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Meerut News: मुस्लिमों की सपा से नाराजगी का लाभ लेने की कोशिश में जुटी बसपा
Meerut News: बसपा के वेस्ट यूपी प्रभारी इमरान मसूद चुनाव प्रचार के दौरान मुस्लिम बाहुल्य इलाकों में बार-बार यही बात दोहरा रहे हैं कि अखिलेश यादव सिर्फ मुसलमानों से लेना जानते हैं, कुछ देना नहीं।
Meerut News: मेरठ में मुस्लिमों की सपा से नाराजगी का लाभ लेने की कोशिश में बसपा जुटी है। बसपा का चुनाव प्रचार इसी मुद्दे पर केन्द्रित है। बसपा के वेस्ट यूपी प्रभारी इमरान मसूद चुनाव प्रचार के दौरान मुस्लिम बाहुल्य इलाकों में बार-बार यही बात दोहरा रहे हैं कि अखिलेश यादव सिर्फ मुसलमानों से लेना जानते हैं, कुछ देना नहीं।
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बता दें कि महानगर में 3.85 लाख से अधिक मुस्लिम मतदाता बताए जाते हैं। मुस्लिम क्षेत्रों में हर चुनाव में 65 से 80 प्रतिशत तक मतदान होता रहा है। ऐसे में बसपा हर हाल में मुस्लिमों का ध्रुवीकरण अपने पक्ष में करने की कोशिश में जुटी है। यह अलग बात है कि इन सबके बीच मुस्लिम सभी प्रत्याशियों के साथ प्रचार में शामिल हैं, लेकिन स्पष्ट बोलने को तैयार नहीं हैं।
बसपा नेता बीजेपी के मुकाबले सपा पर अधिक प्रहार कर रहे
अपनी इन्ही कोशिशों में जुटे बसपा नेता बीजेपी के मुकाबले सपा पर अधिक प्रहार कर रहे हैं। मेरठ की रणभूमि में बसपा प्रत्याशी हशमत मलिक के समर्थन में उतरे बसपा के कद्दावर नेता इमरान मसूद का मुस्लिम इलाकों में यही भाषण होता है कि मुस्लिमों ने अंधे होकर सपा को वोट किया था, लेकिन अब उनका चश्मा उतर गया है। मसूद ने आजम खान का नाम लेते हुए कहा कि उनकी बर्बादी में जितना सरकार का हाथ है, उससे कहीं ज्यादा अखिलेश यादव का है।
आजम खान की परेशानी का जिक्र करते हुए इमरान कई बार रुआंसे हो जाते हैं, वे कहते हैं-आजम साहब के आंसू देखकर तकलीफ होती है। इमरान मसूद अच्छी तरह से जानते हैं कि मेरठ का चुनाव बिना दलितों के नहीं जीता जा सकता है। इसलिए वे अपने भाषण में सपा के मुस्लिम विधायकों के साथ ही पूर्व विधायक एवं दलित नेता योगेश वर्मा की सपा में स्थिति का जिक्र करना नहीं भूलते हैं। इमरान मसूद कहते हैं- अतुल के सामने विधायक रफीक अंसारी, शाहिद मंजूर, पूर्व एमएलए योगेश वर्मा की क्या हैसियत नहीं है बात करने की, अखिलेश कल मुस्लिम इलाकों में रोड शो करेंगे कहीं और क्यों नहीं जाएंगे।
आपको बता दें कि बसपा नेता इमरान मसूद मुस्लिमों के बड़े नेता माने जाते हैं। पश्चिमी यूपी में उनका खासा प्रभाव है। ऐसे में मेरठ निकाय चुनाव में उनकी एंट्री से मुकाबला त्रिकोणीय हो गया है।