×

Meerut News: तो क्या अखिलेश यादव भी मेरठ के अपने मुस्लिम विधायकों की नाराजगी नहीं कर सके दूर

Meerut News: पूर्व सीएम अखिलेश यादव के रोड शो के प्रचार रथ पर पूर्व मंत्री एवं किठौर विधायक शाहिद मंजूर और शहर विधायक रफीक अंसारी नहीं दिखने से मुस्लिमों की नाराजगी को और हवा मिली है।

Sushil Kumar
Published on: 9 May 2023 4:08 PM IST (Updated on: 9 May 2023 4:08 PM IST)
Meerut News: तो क्या अखिलेश यादव भी मेरठ के अपने मुस्लिम विधायकों की नाराजगी नहीं कर सके दूर
X
अखिलेश यादव (फोटो: सोशल मीडिया )

Meerut News: यूपी निकाय चुनाव के दूसरे चरण का मतदान 11 मई को होना है। मतदान की तारीख नजदीक आते ही सभी राजनीतिक पार्टियां अपनी पूरी ताकत झोंक रही हैं। मेरठ में मुस्लिम समाज समाजवादी पार्टी से नाराज बताए जा रहे रहे हैं।

पार्टी की प्रत्याशी सीमा प्रधान के लिए प्रचार करने कल मेरठ पहुंचे पूर्व सीएम अखिलेश यादव के रोड शो के प्रचार रथ पर पूर्व मंत्री एवं किठौर विधायक शाहिद मंजूर और शहर विधायक रफीक अंसारी नहीं दिखने से मुस्लिमों की नाराजगी को और हवा मिली है। यही नहीं अखिलेश यादव के रोड-शो के दौरान को कई जगह सपा जिलाध्यक्ष के खिलाफ पोस्टर दिखे जिनमें लिखा था-जयवीर को बना के अध्यक्ष बेच दी मुसलमानों की वोट,11 का इंतजार करो जब लगेगी चोट।

दरअसल, मुस्लिम समाज का मनाना है कि समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने सरधना के विधायक अतुल प्रधान की पत्नी सीमा प्रधान को मेयर का टकट देकर ठीक नहीं किया है। जबकि इस सीट पर शहर विधायक रफीक अंसारी अपनी पत्नी के लिए टिकट मांग रहे थे। स्थानीय को छोड़ कर बाहरी को मेयर का टिकट देकर पार्टी ने दूसरी पार्टियों के हाथ में बाहरी उम्मीदवार का मुद्दा थमा दिया है। गौरतलब है कि आप,बसपा और कांग्रेस सपा उम्मीदवार को बाहरी बता कर सपा पर प्रहार कर रही हैं। इन पार्टियों द्वारा कहा जा रहा है कि अगर सीमा प्रधान जीतती हैं तो लोंगो को अपनी शिकायत लेकर 30 किमी दूर सरधना जाना पड़ेगा।

मेरठ में अभी तक मुस्लिम को जिलाध्यक्ष नहीं बनाया गया

यही नहीं मुस्लिमों की सपा नेतृत्व से एक शिकायत यह भी है कि मेरठ में अभी तक मुस्लिम को जिलाध्यक्ष नहीं बनाया गया है। इस बार राजपाल सिंह के हटने के बाद उम्मीद थी कि पार्टी किसी मुस्लिम के जिलाध्यक्ष बनाएगी। लेकिन ऐन वक्त पर पूर्व जिलाध्यक्ष जयवीर सिंह के हाथ में ही फिर से पार्टी की जिला कमान सौंप दी गई। मेरठ ही नहीं मेरठ के बाहर भी सपा के टॉप मुस्लिम लीडर की राजनीति को खत्म करने का प्रयास किया जा रहा है। जैसा कि आजम खां, विधायक इरफान सोलंकी और अतीक अहमद-अशरफ के के साथ ही मामलों में रवैया सही नहीं रहा है।

मुस्लिमों की नाराजगी ही है कि पार्टी के कई बड़े मुस्लिम नेताओं ने चुनावी प्रचार-प्रसार और पार्टी दोनों से दूरी बनाकर रखी है। इनमें शाहिद मंजूर और रफीक अंसारी भी शामिल हैं।

Sushil Kumar

Sushil Kumar

Next Story