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Atiq Ahmed: अतीक अहमद के खिलाफ सौ से अधिक मामले मगर पहली बार हुई सजा, कई मामलों में हो चुका है बरी
Atiq Ahmed: बाहुबली अतीक अहमद के खिलाफ सौ से अधिक मुकदमे दर्ज हैं मगर पिछले चार दशक से अधिक समय से खूनी खेल खेलने वाले अतीक को पहली बार किसी मामले में सजा सुनाई गई है।
Atiq Ahmed: बाहुबली अतीक अहमद के खिलाफ सौ से अधिक मुकदमे दर्ज हैं मगर पिछले चार दशक से अधिक समय से खूनी खेल खेलने वाले अतीक को पहली बार किसी मामले में सजा सुनाई गई है। अतीक के खिलाफ जो मामले दर्ज हैं,उनमें हत्या और अपहरण के संगीन मामले भी शामिल हैं और इनकी जांच पुलिस के अलावा सीबीआई और सीबीसीआईडी की ओर से भी की जा चुकी है मगर अभी तक उसे किसी भी मामले में सजा नहीं सुनाई गई थी।
प्रयागराज की एमपी-एमएलए कोर्ट ने आज 17 साल पुराने उमेश पाल अपहरण केस में बड़ा फैसला सुनाते हुए बाहुबली अतीक अहमद समेत तीन आरोपियों को उम्र कैद की सजा सुनाई। यह पहला मामला है जिसमें अतीक अहमद को सजा सुनाई गई है। अदालत ने अतीक और दो अन्य आरोपियों हनीफ और दिनेश पासीसी पर एक-एक लाख का जुर्माना भी लगाया है। अदालत ने अतीक के भाई अशरफ समेत सात अन्य आरोपियों को बरी कर दिया है।
चार दशक से अधिक समय से खूनी खेल
माफिया अतीक अहमद का लंबा आपराधिक इतिहास रहा है और वह चार दशक से अधिक समय से खूनी खेल खेलता रहा है। अतीक के खिलाफ विभिन्न थानों में 101 मुकदमे दर्ज हैं मगर उमेश अपहरण केस से पहले अतीक को किसी भी मामले में कोई सजा नहीं हुई थी। सीबीआई कोर्ट से भी अतीक सनसनीखेज मर्डर के मामले में बरी हो चुका है। अतीक के खिलाफ दर्ज कई मामले तो ऐसे रहे जिनमें कोई भी गवाह सामने नहीं आया। यही कारण है कि उमेश पाल अपहरण केस में अतीक अहमद को सुनाई गई उम्र कैद की सजा को काफी अहम माना जा रहा है।
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कोर्ट का यह फैसला इसलिए भी काफी महत्वपूर्ण है क्योंकि उमेश पाल की गत 24 फरवरी को प्रयागराज में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। उमेश पाल की हत्या के इस मामले में अतीक, उसका भाई अशरफ और बेटे असद समेत नौ लोग आरोपी हैं। उमेश पाल अपहरण केस में मंगलवार का दिन सजा के लिए मुकर्रर किया गया था और इसी सिलसिले में अतीक अहमद को साबरमती जेल से प्रयागराज लाया गया था। अतीक के भाई अशरफ को बरेली जेल से प्रयागराज लाया गया था। अपहरण के इस मामले में एक अन्य आरोपी फरहान को भी नैनी जेल लाया गया था।
कई मामलों में हुआ बरी,गवाह भी सामने नहीं आए
उमेश अपहरण केस से पहले अतीक कई संगीन मामलों में बरी भी हो चुका है। 1995 में नवाबगंज के रहने वाले वकील मुस्तफा के दो भाइयों की हत्या हुई थी। इस मामले की विवेचना के दौरान अतीक अहमद का भी नाम सामने आया था। बाद में इस मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी गई थी। इस मामले में सीबीआई कोर्ट ने 2017 में अतीक अहमद को बरी कर दिया था। इस मामले में 11 लोगों को नामजद किया गया था जिनमें से 6 को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी।
कपड़ा व्यापारी नीटू सरदार की 2003 में हुई हत्या के मामले में अतीक अहमद के खिलाफ गवाही देने के लिए कोई भी गवाह सामने नहीं आया। यहां तक कि अतीक अहमद के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज कराने वाले नीटू सरदार के पिता की गवाही भी नहीं हो पाई थी। इस मामले में 2018 में फैसला आया था जिसमें अतीक अहमद को बरी कर दिया गया था।
शाहगंज थाने में 2001 में अतीक अहमद और अन्य के खिलाफ व्यापारी से रंगदारी मांगने और मारपीट करने का मुकदमा दर्ज किया गया था मगर बाद में अतीक अहमद और पूर्व विधायक परवेज अहमद समेत अन्य आरोपी डिस्पोज कर दिए गए थे। इसके अलावा माफिया अतीक अहमद बिहार में दर्ज हत्या और अपहरण के मामले में भी क्लीनचिट पा चुका है।
योगी सरकार ने कस दिया शिकंजा
जानकारों का मानना है कि अभी तक राजनीतिक संरक्षण और अपने बाहुबल के दम पर अतीक अहमद सजा पाने से बचता रहा है। प्रदेश में योगी सरकार बनने के बाद अतीक अहमद के खिलाफ ताबड़तोड़ कार्रवाई की गई है। अभी तक अतीक और उसके गुर्गों की सैकड़ों करोड़ की संपत्ति जब्त की जा चुकी है।
योगी सरकार के कार्यकाल में अतीक अहमद के खिलाफ दर्ज मामलों में काफी तेजी से पैरवी की गई है। राजनीति और अपराधीकरण के गठजोड़ की वजह से अतीक अहमद भले ही अभी तक बचता रहा हो मगर अब उस पर कानून का शिकंजा कस चुका है। उम्र कैद की सजा पाने के बाद अब अतीक का जेल से बाहर निकालना काफी मुश्किल माना जा रहा है। इसके साथ ही अब सियासी मैदान में भी उसके सारे अरमान ध्वस्त हो चुके हैं।