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मेरठ: यूक्रेन में फंसे 600 भारतीय छात्रों को एयरलिफ्ट कराने की उठी मांग
उत्तर प्रदेश के मेरठ मंडल के सैंकड़ो छात्र यूक्रेन के लवीव शहर में फंस गए हैं। यह सभी छात्र वहाँ पढ़ाई कर रहे हैं। हॉस्टल व फ्लैट में बंद इन छात्रों ने भारतीय दूतावास से वतन वापसी की गुहार लगाई लेकिन मदद नहीं मिली हैं।
मेरठ: उत्तर प्रदेश के मेरठ मंडल के सैंकड़ो छात्र यूक्रेन के लवीव शहर में फंस गए हैं। यह सभी छात्र वहाँ पढ़ाई कर रहे हैं। हॉस्टल व फ्लैट में बंद इन छात्रों ने भारतीय दूतावास से वतन वापसी की गुहार लगाई लेकिन मदद नहीं मिली हैं।
निराश भारतीय छात्रों ने प्रधानमंत्री कार्यालय को मेल के कर भारत वापसी के लिए गुहार लगाई है। यूक्रेन में कोरोना के मरीज बढ़ने से इन छात्रों के अभिभावकों की चिंता बढ़ गई है। पिछले कई दिनों से वे अपने बच्चों को वतन वापस बुलाने की कोशिश कर रहे हैं।
मेरठ शहर के रक्षापुरम निवासी मनोज कुमार ने प्रधानमंत्री से यूक्रेन में एमबीबीएस कर रहे भारत के करीब 600 छात्रों को एयरलिफ्ट कराने की मांग की है।
यूक्रेन में एमबीबीएस कर रहे छात्रों में मनोज कुमार का बेटा अंशुल भी शामिल है,जो कि यूक्रेन के लवीव शहर में लवीव नेशनल मेडिकल यूनिवर्सिटी से एमबीबीएस कर रहा है।
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600 छात्र फंसे
अंशुल ने परिजनों को बताया कि मेरठ के अभिनव, विनीत चौधरी व राखी पंडित के अलावा यूक्रेन में भारत के दिल्ली, गाजियाबाद, मेरठ व नोएडा आदि शहरों के लगभग 600 छात्र पढ़ाई कर रहे हैं।
अपने बेटे को लेकर बेहद चिंतित मनोज कुमार का कहना है कि जैसे में अपने बेटों को लेकर चिंतित और परेशान हूं उसी तरह वहां पढ़ रहे अन्य छात्र-छात्राओं के परिजन भी चिंतित और परेशान हैं।
अपने बेटे से फोन पर हुई बातचीत के आधार पर मनोज कुमार कहते हैं, कोरोना वायरस के चलते वहां की स्थिति बेहद खराब है। इस कारण से वहां लॉकडाउन 24 अप्रैल से बढ़ा कर 12 मई तक घोषित कर दिया गया है।
प्रतिदिन वहां पर बड़ी संख्या में लोग इस वायरस की चपेट में आ रहे है। ऐसे में वहां की सरकार द्वारा लॉकडाउन किए जाने पर इन भारतीय छात्रों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। खाने पीने के लिये दुकानें और मॉल आदि भी नहीं खुल रहे है। ऐसे में इन भारतीय को वहां रहने में काफी दिक्कतें उठानी पड रही है।
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भारतीय दूतावास से संपर्क की कोशिश
मनोज कुमार का आरोप है कि छात्र लगातार यूक्रेन स्थित भारतीय दूतावास से संपर्क कर रहे है, लेकिन उन्हें भारत लाने की कोई कार्रवाई नहीं हो रही है। छात्रों व उनके परिजनों ने भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से एयरलिफ्ट की व्यवस्था कराकर उन्हें वापस भारत बुलाए जाने की मांग की है।
मनोज कुमार ने मेरठ के जिलाधिकारी अनिल ढींगरा से भी छात्रों को सुरक्षित भारत बुलाने की गुहार लगाई है। इसके साथ ही उन्होंने भारत सरकार से अनुरोध किया है कि वह अपने स्तर से यूक्रेन सरकार पर दबाव बनाकर ऐसी व्यवस्था करे ताकि लॉकडाउन के कारण छात्रों का साल बर्बाद ना हो। और उनकी शिक्षा पर बुरा प्रभाव ना पड़े।
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रिपोर्ट: सुशील कुमार