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अतिपिछड़े वर्ग के नेता पालतू तोता, तीतर व बटेर: राष्ट्रीय निषाद संघ

ईवीएम टेम्परिंग, हैकिंग व हेराफेरी को गलत बताने वाली भाजपा को यदि जनता से मिल रहे जनादेश पर विश्वास है तो बैलेट पेपर से चुनाव कराने से क्यों भागती है ?

Shivakant Shukla
Published on: 1 Jun 2019 8:14 PM IST
अतिपिछड़े वर्ग के नेता पालतू तोता, तीतर व बटेर: राष्ट्रीय निषाद संघ
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लखनऊ: राष्ट्रीय निषाद संघ (एन0ए0एफ0) ने कहा कि भाजपा एक शिकारी है जो अतिपिछड़ों व अतिदलितों को शिकार समझती है। भाजपा अतिपिछड़े वर्ग के नेताओं को पालतू तोता, तीतर व बटेर के रूप में इस्तेमाल करती है।

पार्टी नेता लौटन राम निषाद ने ईवीएम को भाजपा के लिए इलेक्ट्रानिक विकट्री मशीन बताते हुए कहा कि भाजपा की जीत में जनता का जनादेश नहीं बल्कि ईवीएम मशीन का कमाल है। कर्नाटक में लोक सभा चुनाव में 28 सीटों में से 25 पर जीत दर्ज करने वाली भाजपा को स्थानीय निकाय चुनाव में बुरी हार मिली है।

उन्होंने कहा कि अतिपिछड़े-अतिदलित समाज को शिकार बनाने के लिए भाजपा केशव प्रसाद मौर्या, धर्मपाल सिंह लोधी, एस.पी. सिंह बघेल, साध्वी निरंजन ज्योति निषाद, स्वतंत्र देव सिंह, सुशील शाक्य आदि पिछड़े वर्ग के नेताओं को मोहरा के तौर पर इस्तेमाल करती है।

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भाजपा में पिछड़े दलित नेताओं की औकात बन्धुआ मजदूर सरीखी है। बृहद्रथ मौर्य की हत्या पुष्यमित्र सिंह शुंग, वीर एकलव्य का अगूंठा कटवाने वाले द्रोणाचार्य, कुर्मी समाज के नायक वीर शिवा जी, सामाजिक न्याय के अग्रदूत बाबू जगदेव प्रसाद कुशवाहा के हत्यारों के वंशज, निषाद ऋषि शम्बुक की राम से हत्या कराने वाले वर्ण व्यवस्था के पोषक ही आरएसएस के संचालक हैं।

उन्होंने कहा कि मोदी के नेतृत्व में गठित 25 सदस्यीय कैबिनेट में एक भी पिछड़े को स्थान न देकर आरएसएस नियंत्रित भाजपा ने अपना असली चेहरा उजागर कर दिया है। सबका साथ सबका विकास व सबका विश्वास की बात करने वाली भाजपा ने पिछड़ों व अतिपिछड़ों को भीगों कर जूता मारा है।

उत्तर प्रदेश में 10.49 प्रतिशत आबादी वाले यादव जाति के गिरीश चन्द्र यादव, 12.91 प्रतिशत आबादी वाले निषाद समाज के जय प्रकाश निषाद, दलितों में दूसरी बड़ी आबादी वाले पासी समाज के सुरेश पासी को राज्य मंत्री बनाया है। इनका जमीर जिन्दा होता तो मंत्री मण्डल से इस्तीफा दे देते।

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उन्होंने कहा कि कांग्रेस और जे.डी.एस. ने अलग-अलग चुनाव लड़ा इसके बावजूद भी 1221 सीटों में कांग्रेस को 509, जे.डी.एस. को 174, भाजपा को 326 व अन्य को 172 सीटों पर जीत मिली। ईवीएम टेम्परिंग, हैकिंग व हेराफेरी को गलत बताने वाली भाजपा को यदि जनता से मिल रहे जनादेश पर विश्वास है तो बैलेट पेपर से चुनाव कराने से क्यों भागती है ?

Shivakant Shukla

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