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हाथोँ में तिरंगा लिए ईद-ए मिलादुन्नबी के जुलूस में दिया श्रेष्ठ भारत का सन्देश
जुलूस की सुरक्षा में लगे बाराबंकी के पुलिस क्षेत्राधिकारी नगर सुशील कुमार सिंह ने बताया कि पूरे शहर में शान्ति बनी हुई है और फैसले के बाद भी यहाँ की शान्ति भंग नही हुई है। इसके लिए वह बाराबंकी की जनता के प्रति आभार व्यक्त करते हैं।
बाराबंकी: देवाधिदेव महादेव के पौराणिक मन्दिर महादेवा और "जो रब है वही राम का संदेश" का सन्देश देने वाले प्रसिद्ध सूफी सन्त हाजी वारिश अली शाह की पवित्र दरगाह देवा शरीफ की धरती के रूप में विख्यात है|
यहां आज हिन्दू-मुस्लिम एकता की मिशाल कायम होते दिखाई दी। आज इस ए मिलादुन्नबी के जुलूस में हिन्दू और मुसलमानों ने एक साथ शामिल होकर कौमी एकता का उदाहरण प्रस्तुत किया। इस जुलूस में तिरंगा लेकर साथ चल रहे मुसलमानों ने एक भारत श्रेष्ठ भारत की आवाज को भी बुलन्द किया।
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बाराबंकी शहर की सड़कों पर एक ऐसा नजारा दिखाई दिया जो आँखों को ठण्डक और दिल को सुकून पहुंचाने वाला था। आज ईद ए मिलादुन्नबी के जुलूस में जहाँ मुसलमान बढ़ चढ़ कर हिस्सा ले रहे थे वहीँ शहर का हिन्दू समुदाय भी उनके इस जुलूस में गलबहियां कर रहा था। इस जुलूस ने एक बात तो साबित कर ही दी कि नफरत फैलाने वाले कितनी भी नफरत फैला दें मगर उस नफरत को यहाँ के लोग प्यार से जीत लेंगे। एक दिन पहले ही अयोध्या मामले में आये सर्वोच्च न्यायालय के फैसले का असर न हिन्दुओ पर दिखाई दिया और न मुसलमानों पर।
न हिन्दू बनेगा न मुसलमान बनेगा
इस जुलूस में शामिल व्यापारी ने राजीव गुप्ता (बब्बी)ने बताया कि अयोध्या पर सर्वोच्च न्यायालय के फैसले से पूर्व तमाम तरह के लोग कयास लगाए बैठे थे कि शहर का अमन चैन बिगड़ जाएगा मगर यहाँ के लोगों उन सारे कयासों को झूँठा साबित करते हुए फैसले से पहले और फैसके के बाद पूरी तरह से शान्ति को बिगाड़ने नही दिया। बाराबंकी की इसी गंगा जमुनी तहजीब को बरकरार रखते हुए आज जुलूस में जहाँ मुसलमान बढ़ चढ़ कर हिस्सा ले रहा है वहीं उनका साथ निभाने के लिए हिन्दू भी अपने घरों से निकलकर जुलूस में मुसलमानों का साथ दे रहा है।
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जुलूस में शामिल सभासद ताज बाबा राईन ने बताया कि यह देवा और महादेवा की धरती है यहाँ अमन चैन और भाई चारा कभी नही बिगड़ा है । यहाँ जितनी संख्या में मुस्लिम है उससे भी ज्यादा संख्या में हिन्दू भी है और मैं एक मन्दिर के सामने खड़ा होकर कह रहा हूँ कि इस शहर का अमन चैन कभी नही बिगड़ेगा और दोनों समुदाय के लोग कन्धे से कन्धा मिला कर साथ चलेंगे और इस कहावत को अमल में लाएंगे की " न हिन्दू बनेगा न मुसलमान बनेगा, इन्सान की औलाद है इन्सान बनेगा "
मुसलमान है मुल्क के प्रति वफादार है
जुलूस में शामिल मौलाना जाहिद अली ने बताया कि आज पावन दिन है और इस्लाम यह पैगाम देता है कि जिस मुल्क के बाशिन्दे हो उस मुल्क की वफादारी करो। लिहाजा हम मुसलमान है और मुल्क के प्रति वफादार है और यहाँ की सर्वोच्च अदालत के फैसले के साथ है।
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जुलूस की सुरक्षा में लगे बाराबंकी के पुलिस क्षेत्राधिकारी नगर सुशील कुमार सिंह ने बताया कि पूरे शहर में शान्ति बनी हुई है और फैसले के बाद भी यहाँ की शान्ति भंग नही हुई है। इसके लिए वह बाराबंकी की जनता के प्रति आभार व्यक्त करते हैं।