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Interview: मिर्जापुर के मड़िहान से MLA रमाशंकर पटेल को पावर ने खींचा राजनीति में

ऊर्जा राज्यमंत्री रमाशंकर पटेल मीरजापुर की मडिहान विधानसभा क्षेत्र से भाजपा के विधायक हैं।  पटेल ने एक खास बातचीत में बताया की राजनीति की शुरुआत में छात्र जीवन के दौर से गुजर रहा था।

Shivani
Published on: 16 Aug 2020 8:37 AM IST
Interview: मिर्जापुर के मड़िहान से MLA रमाशंकर पटेल को पावर ने खींचा राजनीति में
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ब्रजेन्द्र दुबे

मिर्जापुर। ऊर्जा राज्यमंत्री रमाशंकर पटेल मीरजापुर की मडिहान विधानसभा क्षेत्र से भाजपा के विधायक हैं। पटेल ने एक खास बातचीत में बताया की राजनीति की शुरुआत में छात्र जीवन के दौर से गुजर रहा था। बारहवीं कक्षा उत्तीर्ण करने के बाद एक वर्ष गैप के बाद ग्रेजुएशन में एडमिशन कराने के लिए परेशान था। यह बात 1990 की है।

मुश्किल दौर

मेरा एडमिशन नहीं हो पा रहा था। एक दिन की बात है हम अपने दोस्त सूर्यवली सिंह के साथ जिले के जीडी बिनानी पीजी कॉलेज के प्रिंसिपल के पास अपना कागज लेकर गये। उन्होंने हमारा कागज फेंक दिया। उसी जगह मैं उनका पैर पकड़ कर मिन्नतें करने लगा। लेकिन उन्होंने मेरा ग्रेजुएशन में दाखिला नहीं लिया।

मैं अपने दोस्त के साथ निराश होकर छात्र संघ कार्यालय के बाहर बैठ गया। सोचने लगा तभी हमारे पास एक छात्र नेता आये। मुझसे पूछा क्या कोई तकलीफ है? मैंने जवाब दिया मेरा एडमिशन नहीं हो रहा है।

नेतागिरी की पावर का अहसास

क्योंकि मेरा बारहवीं के बाद एक साल का गैप हो गया है। इसके बाद छात्र नेता हमारा कागज लेकर प्रिंसिपल के पास गए और कुछ ही क्षण में बाहर आकर बोले फीस जमा कर दो आपको दाखिला मिल गया है।

उसी समय हमारे मन में यह बात घर कर गयी। राजनीति में नेतागिरी में बहुत पावर है। उसी दिन से राजनीति पारी की शुरुआती हो गयी।

उसी वर्ष 1990 में हमने छात्र संघ उपाध्यक्ष पद के लिए चुनाव लड़ा। जिसमें हमारी जीत हुई। यहीं से राजनीति पारी शुरू हुई।

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ऊर्जा राज्यमंत्री रमाशंकर पटेल ने बताया कि जब राजनीति में नहीं आता पहले तो नौकरी करता, अगर नौकरी नहीं मिलती तब किसानी करता क्योकि हमारा परिवार एक सम्पन्न किसान भी है।

महंगे चुनाव

चुनाव महंगे होते जा रहे है इस पर रमाशंकर पटेल ने बताया कि छोटे से छोटा चुंनाव महंगा हो गया है। मैं पांच पंचवर्षीय प्रधानी का चुनाव जीता। उसके बाद जिलापंचायत सदस्य का चुनाव लड़ा, लेकिन हम व्यवहार से प्रधान का चुनाव जीत जाते थे।

रही बात विधानसभा चुनाव की तो हमें पार्टी की तरफ से प्राप्त धन से ही चुनाव जीत गए क्योकि हमारे पास जनता थी। सब मेरी खुद मदद के लिए आगे आ गए थे। मैं नहीं मानता कि चुनाव केवल पैसे से लड़ा जा सकता है। चुनाव व्यवहारिकता का भी हो जाता है।

चुनाव सुधार के बारे में

चुनाव सुधार के लिए मेरी राय है चुनाव सुधार होना ही चाहिए। चुनाव को और पारदर्शी कराने के लिए जनता और कैंडिडेट्स के साथ-साथ एक देश एक चुनाव होना चाहिए, देशहित में होना चाहिए।

लेकिन चुनाव में कैंडिडेट जनता को गुमराह करते है शराब, खरीद फरोख्त जैसी शर्मनाक कृत्य होने लगे है जिस पर आयोग को संज्ञान में लेकर इसे और पारदर्शी बनाए।

जनता से जुड़े बगैर राजनीति बेकार

जनता की अपेक्षाओं से दिक्कत नहीं महसूस नहीं होती। जब तक प्रतिनिधि जनता से नहीं जुड़ेगा तब तक उसकी राजनीति बेकार है। हम जनता से जुड़ते है तो हमे खुशी की अनुभूति होती है।

हम जनता से यही अपेक्षा रखते है कि जनता ईमानदारी से अच्छे कैंडिडेट्स का चुनाव करें। जनता किसी भी प्रकार के लालच में न आये न ही अफ़वाहों में रहे। शिक्षित कैंडिडेट्स को जनता को चुनना चाहिए।

सबसे खुशी और सबसे दुख का पल

जीवन का सबसे खुशी का पल जनता ने हमे जब चुनाव में विधायक बनाया था। वह समय हमारे जीवन का सबसे खुशी का पल था। उस समय हमें बहुत गौरव की अनुभूति हो रही थी।

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जब हम पंचायत चुनाव में जिलापंचायत पद के लिए चुनाव लड़े थे। लेकिन हमें उस चुनाव में शिकस्त मिल गयी थी। उस चुनाव में शराब, मुर्गा, पैसे के प्रलोभन की वजह से मैं हार गया था। वह हमारे जीवन का सबसे दुख का क्षण था। जिसकी वजह से हमने मन भी बना लिया था। अब राजनीति से सन्यास ले लूंगा।

राजनीति के बाद बागवानी

रमाशंकर पटेल ने बताया कि राजनीति के बाद पर्यावरण को लेकर बागवानी का कार्य करेंगे। लोगों के साथ बैठ कर बातचीत करूंगा, लोगों की मदद करूंगा। राजनीतिक पार्टियों में लोकतंत्र कायम है।

बड़ी उपलब्धियां

विधायक के तौर पर विकास के लिए सड़क, बिजली, के क्षेत्र में बहुत बड़ी उपलब्धिया हासिल किए है। सभी सड़के गड्ढामुक्त हो गयी हैं। 187 लिंक रोड का पुनः निर्माण कराया जा रहा है।

वह बताते हैं कि हमारे क्षेत्र में सबसे बड़ी समस्या पेयजल की है। यह हम से छूटी नहीं है। हमारा कार्यकाल पूरा होते-होते हर जगह से पेयजल की समस्या को खत्म कर दिया जाएगा।

विधायक निधि सबसे महत्वपूर्ण

विधायक निधि बहुत महत्वपूर्ण निधि योजना है। जिसकी मदद से छोटे-छोटे ग्रामीण सड़कों की मरम्मत के लिए यह योजना बहुत ही लाभकारी है।

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इस योजना के तहत अगर कोई विधायक कार्य करता है तो वह निश्चित रूप से अपने क्षेत्र की जनता का विश्वास जीतने में कामयाब होगा।

इसमें एक कमी है वह है बंदरबांट करने की। अगर कोई विधायक निश्चित रूप से जनता की सेवा करना चाहता है तो विधायक निधि से जनता के छोटे-छोटे कार्यों को निश्चित रूप से पूर्ण कर सकता है।

नौकरशाही रोड़ा अटकाती है

नौकरशाही सरकार की मंशा के अनुसार कार्य नहीं करती है। अगर नौकरशाही सरकार के लक्ष्य को लेकर कार्य करें तो निश्चित रूप से कोई भी सरकार हो कभी भी फेल नहीं हो सकती।

यह मेरा मानना है कि नौकरशाही निश्चित रूप से रोड़ा अटकाने का कार्य करते हैं। हमारे क्षेत्र की मुख्य समस्या सड़क, बिजली, पानी की प्रमुख समस्या है। जिसमें हमने बिजली और सड़क की समस्या को लगभग खत्म होने के कगार पर हैं। लेकिन पानी की समस्या बरकरार है। सिचाई पर कार्य चल रहा है। इसको जल्दी से जल्दी पूर्ण करेंगे।

कोई और बिजनेस नहीं

राजनीति के अलावा मेरा कोई बिजनेस नही किया हूँ। विधायक बनने के पहले एक लकी ड्रा के लिए हमने आवेदन किया था। जिसमे एक पेट्रोल पंप मिला है। जिसको हम बनवा कर बेटे को सौप दिए है। आखिर में उन्होंने बताया की उनकी शिक्षा एमए, बीएड तक है।

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Shivani

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