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Meerut News: बीजेपी,सपा, बसपा के बीच टक्कर, मुस्लिम और दलित मतदाताओं पर नजर
Meerut News: सपा से सीमा प्रधान बसपा से हशमत मलिक और कांग्रेस से नसीम कुरैशी चुनावी मैदान में हैं। ये सभी अपना मुकाबला भाजपा के हरिकांत अहलूवालिया से बता रहे हैं।
Meerut News: मेरठ में आज मतदान और तापमान दोनों के ऊपर जाने के आसार हैं। महानगर के 12 लाख 57 हजार से अधिक मतदाता शहर में किसकी सरकार बनाएंगे, इस पर सबकी नजरें लगी है। फिलहाल तो मेरठ नगर निगम में महापौर चुनाव में सभी दलों के नजरें मुस्लिम मतदाताओं पर ही टिकी हैं। क्योंकि मुस्लिम मतदाताओं का रुख पूरे चुनाव की तस्वीर पलट सकता है।
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प्रमुख दलों की बात की जाए तो मुस्लिम मतदाताओं पर बसपा,सपा और कांग्रेस तीनों ही दल अपना दावा जता रहे हैं। बता दें कि सपा से सीमा प्रधान बसपा से हशमत मलिक और कांग्रेस से नसीम कुरैशी चुनावी मैदान में हैं। ये सभी अपना मुकाबला भाजपा के हरिकांत अहलूवालिया से बता रहे हैं। मुस्लिम मतदाताओं का ध्रुवीकरण जिस प्रत्याशी के पक्ष में हुआ, वही टक्कर में आ जाएगा। कर्नाटक में जिस तरह मुस्लिम मतों का ध्रुवीकऱण कांग्रेस के पक्ष में हुआ है, अगर मेरठ में भी ऐसा होता है तो सपा-बसपा के लिए मुकाबले में रहना मुश्किल हो जाएगा। इसके अलावा दलित मतदाता भी चुनाव में निर्णायक भूमिका में हैं। बसपा सुप्रीमो मायावती के चुनाव प्रचार से दूर रहने की वजह से दलित वोटों के बंटने के आसार हैं। बता दें कि 2006 और 2012 में बीजेपी की जीत के पीछे दलित मतदाताओं का बीजेपी को वोट करना माना गया था। इस बार जबकि बसपा पहले काफी कमजोर हो चुकी है, दलित मतदाताओं का रुख क्या रहेगा। यह भी चुनाव परिणाम के प्रभावित करेगा।
1995 में बसपा को हासिल हुई थी जीत
गौरतलब है कि वर्ष 1995 में जब नगर निगम का चुनाव हुआ तो बसपा ने जीत हासिल की। वर्ष 2000 में बसपा से ही शाहिद अखलाक विजयी रहे। 2006 में ओबीसी वर्ग से आने वाली भाजपा की मधु गुर्जर और 2012 में भाजपा के हरिकांत अहलूवालिया जीते। लेकिन, 2017 में बसपा में रहीं सुनीता वर्मा ने जीत हासिल की। हालांकि, अब वो सपा का दामन थाम चुकी हैं। देखने वाली बात होगी कि मेरठ नगर निगम की सीट पर इस बार कौन इतिहास बनाता है।