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बेरोजगारों से ठगी: पुलिस ने किया गिरोह का भंडाफोड, सामने आई सच्चाई
उत्तर प्रदेश के मेरठ पुलिस ने बेरोजगारों को सरकारी नौकरी दिलवाने के नाम पर ठगने वाले एक गिरोह का पर्दाफाश किया है। गिरोह के शातिर सरगना समेत तीन लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है।
मेरठ: उत्तर प्रदेश के मेरठ पुलिस ने बेरोजगारों को सरकारी नौकरी दिलवाने के नाम पर ठगने वाले एक गिरोह का पर्दाफाश किया है। गिरोह के शातिर सरगना समेत तीन लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। ये लोग बेरोजगार युवकों को सरकारी नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी करते थे। गिरोह के मास्टर माइंड योगेंद्र शर्मा को सर्विलांस टीम ने पकड़ा और उससे पूछताछ की तो पूरा राज फाश हो गया।
जिला पुलिस प्रवक्ता के अनुसार वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, मेरठ को जनपद में विगत कुछ समय से सरकारी नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी करने वाले व्यक्तियों/गिरोह की सूचनाये मिल रही थी। ऐसे गिरोह की गिरफ्तारी व बेरोजगार युवको को ठगे जाने से बचाने के लिये वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक द्वारा पुलिस अधीक्षक नगर व ए0एस0पी0 सिविल लाईन के निर्देशन में सर्विलांस सैल टीम कों उक्त गिरोह की गिरफ्तारी व अनावरण हेतु लगाया गया । सर्विलान्स सैल टीम द्वारा उक्त गिरोह की गिरफ्तारी हेतु अथक प्रयास करके उनके विरूद्ध सूचना एकत्र की गयी एवं आज सर्विलांस सैल टीम नें थाना मैडिकल पुलिस के साथ इस गिरोह के तीन सदस्यों को युनीवसर्टी के पास से गिरफ्तार कर लिया ।
गिरफ्तार अभियुक्तों के नामः-
1. योगेन्द्र शर्मा पुत्र किशन स्वरूप शर्मा निवासी-गांव कुराना थाना सिम्भावली जनपद हापुड।
2. इन्द्रराज सिंह पुत्र मदन लाल निवासी-गांव रसूलपुर थाना बाबूगढ जनपद हापुड।
3. नवीन शर्मा पुत्र मूलचन्द्र निवासी- ग्राम-निखू पोस्ट सटला थाना सयाना जनपद बुलन्दशहर।
फरार अभियुक्तों के नामः-
1. योगेश शर्मा पुत्र प्रेमचन्द्र शर्मा निवासी-मौहल्ला मुफ्तीवाडा कस्बा व थाना शिकारपुर जनपद बुलन्दशहर।
अपराध करने का तरीकाः-
बेरोजगार युवको को सरकारी नौकरी दिलाने इस फर्जी गिरोह का मास्टर मांइड योगेन्द्र शर्मा पुत्र किशन स्वरूप शर्मा है जो एमए बीएड तक शिक्षा प्राप्त है योगेन्द्र शर्मा अपने साथ अन्य लोगो को मिलाकर हरियाणा दिल्ली उत्तर प्रदेश के आदि के बेरोजगार युवको को आर्मी, राजस्थान पुलिस, दिल्ली पुलिस, हरियाणा पुलिस, असम राईल, एफ0सी0आई0 एवं एम0ई0एस0 आदि में नौकरी दिलवाने के नाम पर 3 लाख से 6 लाख रूप्यें तक ठग लेता था।
प्रवक्ता के अनुसार गिरोह के सरगना योगेन्द्र ने पुछताछ करने पर बताया कि वह अपने साथियों के साथ मिलकर ऐसे बेरोजगार युवको को तलाशतें थें जिन्होंने इन्टर अथवा बी0ए0 करने के पश्चात नौकरी के लिये प्रयास कर रहे हो ऐसे जरूरतमद युवको को इस गिरोह के लोग अपने झांसे में फंसाकर उन्हें आर्मी, पुलिस, एफ0सी0आई में सरकारी नियुक्ति दिलाने के लिये तैयार कर लेते है और उन्हें अपने साथ गाडी में बैठाकर लखनऊ, दिल्ली, में ले जाकर किसी होटल में बिठाकर अपने गिरोह के दूसरे सदस्य से मिलवातें थें जो उनसे सरकारी विभाग का अफसर बनकर मिलता था और उनसे सभी जरूरी कागज जैसे, अंक तालिका, आधार कार्ड, जाति व निवास प्रमाण पत्र आदि अपने पास जमा करा लेते थें ओर व्यक्ति की जरूरत व सरकारी विभाग के अनुसार 3 से 6 लाख रूप्यें नौकरी दिलाने के नाम पर ले लेते थें।
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इस गिरोह द्वारा रूप्यें वसूलनें के बाद पैसें देने वाले व्यक्ति को फर्जी नियुक्ति पत्र भी दे दिया जाता है ओर एक से दो महिने के बीच में नौकरी पर भेजने के लिये कहकर घर भेज दिया जाता था।
जो युवक इनके द्वारा फर्जी नियुक्ति प्राप्त कर लेता है वह प्रशन्नता में अपने मित्रों व रिश्तोंदारों में नौकरी लगने का जिक्र करतें है जिससे प्रभावित होकर दूसरे बेरोगार भी उनके माध्यम से इस गिरोह के जाल में फसतें जाते है। क्योंकि इस गिरोह के लोग जिसको को भी नौकरी लगवाने के सम्बन्ध में सम्र्पक करते उन सभी को बताते रहतें है कि सभी सरकारी विभागों में विभिन्न पोस्टों पर भर्ती निकली हुयी है जिसमें सभी को ये भर्ती करा देगें इस प्रकार सैकडों युवक इनके झांसे में फस जातें है ओर उनसे इस गिरोह द्वारा अपने बैंक अंकाउटों में पैसा जमा करा लिया जाता है एवं नगद धनराशि भी प्राप्त की जाती है।
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यह गिरोह बेहद चालकी से कुछ युवको को फर्जी आई कार्ड बनवाकर एम0ई0एस0 एवं एफ0सी0आई0 के गोदामों में काम करने वाले ठेकेदारों से सम्पर्क करके उन्हें प्रति व्यक्ति 02 हजार रूप्यें देकर 10 से 15 दिन के लिये ऐसे युवको उनके पास भेज देते है ओर वहां पर उनसे काम कराते है ओर फिर छुटटी देकर घर भेज देते है जिनको दोबारा फिर कभी नही बुलाया जाता कुछ समय बाद जब पैसे देकर फर्जी भर्ती हुये युवक इन पर दवाब बनाते थें तो यह ट्रेनिंग पर भेजने के नाम से टरकाते रहते थें इस प्रकार यह गिरोह लाखों रूप्यें वसूल लेता है इनके पास से फर्जी नियुक्ति पत्र, आधार कार्ड, पैन कार्ड, आदि बरामद हुये है ।
बरामदगी का विवरणः-
1. घटना में प्रयोग तीन मोबाइल फोन ।
2. 16,500/-रूपये नकद ।
3. 01 सैन्ट्रो कार सफेद रंग नम्बर-डी0एल0-3सी0बी0जैड-2283 ।
4. असम राईल, दिल्ली पुलिस,एफ0सी0आई0,एम0ई0एस0 के फर्जी नियुक्ति पत्र ।
5. विभिन्न व्यक्तियों की ओरिजनल अंक तालिकायें ।
6. खाली व लिखें हुये स्टैम्प पेपर ।
7. मोहरे/स्टैम्प ।
8. 10 बैंक खातों की पासबुक व चैक बुक ।