×

किसान हुआ बेहाल: सहकारी समितियों के काट रहा चक्कर, नहीं हो रही सुनवाई

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार जिले में यूरिया खाद की भारी कमी है। सहकारी समिति के कर्मचारी केवल और केवल अपने सदस्यों को यूरिया खाद की सप्लाई दे रहे हैं।

Newstrack
Published on: 17 Aug 2020 5:43 PM IST
किसान हुआ बेहाल: सहकारी समितियों के काट रहा चक्कर, नहीं हो रही सुनवाई
X
Formers For Urea

मिर्जापुर: जिले के सभी क्षेत्रो में यूरिया खाद नहीं मीलने से किसान आक्रोशित हैं। किसानों को इस समय यूरिया खाद की बहुत आवश्यकता है। क्योंकि किसान अपने खून पसीने की सारी कमाई को खेतों में धान की रोपाई कर खेती में लगा दिया है। लेकिन इस सरकार में आलम यह है कि किसानों को समय से यूरिया खाद नहीं मिल रहा है।

खाद के लिए किसानों की लगी लंबी लाइन

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार जिले में यूरिया खाद की भारी कमी है। सहकारी समिति के कर्मचारी केवल और केवल अपने सदस्यों को यूरिया खाद की सप्लाई दे रहे हैं। जिसमे सदस्यों को भी एक बोरी या दो बोरी खाद दिया जा रहा है। नगद पैसा लेकर किसान सहकारी समितियों का चक्कर लगा रहा है। लेकिन खाद नसीब नही हो रहा है। वहीं सरकार झूठे दावे कर रही है कि किसानों को यूरिया खाद पर्याप्त मात्रा में दिया जा रहा है। जिसकी पड़ताल में सरकार का यह दावा झूठा साबित होता दिख रहा है।

ये भी पढ़ें- भीषण बारिश से प्रलय: इन राज्यों में अलर्ट जारी, हो सकती है बहुत भारी वर्षा

Formers For Urea Formers For Urea

खाद के लालच में किसान अपना जान जोखिम में डालकर सोसाइटी के चक्कर काट रहा है। बड़े ताज्जुब की बात यह है कि जिस जिले में ने सत्तापक्ष को पांच विधायक एक मंत्री और एक लोकसभा सांसद दो राज्यसभा सांसदों दिए हो उस जिले के किसान युरिया खाद के लिए सड़कों पर चप्पल घिसते दिख रहे है। जिले के राजगढ़ के तेंदुआ कलां साधन सहकारी समिति पर सोमवार को खाद लेने के लिए किसानों की भीड़ उमड़ी।

सोशल डिस्टेंसिंग की भी उड़ीं धज्जियां

Formers For Urea Formers For Urea

ये भी पढ़ें- हिल गया जम्मू-कश्मीर: मारा गया आतंकियों का आका, सेना के हाथ लगी बड़ी कामयाबी

खाद पाने की चाहत में लाइनों में लगे किसानों ने शारीरिक दूरी का पालन तक नहीं किया। सभी किसान एक-दूसरे से सटकर खड़े थे। किसान कोरोना महामारी के दौर में भी यूरिया के लिए अपनी जान को जोखिम में डालकर भीड़ के रूप में समितियों पर एकत्र हो रहे हैं। कुछ किसान मास्क और शरीरिक दूरी तक का पालन नहीं कर रहे। इससे उनको और उनके और उनके परिवार वालों को भी जान खतरा पैदा हो रहा है।

Formers For Urea Formers For Urea

ये भी पढ़ें- ब्राम्हण उत्पीड़न का मामला गरमाया, भाजपा विधायक देवमणि दुबे उठाएंगे मुद्दा

वहीं जिले के मड़िहान थाना क्षेत्र के रजौहा सहकारी समिति पर भी यह आलम देखने को मिला। सोमवार को खाद लेने के लिए किसानों की भीड़ उमड़ी। यहां भी खाद पाने की चाहत में किसानों ने न शारीरिक दूरी का पालन किया और नही सभी किसान मास्क लगाए नजर आए। किसान कोरोना महामारी के दौर में भी यूरिया के लिए अपनी जान को जोखिम में डालकर भीड़ के रूप में समितियों पर एकत्र हो रहे हैं।

रिपोर्ट- बृजेंद्र दुबे

Newstrack

Newstrack

Next Story