आयुष मंत्रालय ने दी हरी झंडी, कोरोना की दवा का ट्रायल शुरु

वैश्विक महामारी कोरोना के ईलाज को लेकर पूरी दुनिया के डॉक्टर वैक्सीन बनाने में जुटे हुए हैं। भारत में भी बाबा राम देव ने कोरोना की दवा बनाने का दावा किया लेकिन आयुष मंत्रालय ने उनके दावे पर ब्रेक लगाते हुए प्रचार प्रसार पर रोक लगा दी।

Roshni Khan
Published on: 28 Jun 2020 1:03 PM GMT
आयुष मंत्रालय ने दी हरी झंडी, कोरोना की दवा का ट्रायल शुरु
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वाराणसी: वैश्विक महामारी कोरोना के ईलाज को लेकर पूरी दुनिया के डॉक्टर वैक्सीन बनाने में जुटे हुए हैं। भारत में भी बाबा राम देव ने कोरोना की दवा बनाने का दावा किया लेकिन आयुष मंत्रालय ने उनके दावे पर ब्रेक लगाते हुए प्रचार प्रसार पर रोक लगा दी। अब कोरोना के दवा को लेकर आयुष मंत्रालय ने बाबा रामदेव की जगह काशी हिंदू विश्वविद्यालय पर अपना भरोसा जताया है। बीएचयू की तरफ से कोरोना की दवा बनाने का दावा किया गया। आयुष मंत्रालय ने बीएचयू के आयुर्वेद विभाग को कोरोना के मरीजों पर दवा को ट्रायल करने की मंजूरी दे दी है। बीएचयू के आयुर्वेद विभाग को आयुष मंत्रालय के मंजूरी मिलने के बाद अब कोरोना के मरीजों पर दवा का ट्रायल किया जाएगा।

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आयुर्वेद संकाय ने मांगी थी ट्रायल की इजाजत

इस वक्त पूरी दुनिया के वैज्ञानिक और डॉक्टर कोरोना वायरस की दवा खोजने में जुटे हुए हैं| हर दिन कोई न कोई नए-नए शोध के नतीजे सामने आ रहे हैं| पिछले दिनों योग गुरु बाबा रामदेव की पतंजलि फर्म ने भी एक दवा खोजने का दावा किया था| फिलहाल अब कोरोना वायरस से जंग में बनारस हिंदू विश्वविद्यालय को उसकी दवा के ट्रायल की मंजूरी आयुष मंत्रालय ने सौंप दी है|

22 मार्च को बीएचयू के आयुर्वेद संकाय ने आयुष मंत्रालय को एक पत्र लिखकर संभावित औषधियों के ट्रायल की अनुमति मांगी थी, जिसमें 24 मार्च को कोविड चेयरमैन को प्रस्ताव भेजा गया और 10 अप्रैल को यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को भी पत्र लिखा गया था, जिसकी अनुमति 23 जून को मिली। प्रो. त्रिपाठी के मुताबिक प्रोजेक्ट में मरीजों पर शिरीषादि कसाय (काढ़ा) का असर देखने संग मैकेनिज्म का अवलोकन होगा। तीन माह के प्रोजेक्ट को दस लाख स्वीकृत हैं।

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स्वीकृति राशि मिलते ही शुरु होगा काम

बीएचयू के आयुर्वेद विभाग के प्रोफेसर की माने तो स्वीकृति राशि मंत्रालय की तरफ से आते ही काम शुरू हो जाएगा। काढ़े को लेकर प्रोफेसर ने बताया कि चरक सूत्र-25 में शिरीष को विषनाशक है। शिरीषादि कसाय विष खत्म करेगा, जिससे रोग- प्रतिरोधक क्षमता बनी रहेगी। शिरीषादि कसाय में शिरीष संग वासा, मुलेठी, तेजपत्ता, कंडकारी आदि औषधीय पदार्थ शामिल है। मुलेठी कफ को बाहर निकलता है साथ ही यह बुद्धिवर्धक भी है। तेज पत्ता भूख बढ़ाता है और पेट साफ भी करता है। बता दें कि बीएचयू में साल 1980 में सांस के रोग के लिए यही औषधि खोजी गई थी|

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