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IAS Divya Mittal का तबादला, आम जनमानस को लगा ठेस, आजादी के बाद जिस गांव में पानी के लिए तरस रहे थे लोग, वहां पहुंचा दिया पानी

Mirzapur DM Transfer: जब दिव्या मित्तल को ज़िलाधिकारी मिर्ज़ापुर के पद से हटा दिया गया है तब जनता सोशल मीडिया के माध्यम से सफ़ेदपोश नेताओं के शह पर स्थानान्तरण का आरोप लगाते हुए इसे रद्द करने की मांग कर रही है।

Yogesh Mishra
Published on: 2 Sep 2023 12:06 PM GMT (Updated on: 2 Sep 2023 12:16 PM GMT)
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Mirzapur DM Transfer News: गठबंधन की सियासत के लिए कितनी क़ीमत चुकानी पड़ती है। यह इन दिनों मिर्ज़ापुर के लोग ठीक से समझ रहे होंगे। क्योंकि बहुत दिनों बाद मिर्ज़ापुर ज़िले के बाशिंदों के लिए विकास की उम्मीद बन कर आयी ज़िलाधिकारी दिव्या मित्तल का तबादला इलाकाई राजनेताओें की नाराज़गी के चलते करना पड़ा। दिव्या (IAS Divya MIttal) जब से ज़िलाधिकारी बन कर मिर्ज़ापुर में पहुँची तब से किसानों, आदिवासियों और वंचितों, उपेक्षित के लिए ख़ासा काम किया। जनता की समस्याओं को एक दिन में ही निपटाने के उनके फ़ार्मूले ने उन्हें राजनेताओें की आँख की किरकिरी बना दिया। हद तो तब हो गयी जब दिव्या मित्तल ने बाणसागर से पानी उनके ज़िले को पहले आपूर्ति करने की बात कहते हुए ज़िले के तमाम अधिकारियों को फटकार लगाई।

इस मीटिंग से संबंधित उनका वीडियो न केवल वायरल हुआ बल्कि खूब देखा भी गया। अब जब दिव्या मित्तल को ज़िलाधिकारी मिर्ज़ापुर के पद से हटा दिया गया है तब जनता सोशल मीडिया के माध्यम से सफ़ेदपोश नेताओं के शह पर स्थानान्तरण का आरोप लगाते हुए इसे रद्द करने की मांग कर रही है। दिव्या का तबादला कराने वाले नेता का नाम तो अभी तक सामने नहीं आया है पर लोगों का कहना है कि जिले में सबसे ताकतवर नेताओं में अपना दल की अनुप्रिया पटेल हैं। वह सांसद व केंद्र में मोदी कबीना की मंत्री भी हैं।

दिव्या बीते साल सितंबर माह में मिर्ज़ापुर में ज़िलाधिकारी बन कर आई थीं। उनकी एक नेता से नाराज़गी की वजह लोगों के ज़ुबान पर यह है। कहा जा रहा है कि दिव्या मित्तल ने कजली महोत्सव, चुनाव महोत्सव के साथ ही साथ ज़िले के सबसे ऊँचे गाँव में पानी पहुँचाने जैसी उपलब्धियों के उद्घाटन का अवसर नेताओं को नहीं दिया। यही उनके तबादले की वजह बना।

सितंबर माह में हुआ था डीएम दिव्या मित्तल का आगमन

जिले की भौगोलिक स्थिति को जानने के बाद वह लगातार विकास के नये आयाम स्थापित करने में जुटी थी। विंध्य कॉरीडोर के निर्माण में तेजी लाने के साथ-साथ मिर्जापुर के पक्का घाट जाने वाले मार्ग को भी चौड़ीकरण कराया। डीएम दिव्या मित्तल ने किसानों के साथ बैठक कर उनकी समस्या को भी प्राथमिकता से सुना और जाना। खेती के समय बारिश न होने के कारण मिर्जापुर के बेहाल किसानों ने डीएम से मिलकर बाणसागर नहर में पानी नहीं आने की शिकायत की। जिस पर डीएम ने बाणसागर नहर के अधिकारियों को जमकर फटकार लगाई। उन्होंने कहा मिर्जापुर हमारा जिला है। बाणसागर से पानी आएगा तो पहले मिर्जापुर में आएगा उसके बाद किसी और जिले को जाएगा। इसके बाद डीएम काफी चर्चा में रहीं। इसका वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हुआ।

आजादी पहली बार पहुंचाई पीने का पानी

यूपी के मिर्जापुर जिले के लालगंज तहसील के हलिया ब्लाक के लहुरियादह गांव में पीने के पानी की समस्या सदियों से चली आ रही थी। यहां पर ज्यादातर आदिवासी बहुल लोग रहते हैं। यहां के लोग पानी के लिए टैंकर पर निर्भर रहते थे। या फिर जंगल में जाकर झरनों से पानी लाने को मजबूर थे। गांव के लोग तो किसी तरह पानी पी लेते थे। लेकिन पशुओं का बहुत बुरा हाल था। जब दिव्या मित्तल को इसके बारे में जानकारी हुई तो वह स्वयं इस गांव का निरीक्षण करने पहुंची। उन्होंने लोगों से संवाद भी किया। इसके बाद उन्होंने खुद से प्रतिज्ञा की। उस चुनौती को स्वीकार किया। डीएम ने सभी विभागों के साथ बैठक कर पानी की समस्या से निजात दिलाने का निर्देश दिया। लखनऊ जाकर खुद इस प्रोजेक्ट की फाइल को मेहनत कर आगे बढ़ाया। इसके बाद हर घर जल योजना के तहत पहाड़ के ऊपर बसे आदिवासियों को पानी की समस्या से निजात दिलाया। लोगों के चेहरे पर मुस्कान वापस लाई। डीएम ने स्वयं इस योजना का पूजा पाठ कर पानी पीने के लिए नल चालू कर पानी देना शुरू किया।

मेरा गांव मेरा गौरव की कार्यक्रम में उमड़ती थी भरी भीड़

दिव्या मित्तल ने मेरा गांव मेरा गौरव नामक कार्यक्रम चलाया। जिसमें गांव गांव जाकर लोगों की समस्या सुनती थीं। फौरी राहत देने के लिए अधिकारियों को निर्देशित भी करती थीं। कभी कार्यक्रम में छोटी बच्ची को खिलाना, बच्चों के साथ बच्चे बनकर डांस करने लगना, ग्रामीणों को गले से लगा लेना, जमीन पर बैठकर फरियाद सुनने लगना। ऐसा वीडियो सोशल मीडिया पर कई बार वायरल हुआ। अपने इस तरह के क्रियाकलापों के चलते दिव्या मित्तल के स्थानांतरण के बाद आम जनमानस दुखी है। कोई भगवान से मिन्नत कर रहा है। तो कोई मुख्यमंत्री को ट्वीट कर स्थानांतरण रद्द करने की मांग कर रहा है।

जानिये कौन हैं दिव्या मित्तल

2008 के आसपास एक जोड़ा विदेश की चमचमाती जिंदगी को छोड़कर भारत में फिर से एक नई शुरूआत करने का फैसला करता है। हम जिस जोड़े की बात कर रहे हैं, वे आईएएस दिव्या मित्तल और उनके आईएएस पति गगनदीप सिंह ढिल्लों हैं। मूल रूप से हरियाणा के रेवाड़ी की रहने वालीं दिव्या मित्तल का जन्म दिल्ली में हुआ था। उनकी प्रारंभिक शिक्षा भी वहीं पर हुई। आईआईटी दिल्ली से उन्होंने सत्र 2001-05 में बीटेक की डिग्री हासिल की। इसके बाद 2005-07 में उन्होंने आईआईएम बेंगलुरू से एमबीए की पढ़ाई पूरी की। 2007 में लंदन की जेपी मॉर्गन फाइनांसियल कंपनी में जॉब ज्वाइन कर ली और पति गगनदीप सिंह के साथ वहीं रहने लगीं।

पंजाब के रहने वाले गगनदीप भी इंजीनियरिंग कर नौकरी कर रहे थे। भारत लौटने के बाद सबसे पहले उन्होंने ने ही 2011 में बिना कोचिंग के यूपीएससी क्रैक किया। इसके बाद उन्होंने दिव्या को भी इसके लिए प्रोत्साहित किया। 2012 में दिव्या ने भी सफलता पाई। आईपीएस बनीं। उन्हें गुजरात कॉडर मिला था।
लेकिन दिव्या को पति की तरह की आईएएस बनना था। 2013 में ट्रेनिंग के दौरान उन्होंने फिर से परीक्षा दी। इस बार उन्हें आईएएस मिल गया। पति की तरह उन्हें भी यूपी कॉडर मिला। आज पति-पत्नी दोनों यूपी कॉडर के अधिकारी हैं। दिव्या की नई पोस्टिंग जहां बस्ती डीएम के पद पर हुई है। वहीं, गगनदीप सिंह कानपुर में तैनात हैं।

Yogesh Mishra

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