंत्रिमंडल से बाहर करने में अव्वल, जानें यूपी की सरकारों के हाल (PC: social media)

लखनऊ: प्रदेश की भाजपा सरकार के एक मंत्री कपिलदेव अग्रवाल के भाई ललित अग्रवाल के खिलाफ धोखाधड़ी और फर्जीवाड़े के आरोप में हजरतगंज थाने में मुकदमा दर्ज होने के बाद उन्हे मंत्रिमडल से बाहर करने की मांग की जा रही है। हांलाकि अभी इस मामले में सच्चाई सामने नहीं आई है पर इसके पूर्व राजेष अग्रवाल, अनुपमा जायसवाल धर्मपाल सिंह और अर्चना पाण्डेय से इस्तीफा लिए जा चुके हैं।

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यूपी सरकार के अतीत को देखा जाए तो इस प्रदेश मे पूर्व की सरकारों में मंत्रियों को बर्खास्त करने का लम्बा इतिहास रहा है। फिर चाहे वह कल्याण सिह की सरकार हो अथवा मायावती की। लेकिन मंत्रियों को बर्खास्त करने के मामलें मे आज तक कोई बसपा की मुख्यमंत्री मायावती के बराबर नहीं आ सका।

अपना मुख्यमंत्रित्वकाल में अखिलेश यादव ने ग्यारह कैबिनेट मंत्री और ग्यारह राज्यमंत्रियों को बर्खास्त किया। लेकिन मायावती ने अपने कार्यकाल में दो दर्जन मंत्रियों और कई राज्यमंत्रियों को बर्खास्त किया और कुछ से इस्तीफा भी लिए।

मायावती ने जिन मंत्रियों को बर्खास्त किया था

मायावती ने जिन मंत्रियों को बर्खास्त किया था उनमें कैबिनेट मंत्री अशोक कुमार दोहरे,राजपाल त्यागी, फतेहबहादुर सिंह, चन्द्रदेव यादव, राकेश धर त्रिपाठी के अलावा राज्यमंत्रियो में राजेश त्रिपाठी, आनंद सेन, रतनलाल अहिरवार, अवधेश कुमार वर्मा, हरिओम उपाध्याय, अकबर हुसैन, यशपाल सिंह, सदल प्रसाद, अनीस अहमद खान, शहजिल इस्लाम शामिल थे जबकि जिन मंत्रियो से इस्तीफा लिया गया उनमें बाबू सिंह कुशवाहा अनंत कुमार मिश्र,कमलाकांत गौतम,सुधीर गोयल, अवधपाल सिहं यादव, रंगनाथ मिश्र बादशाह सिंह और राज्यमंत्री विद्या चौधरी , रघुनाथ प्रसाद, जमुना निषाद (दिवंगत) दद्दन मिश्र शामिल थे।

इससे पहले मुख्यमंत्री राजनाथ सिंह ने कैबिनेट मंत्री नरेश अग्रवाल और स्वतंत्र प्रभार के राज्यमंत्री अशोक यादव और अमरमणि त्रिपाठी को बर्खास्त किया था। मुलायम सिंह यादव ने अपने पिछले मुख्यमंत्रित्वकाल में दो राज्यमंत्रियों बृजेन्द्र प्रताप सिंह और मिथिलेश कुमार को बर्खास्त किया था।

कैबिनेट मंत्रियों सहित कई राज्यमंत्रियों को बर्खास्त किया था

पिछली समाजवादी पार्टी सरकार के दौरान मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने वर्ष 2015 में एक बारगी पांच कैबिनेट मंत्रियों सहित कई राज्यमंत्रियों को बर्खास्त किया था। इससे पहले मुख्यमंत्री रहते हुए कल्याण सिंह ने भी अपने एक साथ पांच राज्यमंत्रियों को बर्खास्त किया था। 1997 -98 की गठबंधन सरकार में कल्याण सिंह ने तख्ता पलट के आरोप में अपने मंत्रिमंडल में परिवहन मंत्री रहे जगदंबिका पाल को भी बर्खास्त किया था जबकि अपने पहले मुख्यमंत्रित्वकाल मे कल्याण सिंह ने स्वास्थ्य मंत्री डा.दिनेश जौहरी को बर्खास्त किया था।

अखिलेश यादव ने 29 अक्तूबर 2015 को एक साथ आठ मंत्रियों को बर्खास्त कर दिया

अखिलेश यादव ने खनन मंत्री गायत्री प्रजापति और पशुपालन मंत्री राजकिशोर सिंह को बर्खास्त करने से पहले मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने मार्च 2014 में कैबिनेट मंत्री राजा आनंद सिंह, राज्य मंत्री मनोज पारस और पवन पांडेय को हटाया तो अप्रैल 2013 में कैबिनेट मंत्री राजा राम पांडेय को तथा जून 2014 में और मनोज पांडेय को बर्खास्त कर दिया। इनमे से राजा राम पांडेय की मृत्यु हो चुकी है। जबकि गोंडा में सीएमओं को धमकाने के आरोप में अखिलेश ने कैबिनेट मंत्री विनोद कुमार सिंह उर्फ पंडित सिंह से इस्तीफा ले लिया था लेकिन बाद में उन्हे मंत्रिमंडल में वापस भी ले लिया था। इसके बाद अखिलेश यादव ने 29 अक्तूबर 2015 को एक साथ आठ मंत्रियों को बर्खास्त कर दिया था।

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इनमें स्टाम्प एवं न्याय शुल्क पंजीयन व नागरिक सुरक्षा मंत्री राजा महेंद्र अरिदमन सिंह, पिछड़ा वर्ग कल्याण एवं विकलांग कल्याण मंत्री अंबिका चैधरी, वस्त्र उद्योग एवं रेशम विभाग मंत्री शिव कुमार बेरिया, प्राविधिक शिक्षा मंत्री शिवाकांत ओझा, खादी एवं ग्रामोद्योग मंत्री नारद राय, प्राविधिक शिक्षा राज्यमंत्री आलोक कुमार शाक्य, बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री योगेश प्रताप सिंह और सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम एवं निर्यात प्रोत्साहन राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार)भगवत शरण गंगवार शामिल थे। यही नहीं इसी दिन उन्होंने नौ मंत्रियों के विभाग भी छीन लिए थे। इसके बाद जून 2016 में कौमी एकता दल के विलय के मामले में माध्यमिक शिक्षा मंत्री बलराम यादव को मंत्रिमंडल से बर्खास्त कर दिया गया। हालांकि कुछ ही दिनों के बाद उनकी मंत्रिमंडल में वापसी हो गयी।

रिपोर्ट- श्रीधर अग्निहोत्री

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