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यूपी के लाखों मुसलमान होंगे इकट्ठा! करने जा रहे ऐसा काम
जानकारी के अनुसार इस हमले में भारी संख्या में शिया मुसलमान मारे गए थे। उन्हीं की याद में लखनऊ के शिया मुसलमान और आसपास के इलाकों की अंजुमने, उलेमा और भारी संख्या में इकट्ठा होकर मातम करने की तैयार में हैं।
लखनऊ: बीते दिनों अमेरिकी हमले में मारे गये ईरान के जनरल कासिम सुलेमानी और अबू मेहंदी अल-मोहन्दिस के उपलक्ष्य में शिया मुसलमान आगामी 9 फरवरी को बड़े इमामबाड़े में चहल्लुम की मजलिस में अपने गम का इजहार करेंगे।
जानकारी के अनुसार इस हमले में भारी संख्या में शिया मुसलमान मारे गए थे। उन्हीं की याद में लखनऊ के शिया मुसलमान और आसपास के इलाकों की अंजुमने, उलेमा और भारी संख्या में इकट्ठा होकर मातम करने की तैयार में हैं।
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बता दें कि मौलाना जव्वाद ने शुक्रवार को फिलिस्तीनियों पर जारी इजरायल के आतंकी हमलों की निंदा करते हुए कहा कि अरबों को उनकी गैरत के लिए जाना जाता है, लेकिन इजरायली आतंकवादी हमलों में कितने निर्दोष फिलिस्तीनियों को रोज मारा जा रहा है, लेकिन इन अरब देशों के कानों पर जूं तक नहीं रेंगती।
सऊदी अरब और उसके सहयोगी देश इजराइली आतंकवाद पर चुप क्यों हैं
उन्होंने कहा कि इन अरब देशों की गैरत उस समय कहां मर जाती है जब इजरायल मजलूम फिलिस्तीनियों पर बमबारी करता है? हजारों फिलीस्तीनी इजरायल के हमलों में मारे गए हैं, लेकिन कोई भी उनके समर्थन में बोलने के लिए तैयार नहीं है। आखिरकार, सऊदी अरब और उसके सहयोगी देश इजराइली आतंकवाद पर चुप क्यों हैं?
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मौलाना ने कहा कि फिलिस्तीन में सुन्नी मुसलमान बहुमत में है,उसके बावजूद, ईरान, जो कि एक शिया देश है, फिलिस्तीन के मजलूमों के लिए पुरी ताकत के साथ समर्थन में खडा है। ईरान से इजरायल और अमेरीका की दुश्मनी का एक बड़ा कारण फिलिस्तीनियों का समर्थन करना है।
भारतीय मुसलमानों को समझना चाहिये कि कौन सा इस्लामी देश उनका समर्थक है
मौलाना ने कहा कि भारतीय मुसलमानों को समझना चाहिये कि कौन सा इस्लामी देश उनका समर्थक है, और कौन सा देश इस्लाम और मुसलमान का दुश्मन है? सऊदी अरब अमेरिका और इजराइल का एक जरखरीद गुलाम है,जिसने अब तक फिलिस्तीन के उत्पीड़ितों और दुनिया भर में जहां भी अत्याचार हो रहा है उसके खिलाफ एक शब्द नहीं कहा है, इसलिए मुसलमानों कों इसकी वास्तविकता को समझना बहुत महत्वपूर्ण है।
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उन्होंने कहा कि ईरान आज फिलिस्तीनियों का समर्थन करना बंद कर दे तो अमेरिका भी खुश होगा, अगर ईरान आज फिलिस्तीनियों का समर्थन करना बंद कर दे तो अमेरिका भी खुश होगा, और इजरायल भी। लेकिन ईरान हमेशा फिलिस्तीनियों के समर्थन में रहा है, और जहां कहीं भी दुनिया भर में मजलूमों को सताया और मारा जा रहा है, ईरान ने इसके खिलाफ आवाज उठाई है। हालांकि, अभी इस प्रोग्राम का पूरी तरह से फाईनल नहीं किया गया है।