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Meerut News: साइबर क्राइम से कैसे बचें, ये तरीके साबित होंगे मददगार, साइबर विशेषज्ञों ने बचने की दी टिप्स

Meerut News: वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक के निर्देशानुसार पुलिस अधीक्षक अपराध द्वारा जनपद मेरठ के समस्त थानों पर नियुक्त साइबर हेल्प डेस्क कर्मियो की एक मीटिंग आयोजित गयी।

Sushil Kumar
Published on: 8 Aug 2023 10:38 PM IST
Meerut News: साइबर क्राइम से कैसे बचें, ये तरीके साबित होंगे मददगार, साइबर विशेषज्ञों ने बचने की दी टिप्स
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साइबर क्राइम से कैसे बचें: Photo- Social Media

Meerut News: वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक के निर्देशानुसार पुलिस अधीक्षक अपराध द्वारा जनपद मेरठ के समस्त थानों पर नियुक्त साइबर हेल्प डेस्क कर्मियो की एक मीटिंग आयोजित गयी। जिसमें सभी कर्मचारियों को भारत सरकार द्वारा संचालित पोर्टल www.cybercrime.gov.in व हेल्पलाईन 1930, व NCRB PORTAL,CYTRAIN, के बारे में समीक्षा कर दिशा-निर्देश दिये गये।

‘साइबर क्राइम सेल से समन्वय रखे पुलिस’

नगर पुलिस अधीक्षक पीयूष सिंह ने बताया कि बैठक में सभी के साइबर हेल्प डेस्क रजिस्टर चैक किये गये व रजिस्टर के सम्बन्ध में भी दिशा-निर्देश दिये गये कि यदि कोई भी साइबर क्राइम से पीड़ित व्यक्ति थाने पर आता है तो तत्काल जनपदीय साइबर क्राइम सेल से समन्वय स्थापित कर साइबर क्राइम पोर्टल व साइबर सेफ आदि का उपयोग करते हुए तत्काल पीड़ित व्यक्ति की ठगी गयी धनराशि को रोकने का प्रयास करेंगे तथा साइबर हेल्प डेस्क रजिस्टर में शिकायतकर्ता का विवरण अंकित करेंगे। साथ ही पीड़ित व्यक्ति को साइबर क्राइम से जागरूक करेंगे।

प्रत्येक बुधवार को चलेगा जागरूकता कार्यक्रम

नगर पुलिस अधीक्षक के अनुसार प्रत्येक बुधवार को साइबर क्राइम को रोकने के लिये जागरूकता कार्यक्रम चलाकर वर्तमान परिवेश मे बढ रहे साइबर क्राइम से बचाव हेतु सुझाव दिये जायेंगे। जैसे अपनी मेल आईडी का पासवर्ड स्ट्राँग रखे, किसी के साथ ओटीपी शेयर न करें, कोई लिंक, क्यूआर कोड, बारकोड आदि किसी अजनबी के द्वारा भेजे जाने पर ओपन न करें, फेसबुक इन्स्टाग्राम, व्हाटसएप पर सिक्योरिटी फीचर जैसे टू-स्टेप वेरिफिकेशन, प्रोफाइल लॉक रखे व सिम्पल पासवर्ड जैसे नाम या मोबाईल नम्बर न रखें।

ओएलएक्स पर किसी बाईक, कार, मोबाईल को सस्ते मे देखकर जब तक बेचने वाले व्यक्ति से न मिल लें कोई भी रूपये ट्रांन्सफर न करें, अज्ञात नम्बर से आने वाली वीडियो कॉल के एक्सैप्ट न करे, गूगल से कस्टमर केयर सर्च कर उससे बात न करें। किसी अज्ञात के कहने में आकर कोई भी सफ्टवेयर जैसे एनीडेस्क, क्वीक सपोर्ट, टीम व्यूवर आदि अपने मोबाईल में इन्सटॉल न करें।

Sushil Kumar

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