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Meerut News: कांग्रेस वर्किंग कमेटी के गठन पर उठे सवाल, स्व. लाल बहादुर शास्त्री के परिवार से किसी को शामिल नहीं किया गय
Meerut News: पुनर्गठित कांग्रेस वर्किंग कमेटी (सीडब्ल्यूसी) के 39 सदस्यीय पैनल को लेकर शास्त्री परिवार के करीबियों व उनके समर्थकों में नाराजगी।
Meerut News: पुनर्गठित कांग्रेस वर्किंग कमेटी (सीडब्ल्यूसी) के 39 सदस्यीय पैनल में भारत के दूसरे प्रधान मंत्री श्री लाल बहादुर शास्त्री के परिवार से किसी को भी शामिल नहीं किये जाने से शास्त्री परिवार के करीबियों व उनके समर्थकों में नाराजगी है।
चौधरी यशपाल सिंह ने बताया अफसोसजनक
लाल बहादुर शास्त्री के परिवार के बेहद उत्तर प्रदेश कांग्रेस के पूर्व प्रदेश सचिव एवं वेस्ट यूपी के प्रमुख जाट नेताओं में शुमार चौधरी यशपाल सिंह ने कहा कि पुनर्गठित कांग्रेस वर्किंग कमेटी (सीडब्ल्यूसी) के 39 सदस्यीय पैनल में भारत के दूसरे प्रधान मंत्री श्री लाल बहादुर शास्त्री के परिवार से किसी को भी शामिल नहीं किया जाना बेहद अफसोसजनक है। उन्होंने कहा कि लाल बहादुर शास्त्री के पुत्र पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं अध्यक्ष, हिंदी विभाग, एआईसीसी।
अध्यक्ष, लाल बहादुर शास्त्री प्रबंधन संस्थान, दिल्ली, पूर्व प्रधानमंत्री लालबहादुर शास्त्री के सुपुत्र एवं पूर्व मंत्री सुनील शास्त्री व लाल बहादुर शास्त्री के पोते विभाकर शास्त्री कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं में शामिल हैं। लेकिन न जाने क्यों इनमें से किसी को भी को पुनर्गठित कांग्रेस वर्किंग कमेटी (सीडब्ल्यूसी) के 39 सदस्यीय पैनल में शामिल नहीं किया गया है। बता दें कि विभाकर शास्त्री लालबहादुर शास्त्री के पुत्र हरि कृष्ण शास्त्री के पुत्र हैं।
यूपी को ज्यादा से प्रतिनिधित्व न मिलने से कांग्रेस के कार्यकर्ता आहत
उधर, विभाकर शास्त्री ने ट्वीट कर कहा कि मैं आप सभी को कहना चाहता हूं कि प्रत्येक कांग्रेस कार्यकर्ता की तरह मैं भी चाहता हूँ की 2024 के लोकसभा चुनाव में श्री राहुल गांधी जी हमारे देश के प्रधानमंत्री बनें। सीडब्ल्यूसी में उत्तरप्रदेश को ज्यादा से प्रतिनिधित्व न मिलने से कांग्रेस के कार्यकर्ता आहत हैं। सत्ता का रास्ता केवल उत्तरप्रदेश से होकर के जाता है। हमें जरूरत है कि उत्तरप्रदेश को ज्यादा से ज्यादा प्रतिनिधित्व मिले।
दबे शब्दों में शास्त्री समर्थको में यह भी कहा जा रहा है कि देश की तृतीय प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी जी के परिवार के 3 सदस्य कांग्रेस कार्यसमिति में स्थान पा गए लेकिन द्वितीय प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री जी के परिवार के सदस्य विभाकर शास्त्री को लगा कि उनकी तपस्या में कमी रह गई। विभाकर ने अपनी पीड़ा भी व्यक्त कर दी लेकिन अंततः उनकी ‘पीड़ा’ को भी ट्विटर से डिलीट करवा दिया गया।