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मंत्री-विधायक घेरे में: जिला छोड़कर जाने का नोटिस, तुरंत होगी गिरफ्तारी

अयोध्या राम-जन्मभूमि विवाद पर फैसला आने से पहले पुलिस-प्रशासन तैयारियों में कोई कसर नहीं छोड़ रहा है। पुलिस की तरफ से सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए एक पूर्व विधायक और एक पूर्व मंत्री समेत 10 बवालियों को जिला छोड़कर जाने का नोटिस भेजा गया है।

Vidushi Mishra
Published on: 8 Nov 2019 7:54 AM GMT
मंत्री-विधायक घेरे में: जिला छोड़कर जाने का नोटिस, तुरंत होगी गिरफ्तारी
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मंत्री-विधायक घेरे में: जिला छोड़कर जाने का नोटिस, तुरंत होगी गिरफ्तारी

नई दिल्ली : अयोध्या राम-जन्मभूमि विवाद पर फैसला आने से पहले पुलिस-प्रशासन तैयारियों में कोई कसर नहीं छोड़ रहा है। पुलिस की तरफ से सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए एक पूर्व विधायक और एक पूर्व मंत्री समेत 10 बवालियों को जिला छोड़कर जाने का नोटिस भेजा गया है। साथ ही ये भी चेतावनी दी गई है कि यदि फैसले वाले दिन ये लोग मेरठ में दिखाई दिए तो उनकी तुरंत गिरफ्तारी होगी।

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इन दस लोगों के नाम

इसके अलावा सुरक्षा के लिहाज से जिले को 8 सेक्टरों और 31 जोन में बांटा गया है। 163 संवेदनशील प्वाइंट बनाए गए हैं। पुलिस अधिकारियों के अनुसार जिले में 1250 पुलिसकर्मी, पांच कंपनी पीएसी और एक कंपनी आरएएफ तैनात की गई है। 200 अतिरिक्त पुलिसकर्मी मांगे गए है। बुलंदशहर के नरोरा और हिंडन नदी पर कैमरे लगाए गए हैं, ताकि बवालियों पर नजर रखी जाए।

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प्रशासन ने जिन बवालियों को चिह्नित करने के साथ ही नोटिस जारी किए गए हैं, यदि अयोध्या विवाद में फैसला आने वाले दिन ये 10 लोग मेरठ में दिखाई दिए तो पुलिस उनको तुरंत गिरफ्तार कर जेल भेजेगी।

हालांकि प्रशासनिक अधिकारियों ने इन दस लोगों के नाम नहीं बताए हैं, लेकिन बताया जा रहा है कि पूर्व विधायक योगेश वर्मा और पूर्व मंत्री याकूब कुरैशी के अलावा ऐसे कई बवालियों को चिह्नित किया गया है, जिन पर पूर्व में संगीन धाराओं में केस दर्ज हैं। वहीं, सोशल मीडिया पर नजर रखने के लिए साइबर सेल, सर्विलांस और क्राइम ब्रांच टीम को लगाया गया है।

जिले से बाहर जाने के लिये नोटिस

अजय साहनी, एसएसपी का कहना है कि अयोध्या विवाद पर आने वाले फैसले को लेकर पुलिस ने पुख्ता इंतजाम किए है। सेना के साथ मीटिंग हो गई है। जिले के दस बवाली चिह्नित किए गए है, जिन्हें अयोध्या प्रकरण में फैसले से पहले जिले से बाहर जाने के लिये नोटिस भेजा गया है। कानून व्यवस्था को देखते हुए सारे इंतजाम हो रहे हैं।

फैसला आने के बाद यदि कहीं कानून व्यवस्था बिगड़ती है तो सेना कमान संभालेगी। इस संबंध में बृहस्पतिवार को कैंट स्थित सब एरिया मुख्यालय सभागार में सेना और पुलिस-प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों ने संयुक्त बैठक कर सुरक्षा योजना को शेयर किया।

प्रमुख बिंदुओं पर चर्चा

सिविल और सैन्य प्रशासन के बीच ये बैठक कमिश्नर अनीता सी. मेश्राम और पश्चिमी यूपी के जीओसी पीएस साईं की संयुक्त अध्यक्षता में आयोजित की गई। बैठक में मुख्य रुप से अयोध्या प्रकरण को लेकर सुरक्षा संबंधी, कानून व्यवस्था, अतिक्रमण, यातायात प्रबंधन व आर्मी क्लीनिक्स आदि प्रमुख बिंदुओं पर चर्चा की गई।

इसके साथ ही कमिश्नर और आईजी रेंज आलोक सिंह ने सैन्य अधिकारियों को सभी बिंदुओं पर जिला प्रशासन की ओर से सहयोग करने के लिए आश्वस्त किया। वहीं, पश्चिमी यूपी के जीओसी ने भी आश्वासन दिया कि सैन्य प्रशासन द्वारा आवश्यक सहयोग दिया जाएगा और तमाम बैठके सुरक्षा व्यवस्था को लेकर होती रहेंगी।

Vidushi Mishra

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