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Meerut News: आरएलडी धरना प्रदर्शन से घबराया प्रशासन, 30 दिन के अंदर गन्ना किसानों को 90 करोड़ की घोषणा

Meerut News: राष्ट्रीय लोकदल के जिला अध्यक्ष मतलूब गौड़ के नेतृत्व में गन्ना भवन जनपद मेरठ पर धरना प्रदर्शन किया गया और मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश के नाम गन्ना अधिकारी को ज्ञापन सौपा गया।

Sushil Kumar
Published on: 17 Aug 2023 5:15 PM IST
Meerut News: आरएलडी धरना प्रदर्शन से घबराया प्रशासन, 30 दिन के अंदर गन्ना किसानों को 90 करोड़ की घोषणा
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Meerut News Today (Photo - Social Media)

Meerut News: आज यहां राष्ट्रीय लोकदल जनपद मेरठ के तत्वाधान में किसानों की समस्याओं को लेकर और उनके पूर्व सत्र के भुगतान को लेकर राष्ट्रीय लोकदल के जिला अध्यक्ष मतलूब गौड़ के नेतृत्व में गन्ना भवन जनपद मेरठ पर धरना प्रदर्शन किया गया और मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश के नाम गन्ना अधिकारी को ज्ञापन सौपा गया। धरना स्थल पर पहुंचे उपायुक्त गन्ना तथा जिला गन्ना अधिकारी ने स्वयं ज्ञापन लेने के बाद घोषणा की कि 30 दिन के अंदर 90 करोड़ रुपए का भुगतान कर दिया जायेगा।

धरने को सिवालखास विधायक गुलाम मोहम्मद ने संबोधित करते हुए कहा कि पिछले विधानसभा सत्र में मेरे द्वारा लोकदल के राष्ट्रीय अध्यक्ष चौधरी जयंत सिंह जी के निर्देश पर सदन में गन्ना भुगतान को लेकर आवाज़ उठाई गई थी और हमें आश्वस्त किया गया था कि गन्ने का भुगतान जल्द से जल्द किया जाएगा लेकिन सरकार ने अभी तक किसानों की समस्याओं का हल नहीं किया है और ना ही उनकी गन्ने का भुगतान किया है इसलिए हमारी सरकार से मांग है कि जल्द से जल्द करने का भुगतान किया जाए।

राष्ट्रीय सचिव डॉ राजकुमार सांगवान ने कहा है कि जनपद मेरठ के अंदर 6 चीनी मिले हैं जिनमें से तीन का भुगतान अभी तक गन्ना किसानों के पास नहीं पहुंच पाया है आधे से भी अधिक का गन्ना का भुगतान पिछले सत्र का रुका हुआ है और नया सत्र चलने के कगार पर है। धरने को संबोधित करते हुए पूर्व विधायक राजेंद्र शर्मा ने कहा है कि गन्ना किसान उत्तर प्रदेश के अंदर सबसे ज्यादा गन्ने की बुवाई करता है और वह चाहता है कि समय से उसके गन्ने का भुगतान हो जाए लेकिन उत्तर प्रदेश सरकार किसानों के साथ भेदभाव पूर्ण नीति अपनाती है उनका पिछले सत्र का भुगतान अभी तक नहीं किया गया जिससे किसान बहुत ज्यादा परेशान है इसलिए हमारी सरकार से मांग है कि जल्द से जल्द किसानों के गन्ने का भुगतान किया जाए।

राष्ट्रीय लोकदल प्रदेश अध्यक्ष (सामाजिक न्याय मंच)संगीता दौहरे ने कहा है कि गन्ना भुगतान न होने की वजह से किसानों की बहन- बेटियों की शिक्षा पर बहुत अधिक प्रभाव पड़ रहा है। गन्ना भुगतान न होने की वजह से किसान अपने बच्चों की शादियां नहीं कर पा रहा है। यहां तक की अपने और अपने परिवार के इलाज करने तक के उनके पास पैसे नहीं है। किंतु उत्तर प्रदेश की सरकार और गन्ना विभाग के अधिकारी आंख मूंद करके बैठे हुए हैं उनके कानों पर जू तक नही रेंग रही है।

राष्ट्रीय लोकदल प्रदेश महासचिव (अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ) आतिर रिज़वी ने कहा कि अकेला किसान ही गन्ना भुगतान से प्रभावित नहीं है उन्हीं के साथ साथ मजदूर और साथ ही साथ व्यापारी वर्ग भी अपने प्रतिष्ठानों पर हाथ पर हाथ रखकर बैठे हुए हैं। बाजार के अंदर रौनक खत्म इसलिए हो गई है कि सरकार ने किसानों का गन्ने का भुगतान अभी तक नहीं किया है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय लोकदल हमेशा से किसानों की लड़ाई लड़ता आया है आगे भी लड़ता रहेगा। रालोद नेता ने कहा कि अगर उत्तर प्रदेश सरकार में जल्द से जल्द गन्ने का भुगतान नहीं किया तो राष्ट्रीय लोकदल के पदाधिकारी अनावरत धरना करने से भी पीछे नहीं हटेंगे।

धरने को संबोधित करते हुए जिला अध्यक्ष मतलूब गौड़ ने कहा है कि गन्ने का भुगतान सरकार 14 दिन के अंदर करें। साथ ही साथ गन्ना किसान अपनी मर्जी से किसी भी शुगर मिल को गन्ना देने के लिए स्वतंत्र रहे और साथ ही साथ घटतोली पर भी लगाम कसी जाए ऐसी हम सरकार से मांग करते हैं। तत्पश्चात धरना स्थल पर उपायुक्त गन्ना तथा जिला गन्ना अधिकारी ने स्वयं आकर ज्ञापन लिया तथा यह घोषणा की कि 30 दिन के अंदर 90 करोड़ रुपए का भुगतान कर दिया जायेगा

धरना स्थल पर मुख्य रूप से पूर्व विधायक, विनोद हरित, नरेंद्र खजूरी, रणवीर दहिया, दीपक तोमर,विनय मल्लापुर, अशोक चौधरी,चौधरी रतन सिंह,अजीत बना सदस्य जिला पंचायत, अनिकेत भारद्वाज सदस्य जिला पंचायत, सोहराब ग्यास, आरुषि सिरोही, ऐनुद्दीन शाह,विकास भैसा, धर्मपाल निलोहा,योगेश फौजी, दिलशाद सैफी,प्रतीक जैन,प्रदीप हुड़्डा, चन्द्रवीर फौजी,सतीश तोमर, पिंटू हस्तिनापुर, फुरक़ान अल्वी, नासिर गौताना, कृष्णा देवी, सतीश त्यागी, शबाब रिज़वी, इरशाद रिज़वी, भूरा चिंदौडी, मेहरपाल पहाड़पुर,जयराज एडवोकेट, नीटू ढढ़रा, ज़ाहिद अमीन,धर्मपाल गिरी,ओमप्रकाश करनावाल, फूलकुमार भदौड़ा, सुरेंद्र सिंह, आदि मुख्य रूप से उपस्थित रहे।

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