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दलित बालक से कुकर्म: अदालत ने आरोपी को सुनाई ऐसी सजा, याद रखेंगे अपराधी
बागपत जनपद के बिनौली थाना क्षेत्र अंतर्गत जौहड़ी गांव के रहने वाले 11 वर्षीय एक दलित बच्चे की 09 मार्च 2014 को कुकर्म के बाद हत्या कर दी गयी थी
बागपत: जिला न्यायालय ने विशेष न्यायालय पोक्सो अधिनियम के तहत एक दलित बच्चे की कुकर्म के बाद हत्या के मामले में आरोपी को दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। यही नहीं विशेष न्यायाधीश पोकसो के के सिंह ने आरोपी को 2,55,000 रुपये के आर्थिक दंड से भी दण्डित किया है।
2014 में दिया था घटना को अंजाम
आपको बता दें कि बागपत जनपद के बिनौली थाना क्षेत्र अंतर्गत जौहड़ी गांव के रहने वाले 11 वर्षीय एक दलित बच्चे की 09 मार्च 2014 को कुकर्म के बाद हत्या कर दी गयी थी। जिसमें मृतक (मनीष) के चाचा (सोहनपाल) द्वारा थाना बिनोली में एक मुकदमा आरोपी (कर्मवीर- 45 वर्षीय) के विरुद्ध लिखवाया गया था।
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अदालत ने आरोपी को सुनाई आजीवन कारावास की सजा (फाइल फोटो)
शासकीय अधिवक्ता सुनील पंवार द्वारा बताया गया है कि 11 वर्षीय दलित बच्चा अपने दोस्तों के साथ बाहर चाउमीन खा रहा था। वहां से आरोपी किसी बहाने उसे बहला फुसलाकर अपने घर ले गया और उसके साथ कुकर्म की वारदात को अंजाम दिया। जिसके पश्चात आरोपी कर्मवीर ने बच्चे की हत्या कर दी और उसके शव को घर मे छोड़कर ही फरार हो गया। परिजनों ने बच्चे को काफी तलाशा परन्तु जब वह नहीं मिला तो अगले दिन उसकी लाश कर्मवीर के घर से मिली थी।
अदालत के फैसले से खुश नज़र आए परिजन
अदालत ने आरोपी को सुनाई आजीवन कारावास की सजा (फाइल फोटो)
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इस मामले में लगभग 15 गवाहों की सुनवाई करने और डीएनए टेस्ट रिपोर्ट के आधार पर विशेष न्यायालय पोक्सो के न्यायाधीश कृष्ण कुमार सिंह ने आरोपी कर्मवीर को दोषी करार दिया और आरोपी के विरुद्ध धारा 302, 377, एससी-एसटी एक्ट, पॉक्सो 6 के तहत दोषी मानते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई हुई है।
अदालत ने आरोपी को सुनाई आजीवन कारावास की सजा (फाइल फोटो)
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न्यायाधीश केके सिंह ने आरोपी कर्मवीर पर 2,55,000 रुपये का अर्थदंड भी लगाया है। वहीं कोर्ट का फैसला आने के बाद और आरोपी को सजा सुनाए जाने के बाद मृतक दलित बालक के परिजन भी खुश नज़र आये।
रिपोर्ट- पारस जैन