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Meerut News: उत्तर प्रदेश में पुरानी पेंशन का मुद्दा गरमाने की तैयारी
Meerut News: फेडरेशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष वीपी मिश्रा ने आंदोलन की घोषणा करते हुए बताया कि पुरानी पेंशन बहाली के साथ निजीकरण का विरोध और स्थाई नियुक्तियां समेत 12 प्रमुख मांगें हैं। उ
Meerut News: आम चुनाव 2024 की तिथियां करीब देख कर्मचारी संगठनों ने पुरानी पेंशन बहाली के मुद्दे को धार देना शुरू कर दिया है। इसी क्रम में कर्मचारी शिक्षक मोर्चा ने आड यहां उत्तर प्रदेश में बड़ा आंदोलन करने की घोषणा की है। इस संगठन की ओर से 18 मई को इंडियन पब्लिक सर्विस एंप्लाइज फेडरेशन के आह्वान पर प्रदेश के सभी जिलों में धरना दिया गया था। फेडरेशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष वीपी मिश्रा ने आंदोलन की घोषणा करते हुए बताया कि पुरानी पेंशन बहाली के साथ निजीकरण का विरोध और स्थाई नियुक्तियां समेत 12 प्रमुख मांगें हैं। उन्होंने बताया कि आंदोलन के तहत जुलाई माह में प्रस्तावित आंदोलन में प्रत्येक राज्य से कर्मचारी शामिल होंगे। वीपी मिश्रा के मुताबिक हमारी मांग यह भी है कि पुरानी पेंशन बहाली के साथ राष्ट्रीय वेतन आयोग का भी गठन किया जाए। उन्होंने बताया कि आंदोलन की तैयारी की बावत मेरठ में फेडरेशन की बैठक में इस मुद्दे पर सरकार से आर-पार की लड़ाई लड़ने का निर्णय लिया गया है।
बता दें कि पुरानी पेंशन के मुद्दे पर केंद्रीय, राज्य कर्मचारियों, शिक्षकों व पेंशनर्स संगठनों द्वारा पुरानी पेंशन बहाली संयुक्त मंच पहले ही बनाया जा चुका है। मंच से जुड़े रोडवेज कर्मचारी नेता राजीव त्यागी कहते हैं-2004 से नव परिभाषित अंशदान पेंशन योजना से कर्मचारी व शिक्ष्क समाज का भविष्य अंधकार मय हो गया है। कई बार विरोध दर्ज कराया गया लेकिन सरकार ने अब तक ध्यान नही दिया। जिसकी वजह से एक निर्णायक आंदोलन की शुरूआत की गई है। राजीव त्यागी ने कहा कि कर्मचारी शिक्षक समाज को हर हाल में पुरानी पेंशन बहाली चाहिए। उन्होंने नई पेंशन से हो रहे नुकसान की जानकारी भी दी। पुरानी पेंशन योजना बहाली संयुक्त मंच द्वारा पूरे देश से राष्ट्रपति को आनलाइन याचिका भेजी गई है।
पुरानी पेंशन बहाली संयुक्त मंच पहले ही बनाया जा चुका
यहां बता दें कि केंद्र और राज्यों में सरकारी कर्मचारियों के लिए पेंशन अंतिम आहरित मूल वेतन का 50 प्रतिशत निर्धारित किया गया था। उदाहरण के लिए, अगर किसी रिटायर्ड सरकारी कर्मचारी का सेवा में रहते हुए मासिक मूल वेतन 10,000 रुपये था, तो उसे 5,000 रुपये की पेंशन का आश्वासन दिया जाता था। इसके अलावा सरकार द्वारा सेवारत कर्मचारियों के लिए घोषित महंगाई भत्ते या डीए में बढ़ोतरी का असर भी पेंशनभोगियों के मासिक भुगतान पर पड़ता था। मतलब भत्ते और डीए का लाभ पेंशनभोगियों को भी मिलने लगता था।
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अभी तक सरकार द्वारा भुगतान की जाने वाली न्यूनतम पेंशन नौ हजार रुपये प्रति माह है और अधिकतम 62,500 रुपये है। पुरानी पेंशन योजना यानी OPS को 2004 में बंद कर दिया गया था। इसके बदले नई पेंशन योजना लागू कर दी गई।