Meerut News: नगर निकाय चुनाव के साइडइफेक्ट्स: कोई जान से गया, कोई दल छोड़ कर गया!

Meerut News:19 वर्ष की कम उम्र में ही भाजपा के सिंबल पर चुनाव लड़कर जीता था। पार्टी से उसे बहुत लगाव था, लेकिन टिकट न मिलने का उसे इतना मलाल हुआ कि उसने जहरीले पदार्थ का सेवन कर अपनी जीवनलीला समाप्त कर ली।

Sushil Kumar
Published on: 17 May 2023 1:41 PM GMT
Meerut News: नगर निकाय चुनाव के साइडइफेक्ट्स: कोई जान से गया, कोई दल छोड़ कर गया!
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टिकट नहीं मिलने पर आत्महत्या करने वाला दीपक सैनी (photo: social media )

Meerut News: नगर निकाय चुनाव संपन्न हो गया तो जीतने वाले उम्मीदवारों के घरों और उनके समर्थकों में खुशी का माहौल है, वहीं हारने वाले उम्मीदवारों के घरों और उनके समथर्कों में उदासी का माहौल है। तय है कि हारने वाले उम्मीदवार कुछ दिनों की उदासी के बाद फिर से अगली तैयारी के लिए यानी अगले चुनाव के लिए फिर वही पुराने जोशो-खरोश के साथ जुट जाएंगे।

लेकिन,इन सबके बीच में एक ऐसा भी परिवार है जिसके लिए निकाय चुनाव-2023 एक ऐसा दर्द देकर गया है, जिसको कभी भी भुलाया नहीं जा सकता है। ये परिवार है मेरठ के पड़ोस के कांधला के मोहल्ला रायजादगान निवासी दीपक सैनी का। दीपक सैनी भाजपा के लिए समर्पित कार्यकर्ता था। वह पिछले निकाय चुनाव में 19 वर्ष की कम उम्र में ही भाजपा के सिंबल पर चुनाव लड़कर जीता था। पार्टी से उसे बहुत लगाव था, लेकिन टिकट न मिलने का उसे इतना मलाल हुआ कि उसने जहरीले पदार्थ का सेवन कर अपनी जीवनलीला समाप्त कर ली।

वर्ष 2017 में पिछला निकाय चुनाव दीपक ने भाजपा के सिंबल पर वार्ड-3 से लड़ा था। इस बार उसने चेयरमैन पद के लिए दावेदारी की, लेकिन पार्टी से उम्र कम होने की वजह से मना कर दिया गया। जिसके बाद दीपक ने वार्ड-1 से सभासद पद के लिए पार्टी को आवेदन दिया। वार्ड-3 इस बार अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित हो गई थी। निकाय चुनाव के उम्मीदवारों के नाम की सूची जारी तो हुई लेकिन उसमें वार्ड-1 से किसी का भी नाम नहीं था। जिससे दीपक इतना क्षुब्ध हुआ कि उसने तभी बाजार से जहरीला पदार्थ खरीदा और घर आकर उसे पानी में मिलाकर पी गया। परिजन जब तक मेरठ के अस्पताल लेकर पहुंचे, उसकी मौत हो गई। दीपक की मौत के बाद उसकी मां प्रेमलता रोते-रोते बार-बार यही कहना था- चेयरमैनी-मेंबरी नहीं चाहिए, मुझे बस मेरा लाल लौटा दो!

कई ने छोड़ा अपनी पार्टी का दामन

वहीं निकाय चुनाव के दौरान कई ऐसे भी चेहरे रहे जिनकी टिकट नहीं मिलने के कारण पार्टी और निष्ठा बदल गईं। मेरठ में आरएलडी के बड़े गुर्जर नेता राम मेहर सिंह को मेरठ मेयर का टिकट नहीं मिला तो उन्होंने बीजेपी का दामन थाम लिया। राम मेहर सिंह के साथ महानगर उपाध्यक्ष उज्ज्वल अरोड़ा भी आरएलडी छोड़ने वालों में शामिल थे। इसके अलावा पूर्व ब्लाक प्रमुख और आरएलडी से विधानसभा चुनाव लड़े पप्पू गुर्जर भी आरएलडी छोड़कर बीजेपी में शामिल हो गए।

पड़ोस के बिजनौर जिले में भारतीय जनता पार्टी नेत्री हरजिंदर कौर को नगर पालिका बिजनौर सीट से चेयरमैन प्रत्याशी का टिकट नहीं मिला तो उन्होंने झट से भारतीय जनता पार्टी से इस्तीफा दे दिया। टिकट मांग रही भाजपा क्षेत्रीय मंत्री हरजिंदर कौर ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। उधर, सपा से बिजनौर सीट का टिकट कटने के बाद रूखसाना परवीन ने सपा छोड़ रालोद का दामन थाम लिया। दादरी में दादरी पालिका अध्यक्ष पद का टिकट मांग रहे जगभूषण गर्ग को जब पार्टी टिकट नहीं मिला तो जगभूषण गर्ग निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर मैदान में आ गए थे।

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