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राज्य सरकारों पर गरजी मायावती, केंद्र सरकार इस पर हस्तक्षेप करने को कहा
देश में लाकडाउन के आज 65वें दिन यह थोड़ी राहत की खबर है कि न्यायालयों ने कोरोनावायरस की जांच व इलाज में सरकारी अस्पतालों की बदहाली, निजी अस्पतालों की उपेक्षा व मौतों के सम्बन्ध में केंद्र व राज्य सरकारों से सवाल जवाब शुरू कर दिया है।
लखनऊ। बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने यूपी की योगी सरकार पर अप्रत्यक्ष निशाना साधा है। मायावती ने मंगलवार को टवी्ट करके कहा है कि कोरोना के बढ़ते मरीजों व मौतों के मद्देनजर केंद्र व देश के विभिन्न राज्यों के बीच तालमेल व सदभावना के बजाए उनके बीच बढ़ता आरोप-प्रत्यारोप तथा राज्यों की आपसी सीमाओं को सील करना अनुचित व कोरोना के विरूद्ध संकल्प को कमजोर करने वाला है। उन्होंने केंद्र सरकार के प्रभावी हस्तक्षेप को जरूरी बताया है। बता दे कि यूपी की योगी सरकार द्वारा अनलॉक 1.0 यूपी-दिल्ली सीमा को बंद रखा गया है।
अमेरिका को भी घेरा
बसपा सुप्रीमों मायावती ने एक अन्य टवी्ट में अमेरिका में पुलिस के हाथों हुई एक अश्वेत की मौत का हवाला देते हुए एक बार फिर प्रवासी मजदूरों का मामला उठाया है। मायावती ने कहा है कि जार्ज फ्लायड की पुलिस के हाथों मौत के बाद अश्वेतों की जिंदगी की भी कीमत को लेकर अमेरिका में हर जगह व विश्व के बड़े शहरों में भी इसके समर्थन में जो आन्दोलन हो रहा है, उसका पूरी दुनिया को स्पष्ट संदेश है कि आदमी के जीवन की कीमत है व इसको सस्ती समझने की भूल नहीं करनी चाहिए।
खासकर अपने भारत का अनुपम संविधान तो प्रत्येक व्यक्ति की स्वतंत्रता, सुरक्षा व उसके आत्म-सम्मान व स्वाभिमान के साथ जीने की ज़बरदस्त मानवीय गारण्टी देता है, जिस पर सरकारों को सबसे ज्यादा ध्यान देना चाहिए। अगर ऐसा होता तो करोड़ों प्रवासी श्रमिकों को आज इतने बुरे दिन नहीं देखने पड़ते।
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अनलॉक 1.0 पर दी अपनी राय
आपको बता दे कि बसपा सुप्रीमों मायावती कोरोना महामारी तथा प्रवासी मजदूरों के मामले में लगातार केंद्र व राज्य सरकारों को सलाह देते हुए निशाना साध रही है। अनलॉक 1.0 में दी गई छूट पर भी मायावती ने बीते सोमवार को केंद्र व राज्य सरकारों को और भी ज्यादा गंभीर होने की सलाह दी थी। इसी तरह बीते गुरुवार को भी मायावती ने ट्वीट किया था कि जिस प्रकार लाकडाउन से पीड़ित व घर वापसी को लेकर मजबूर प्रवासी श्रमिकों की बदहाली व रास्ते में उनकी मौत आदि के कड़वें सच मीडिया के माध्यम से देश-दुनिया के सामने है। वह पुनःस्थापित करते है कि केंद्र व राज्य सरकारों को इनकी बिल्कुल भी चिन्ता नहीं है, यह अति दुखद है।
राज्य सरकार दे जवाब
गुरुवार को ही एक अन्य ट्वीट में उन्होंने कहा था कि देश में लाकडाउन के आज 65वें दिन यह थोड़ी राहत की खबर है कि न्यायालयों ने कोरोनावायरस की जांच व इलाज में सरकारी अस्पतालों की बदहाली, निजी अस्पतालों की उपेक्षा व मौतों के सम्बन्ध में केंद्र व राज्य सरकारों से सवाल जवाब शुरू कर दिया है।
रिपोर्टर - मनीष श्रीवास्तव, लखनऊ
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