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UP वाहनों में बड़ा खेल: नंबर प्लेट पर स्टाइल-हनक का दिखावा, मूकदर्शक बनी पुलिस
राजधानी लखनऊ में गाड़ियों की नम्बर प्लेट्स के साथ मज़ाक किया जा रहा है। बल्कि मज़ाक नहीं मनमानी की जा रही है और सिर्फ इसलिए कि कोई स्टाइल दिखाना चाहता है तो कोई सत्ता में अपनी हनक। बात सिर्फ स्टाइल और हनक तक होती तो भी सही जा सकती है।
आशुतोष त्रिपाठी
लखनऊ: सत्ता का चरित्र एक जैसा होता है, और पार्टियों का भी। पार्टियां सत्ता के बाहर कुछ, और सत्ता में आकर कुछ और ही हो जाती हैं। कार्यकर्ता भी कमोवेश वैसे ही होते हैं, साथ में नेता भी। ये तस्वीरें चीख-चीख कर इस बात की तस्दीक दे रही हैं कि आपको नम्बर के अलावा नम्बर प्लेट पर सबके दर्शन हो जायेंगे। पंडित से लेकर खान तक और योगी से लेकर राम तक।
स्टाइल और हनक का दिखावा
राजधानी लखनऊ में गाड़ियों की नम्बर प्लेट्स के साथ मज़ाक किया जा रहा है। बल्कि मज़ाक नहीं मनमानी की जा रही है और सिर्फ इसलिए कि कोई स्टाइल दिखाना चाहता है तो कोई सत्ता में अपनी हनक। बात सिर्फ स्टाइल और हनक तक होती तो भी सही जा सकती है। अब तो अपराधी भी इसे अपनाने लगे हैं। प्रदेश की कई घटनाओं में इस तरह की नंबर प्लेट की नज़ीरें अब आम हो गयी हैं।
कानून पर ध्यान देने वाला भी तो कोई चाहिए
अदब के शहर जो सूबे की राजधानी भी है, यानी लखनऊ में ऐसी नम्बर प्लेट्स आम नज़ारा बन गयी हैं। मोटरसाइकिल से कार तक और एसयूवी से आटो तक। नियम कानून बहुत हैं पर ट्रैफिक पुलिस के पास फुरसत नहीं कि इसे देखें। चालान काटना है, नो इंट्री छोड़नी है। मंत्रियों की गाड़ी को पास करना है। कानून तो आरटीओ के पास भी हैं पर कानून पर ध्यान देने वाला भी तो कोई चाहिए।
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नंबर प्लेट से दिखता है रसूख
छुटभइया नेता राजनैतिक पार्टियों में अपनी जगह बनाने के लिए अपनी लग्जरी गाड़ियों में इस तरह नंबर लिखवाते हैं, आजकल गाड़ियों में इस प्रकार नम्बर लिखवाना स्टेटस सिम्बल भी बन गया है।यह दबंगई के प्रदर्शन का हथियार बन गया है। वजह कुछ भी हो लेकिन अपनी रसूख के मद में अंधे लोगो आये दिन महंगी गाड़ियों से ट्रैफिक नियमों को रौंद रहे हैं।
नहीं उलझते ट्रैफिक कर्मी
कुछ लोग तो ऐसे भी हैं जो बड़े बड़े अक्षरों में नम्बर प्लेट पर अपनी दबंगई दिखने के लिए अपना पद और पार्टी का नाम भी लिख देते हैं। कुछ की नंबर प्लेट नेम प्लेट बन गयी है। नंबर तो कईं कोने में पड़ा अपने वजूद की बदहाली देख रहा है। अब ऐसे लोगों से ट्रैफिक कर्मी कैसे उलझे। उलझे तो इनके महंगे फोन निकल आते हैं और ट्राफिक कर्मी को सुननी पड़ती है गालियां और तो और ट्राफिक कर्मियों को अपने गाल भी बचाने हैं। सत्ता के ये शोहदे तो कान के नीचे रसीद भी कर देते है। लखनऊ में ही किया। ऐसे में ऐसे नम्बर प्लेट वाले लोगों से ट्राफिक कर्मी भी नहीं उलझते हैं। नेताओं की ट्रैफिक पुलिस से गाली गलौच और मारपीट की खबरें अब आम हो गयी हैं। सुर्खियां तक नहीं बनती हैं।
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क्या है परिवहन विभाग की गाइड लाइन
परिवहन विभाग की गाइडलाइन के मुताबिक मोटर वेहीकल एक्ट 1989 के की धारा 50 और 51 में वाहनों की अनाधिकृत/अवैध नंबर प्लेटों के बारे में विस्तार से दिया गया है।
इसमें स्पष्ट रूप से निम्न प्रावधान किए गए हैं:-
1-निजी दो पहिया/चार पहिया वाहनों की नंबर प्लेट सफेद रंग की होगी और उस पर स्पष्ट रूप से काले अक्षरों में पंजीकरण संख्या अंकित की जाएगी
2-कमर्शियल वाहनों पर पीले रंग की नंबर प्लेट पर काले रंग से पंजीकरण संख्या स्पष्ट रूप से अंकित की जाएगी।
3-हर वाहन के हिसाब से नंबर प्लेट का मानक निश्चित किया गया है। उसी के अनुरूप नंबर प्लेट वाहनों पर लगानी होगी। यह नंबर प्लेट वाहन के आगे और पीछे दोनो तरफ निश्चित मानक के अनुसार ही लगानी होगी।
4-इसके अलावा फैंसी अक्षर, अक्षरों या पंजीकरण संख्या को तोड मरोड कर लिखना, किसी तरह का नाम, चित्र या अन्य कोई कलाकृति बनाना पूर्ण रूप से प्रतिबंधित है।
5-कम दूरी पर चलने वाले वाहनों जैसे टैंपों, कैब आदि पर पंजीकरण संख्या को वाहनों के अंदर डैशबोर्ड पर स्पष्ट रूप से इस प्रकार लिखा जाए कि वह यात्रियों को आसानी से दिख जाए।
6-पंजीकरण संख्या को नंबर प्लेट पर केवल अंग्रेजी भाषा और एरबिक न्यूमरल में दर्शाया जाएगा। जिसमें पंजीकरण चिन्ह जैसे UP को अंगेजी में लिखा जाए और और उसके बाद पंजीकरण संख्या 1234 को एरबिक न्यूमरल में इसी भांति लिखा जाए।
7-दो पहिया और तीन पहिया वाहनो में नंबर प्लेट का साइज 200 X 100 मिलीमीटर होना चाहिए।
8-हल्के चार पहिया वाहनों/ कैब में नंबर प्लेट का साइज 340 X 200 मिलीमीटर या 500 X 120 मिलीमीटर होना चाहिए।
9-मीडियम या भारी वाहनों की नंबर प्लेट का साइज 340 X 200 मिलीमीटर होना चाहिए।
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