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मजदूरों का वर्क फ्रॉम होम: सरकार की इस योजना से लॉकडाउन में मिला रोजगार
लॉकडाउन के कारण काम न होने से परेशान मजदूरों के लिए सरकार ने कारगर योजना की शुरुआत की है, जिससे मजदूर भी अब वर्क फ्रॉम होम कर सकेंगे।
श्रीधर अग्निहोत्री
लॉकडाउन के कारण काम न होने से परेशान मजदूरों के लिए सरकार ने कारगर योजना की शुरुआत की है, जिससे मजदूर भी अब वर्क फ्रॉम होम कर सकेंगे। दरअसल मजदूरों को काम मुहैया कराने के उद्देश्य से केन्द्र सरकार ने महात्मा गांधी नरेगा योजना के तहत काम शुरु करा दिया है। सरकार के इस कदम से निश्चित रुप से जहां एक ओर लोगों को काम मिल रहा है, वहीं दूसरी ओर बाज़ार में मांग भी उत्पन्न हो रही है। बता दें कि लॉकडाउन के दौरान आर्थिक गतिविधियां रुक जाने से मांग और पूर्ति के बीच का चयन प्रभावित हो गया था।
मनरेगा के तहत मजदूरों के लिए घर से काम करने की योजना की शुरुआत
कोरोना वायरस को रोकने के लिए लागू लॉकडाउन से रोजगार पर विपरीत असर पड़ा। जिसके बाद श्रमिकों की समस्याओं को ध्यान में रखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मनरेगा योजना शुरु करके का बड़ा निर्णय लिया। इस महामारी को देखते हुए केंद्र सरकार और प्रदेश सरकार के संयुक्त निर्णय के बाद 20 अप्रैल से ललितपुर में बाहर से आए और स्थानीय मजदूरों को उनके घर पर ही काम दिलाने के लिए योजना शुरू की गयी। इससे गांव के श्रमिकों को अपने घर के पास ही आसानी से रोजगार मिल रहा है।
लॉकडाउन के कारण रोजगार पर पड़ा था विपरीत असर
इसके लिए अनुमति के मिल जाने के बाद ललितपुर के सभी 6 विकास खंडों में मनरेगा श्रमिकों को कार्य देना प्रारंभ कर दिया गया। ललितपुर जनपद के 416 गांव में से 281 गांव में कार्य प्रारंभ हो गया है है। इन कार्यों के प्रारंभ हो जाने से जनपद के 6720 श्रमिकों को मनरेगा मजदूरी देने का काम भी शुरू हो गया है।
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कई कार्यों में मनरेगा मजदूरों को जोड़कर आर्थिक सहायता उपलब्ध करा रही सरकार
जिला विकास अधिकारी इंद्रमणि त्रिपाठी द्वारा ग्राम प्रधानों को मनरेगा योजना के द्वारा गांव के जल संरक्षण कार्य हेतु नाला गहरीकरण, तालाब गहरीकरण आदि कार्यों में मनरेगा मजदूरों को जोड़कर उन्हें आर्थिक सहायता उपलब्ध कराने के विशेष निर्देश दिए गए है। मनरेगा से जुड़े मजदूरों को बढ़ी हुई 201 रुपये की मजदूरी मिलने लगी है।
कामगार सोशल डिस्टेंसिंग का रखे खास ख्याल
कार्य स्थल पर जहां साफ पेयजल की व्यवस्था के साथ हाथ धोने के समुचित इंतजाम किए गए है। वहीं यह भी सुनिश्चित किया गया है कि सभी कामगार सोशल डिस्टेंसिंग के साथ मुंह पर गमछा अवश्य लगाएं। जनपद के जखोरा विकासखंड के खुरा ग्राम में आदिवासी सहरिया मजदूरों की संख्या अधिक होने के कारण इन्हें कार्य की अत्यधिक आवश्यकता थी।
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25 से अधिक मनरेगा से जुड़े श्रमिकों को रोजगार मिला
पहाड़ी और पथरीले इलाके में ग्राम प्रधान के सहयोग से वर्षा जल संरक्षण और जल निकास के लिए नाले का गहरीकरण करने की कार्य योजना तैयार की गई। अब इस नाले पर गांव के 25 से अधिक मनरेगा से जुड़े श्रमिकों को रोजगार मिल रहा है।
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