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Meerut News: इस दलित समाजवादी नेता के खिलाफ गुंडा एक्ट की तैयारी, पूर्व सीएम अखिलेश यादव का है करीबी
Meerut News: फिलहाल एडीएम प्रशासन की ओर से पूर्व विधायक योगेश वर्मा को नोटिस भेजकर जवाब मांगा गया है। सपा नेता पर शिकंजा कसने की खबर से राजनीतिक गलियारों में हलचल तेज हो गई है।
Meerut News: पूर्व विधायक और सपा नेता योगेश वर्मा पर मेरठ पुलिस-प्रशासन ने शिकंजा कसने की तैयारी शुरु कर दी है। सूत्रों के मुताबिक पहले योगेश वर्मा के खिलाफ गुंडा एक्ट में कार्रवाई की जाएगी फिर पूर्व विधायक के खिलाफ जिला बदर की कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। फिलहाल एडीएम प्रशासन की ओर से पूर्व विधायक योगेश वर्मा को नोटिस भेजकर जवाब मांगा गया है। सपा नेता पर शिकंजा कसने की खबर से राजनीतिक गलियारों में हलचल तेज हो गई है। हालांकि अभी तक इस संबंध में किसी का कोई बयान सामने नहीं आया है।
एसपी सिटी पीयूष सिंह ने इस मामले में इतना ही बताया कि पुलिस की ओर से गुंडा एक्ट की फाइल कर डीएम कार्यालय को भेजी गई थी। नोटिस और बयान की कार्रवाई डीएम कार्यालय से कराई जा रही है। बता दें कि पुलिस ने करीब दो माह पहले गुंडा एक्ट की कार्रवाई शुरू की थी और जिलाधिकारी के यहां रिपोर्ट भेजी थी। पिछले साल विधानसभा चुनाव में जब प्रत्याशियों का आपराधिक इतिहास जारी किया गया था, तब योगेश वर्मा पर 31 मुकदमे दर्शाए गए थे। गौरतलब है कि योगेश वर्मा पर विभिन्न धाराओं में आधा दर्जन से ज्यादा मुकद्दमे कायम हैं।
क्या राजनीतिक करियर
यहां बता दें कि वेस्ट यूपी के प्रमुख दलित नेताओं में शामिल योगेश वर्मा बसपा के टिकट पर हस्तिनापुर से 2002 में चुनाव लड़े थे। RC 2007 में बसपा ने फिर उसी सीट से उन्हें उतारा और वह चुनाव जीत गए। 2017 में उनकी पत्नी सुनीता वर्मा बसपा के टिकट पर महापौर का चुनाव जीती थीं। 2019 के लोकसभा चुनाव में योगेश वर्मा बुलंदशहर से बसपा प्रत्याशी बनाए गए थे।
पति और पत्नी दोनों को मायावती ने 9 नवंबर 2019 को पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होने का आरोप लगाते हुए पार्टी से निष्कासित कर दिया था। 2022 के विधानसभा चुनाव से पहले बाद में योगेश ने सपा का दामन थाम लिया। जिसके बाद उनकी पत्नी भी सपा में शामिल हो गई थी। योगेश को 2022 में सपा ने हस्तिनापुर से टिकट दिया, मगर वह हार गए।