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धार्मिक स्थलों के नियम: ऐसे जाना होगा आपको अंदर, डीएम ने दिये आदेश
जिलाधिकारी सुशील कुमार पटेल एवं पुलिस अधीक्षक डा धर्मवीर सिंह ने कोरोना वायरस संक्रमण पर प्रभावी नियंत्रण के दृष्टिगत रविवार को कलेक्ट्रेट में मुस्लिम धर्मगुरुओं एवं संभ्रांत नागरिकों के साथ बैठक किया गया।
मिर्जापुर: जिलाधिकारी सुशील कुमार पटेल एवं पुलिस अधीक्षक डा धर्मवीर सिंह ने कोरोना वायरस संक्रमण पर प्रभावी नियंत्रण के दृष्टिगत रविवार को कलेक्ट्रेट में मुस्लिम धर्मगुरुओं एवं संभ्रांत नागरिकों के साथ बैठक किया गया।
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धार्मिक स्थलों को सावधानी पूर्वक खोला जाय
धार्मिक स्थलों को खोलने को लेकर सावधानियां सुनिश्चित करने के लिये केन्द्र एवं राज्य सरकार के द्वारा जारी गाइडलाइन के बारे में जानकारी दी गयी। जिलाधिकारी ने सभी लोगों से अपील करते हुये कहा कि प्रत्येक धर्म के अन्दर एक बार में एक स्थान पर 5 से अधिक श्रद्धालु व्यक्तियों को जाने की अनुमति नहीं होगी। उन्होंने कहा कि प्रवेश द्वार पर हाथों को कीटाणु-रहित करने हेतु एल्कोहल युक्त सैनिटाइजर का प्रयोग किया जाये साथ मे इन्फ्रारेड-थार्मामीटर की भी व्यवस्था की जाये। जिन व्यक्तियों में कोई लक्षण प्रदर्शित नहीं होगा केवल उन्हें ही परिसर में प्रवेश की अनुति होगी।
बिना मास्क वालो का प्रवेश वर्जित
सभी प्रवेश करने वाले व्यक्तियों को फेस कवर मास्क का प्रयोग करना अनिवार्य होगा। कोविड-19 महामारी के सम्बन्ध में रोकथाम संबंधी उपायों के रूप में जन-जागरूकयता के व्यापक प्रचार-प्रसार हेतु परिसर में पोस्टर स्टेन्डीज का प्रयोग प्रमुखता से करना होगा। जहां तक सम्भव हो आने वाले व्यक्तियों को विभिन्न समूहों में विभाजित करते हुये परिसर में प्रवेश करने की व्यवस्था की जाए। जिससे कि अनावश्यक भीड़-भाड़ न हो और संक्रमण का प्रसार न होने पाए । जिलाधिकारी ने कहा कि प्रयास हो कि एक स्थान पर एक समय में पांच से अधिक व्यक्ति एकत्रित न हो।
जूते चप्पल अपने गाड़ियों में रखने होंगे
उन्होंने कहा कि श्रद्धालु व्यक्ति जूते चप्पलों को अपने वाहन में ही उतार कर रखें, यदि आवश्यक हो तो इन्हें प्रत्येक व्यक्ति परिवार द्वारा स्वयं ही अलग-अलग खांचों ब्लाक में रखा जाये। परिसरों के बाहर पार्किंग स्थलों पर भीड प्रबंधन करते समय सोशल-डिस्टेंसिंग का कड़ाई से अनुपालन करना होगा। पब्लिक एड्रेस सिस्टम माइक से भी व्यक्तियों आगन्तुकों को काविड-19 संकमण से बचाव के बारे में लगातार जागरूक किया जाये तथा परिसर के बाहर स्थिति किसी भी प्रकार की दुकानों, स्टाॅंल, कैफेटेरिया इत्यादि पर भी पूरे समय सोशल डिस्टंसिंग के मानकों का कड़ाई से अनुपालन किया जाय।
छः फिट की दूरी होना अनिवार्य
सोशल-डिस्टेसिंग को सुनिश्चित करने हेतु परिसरों में व्यक्तियों के लाइन में खड़े होने के लिये कम से कम दो-दो मीटर की दूरी पर स्पष्ट दृश्य निशान चिन्ह अंकित कर दिय जाये तथा प्रवेश तथा निकास की यथासंभव अलग-अलग व्यवस्था की जाए। लाइनों में सभी व्यक्ति एक दूसरे के कम से कम 6 फिट की दूरी पर रहें। बैठने के स्थानों पर भी सोशल डिस्टेंसिंग के अनुसार व्यवस्थित किया जाए। वेंटिलेशन एयर कंडीशनर आदि के साधनों के प्रयोग का सामान्य तापमान 24-30 डिग्री के मध्य ही रहे। आर्द्रता की सीमा 40 से 70 प्रतिशत के मध्य होनी चाहिए।
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धार्मिक ग्रंथों को स्पर्श करने की नही होगी अनुमति
प्रतिरूप मूर्तियों पवित्र ग्रन्थों आदि को स्पर्श करने की अनुमति नहीं होगी तथा मण्डली निशिद्ध रहेगी। संक्रमण फैलने के खतरे के दृष्टिगत रिकॉर्ड किये हुये भक्ति संगीत के गाने बजाये जा सकते हैं। किन्तु समूह में इकट्ठे होकर गायन की अनुमति नहीं होगी। पूजा प्रार्थना इवादत सभाओं हेतु एक ही मैट दरी के प्रयोग से बचा जाय। श्रद्धालुओं को अपने लिये अलग मैट दरी चादर आदि लानी चाहिए। जिसे वह अपने साथ वापस भी ले जा सके।
धार्मिक एवं पुजारी समेत कोई भी किसी को किसी रूप में स्पर्श न करें। लंगर सामुदायिक रसोई अन्न-दान आदि हेतु भोजन तैयार वितरित करते समय शारीरिक दूरी के मानकों का अनुपालन करना होगा। परिसर के भीतर शौचालयों, हाथ पैर धोने के स्थानों पर स्वच्छता हेतु विशेष उपाय करने होगें। प्रबंधन द्वारा धार्मिक स्थलों की लगातार सफाई और कीटाणु रहित करने के उपाय करने होगें। परिसर के फर्श को विशेष रूप से कई बार साफ करना होगा। धार्मिक स्थल के अंदर किसी प्रकार के प्रसाद वितरण अथवा पवित्र जल के छिड़काव आदि की अनुमति नहीं होगी।
बैठक में एसपी धर्मवीर सिंह ने सभी संभ्रांत नागरिकों से कहा कि गाइडलाइन का पूरा अनुपालन सुनिश्चित किया जाये। कोरोना वायरस संक्रमण से बचने के एवं स्वयं को सुरक्षित रखने के लिये पूरी सावधानी बरती जाय। उन्होंने कहा कि इस महामारी से बचने में सभी लोगों के सहयोग की आवश्यकता है। बैठक में मौलाना नजम अली, मौलाना नौषाद, अशफाक अहमद, हाशिम अन्सारी, फिरोज खान, सोनारव खान सहित अन्य मुस्लिम धर्मगुरू उपस्थित रहे।
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