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Nikay Chunav 2023: सपा, रालोद और आसपा गठबंधन की ढीली पड़ी गांठ के चलते मेरठ समेत वेस्ट यूपी में हुआ तगड़ा नुकसान

UP Nikay Chunav Result 2023: मेरठ समेत वेस्ट यूपी के गाजियाबाद, बागपत, मथुरा, अलीगढ़, बदायूं, मुजफ्फरनगर, शामली आदि की जिलों में गठबंधन प्रत्याशियों को हार का सामना करना पड़ा।

Sushil Kumar
Published on: 14 May 2023 7:00 PM IST
Nikay Chunav 2023: सपा, रालोद और आसपा गठबंधन की ढीली पड़ी गांठ के चलते मेरठ समेत वेस्ट यूपी में हुआ तगड़ा नुकसान
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अखिलेश यादव और जयंत चौधरी ( सोशल मीडिया)

UP Nikay Chunav Result 2023: लोकसभा चुनाव का सेमीफाइनल माने गए निकाय चुनाव में सपा, रालोद और आसपा कुछ एक जगह को छोड़ दें तो आपस में भी भिड़ती दिखीं। नतीजा यह रहा है कि मेरठ समेत वेस्ट यूपी के गाजियाबाद, बागपत, मथुरा, अलीगढ़, बदायूं, मुजफ्फरनगर, शामली आदि की जिलों में गठबंधन प्रत्याशियों को हार का सामना करना पड़ा।

यूपी में भाजपा को रोकने के लिए चुनाव से पहले अखिलेश यादव, जयंत चौधरी और चंद्रशेखर आजाद ने मिलकर चुनाव लड़ने का निर्णय लिया था। निर्णय के तहत सपा, रालोद और आजाद समाज पार्टी के बीच समवन्य समिति बनी लेकिन मामला तब गड़बड़ा गया जब सपा ने अपने दो साथी दलों को विश्वास में लिए बिना मुजफ्फरनगर में राकेश शर्मा को चुनाव प्रभारी घोषित कर दिया। इस पर बाकी साथी दलों ने विरोध जताया। विरोध की परवाह न करते हुए सपा ने बाद में राकेश शर्मा की पत्नी लवली शर्मा को नगर पालिका का उम्मीदवार बना दिया। ऐसे में सपा और रालोद के बीच मतभेद और बढ़ गए। अखिलेश यादव के इस बयान से मतभेद को और हवा मिली जिसमें उन्होंने कहा था कि निकाय चुनाव में किसी दल से गठबन्धन नहीं है। नाराज जयंत चौधरी ने निकाय चुनाव प्रचार से किनारा कर लिया। जयंत चौधरी और अखिलेश यादव मेरठ के सहारनपुर कार्यक्रम में भी शामिल नहीं हुए।

यही नहीं मेरठ नगर निगम मेयर चुनाव में सपा के चुनाव प्रचार में रालोद नेता कहीं नहीं दिखे। बता दें कि मेरठ में जाट मतदाताओं की संख्या करीब एक लाख है। मतभेदों के चलते नगर निकाय चुनाव में दोनों ही पार्टियों ने कई निकायों में अपने-अपने प्रत्याशी आमने-सामने उतार दिए। मेरठ, बागपत, बिजनौर, सहारनपुर, शामली और मुजफ्फरनगर जिलों में कई स्थानों पर प्रत्याशी अलग-अलग चुनाव लड़े। गठबंधन की गांठ ढीली पड़ने का असर रहा कि चुनाव में कई जगहों पर सपा और रालोद को हार का सामना करना पड़ा। इनमें खेकड़ा, बिजनौर नगर पालिका, नगर पालिका शेरकोट, नगर पालिका नूरपुर, मुजफ्फरनगर में शहर पालिका सीट आदि सीट शामिल हैं जहां पर गठबंधन की ढीली पड़ी गांठ हार का सबब बन गई।

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