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UP NDA: यूपी में अभी और बढ़ेगा एनडीए का कुनबा, ये छोटी पार्टियां भी हैं कतार में

UP NDA: उत्तर प्रदेश से एनडीए में पूर्वांचल के एक और राजनीतिक दल का प्रवेश हो रहा है। इस दल का नाम है प्रगतिशील मानव समाज पार्टी। सूत्रों की मानें तो पार्टी का एनडीए में शामिल होना लगभग तय है।

Krishna Chaudhary
Published on: 23 July 2023 2:41 PM IST (Updated on: 23 July 2023 3:07 PM IST)
UP NDA: यूपी में अभी और बढ़ेगा एनडीए का कुनबा, ये छोटी पार्टियां भी हैं कतार में
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Small Parties to Join NDA (Photo: Social Media)

UP NDA: विपक्षी एकजुटता की कवायद के बीच सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी ने छोटे राजनीतिक दलों को अपनी ओर आकर्षित करना शुरू कर दिया है। इन दिनों यूपी-बिहार जैसे राज्यों के छोटे सियासी दलों के नेता खूब दिल्ली की दौर लगा रहे हैं। ओमप्रकाश राजभर की सुभासपा जैसी पार्टियों ने 18 जुलाई को एनडीए की बैठक से पहले ही इस खेमे में आने का ऐलान कर दिया था। वहीं, कुछ पार्टियां अब शामिल होने जा रही हैं।

उत्तर प्रदेश से एनडीए में पूर्वांचल के एक और राजनीतिक दल का प्रवेश हो रहा है। इस दल का नाम है प्रगतिशील मानव समाज पार्टी। सूत्रों की मानें तो पार्टी का एनडीए में शामिल होना लगभग तय है। इसकी घोषणा अगस्त के पहले हफ्ते में हो सकती है। पार्टी अध्यक्ष प्रेमचंद बिंद की दिल्ली में बीजेपी के आलाकमान से इस बाबत चर्चा हो चुकी है।

दिल्ली में अमित शाह से हुई थी मुलाकात

प्रगतिशील मानव समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रेमचंद बिंद की एनडीए की मीटिंग के एक दिन बाद यानी 19 जुलाई को दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात हुई थी। इस दौरान दोनों नेताओं के बीच आगामी लोकसभा चुनाव को लेकर विस्तृत चर्चा हुई। किन सीटों पर तालमेल होगा, इसके बारे में भी बातचीत हुई। बताया जा रहा है कि 15 अगस्त तक प्रगतिशील मानव समाज पार्टी के एनडीए में शामिल होने की औपचारिक घोषणा हो सकती है।

कितने सीटों पर है दावा

प्रगतिशील मानव समाज पार्टी से जुड़े सूत्रों के मुताबिक, प्रेमचंद बिंद ने दिल्ली में अमित शाह से मुलाकात के दौरान 5 लोकसभा सीटों की डिमांड रखी थी। हालांकि, इतना सीट शायद ही बीजेपी देने के लिए तैयार हो क्योंकि गठबंधन में अन्य पार्टियां भी हैं। इसके अलावा कुछ पार्टियां बाद में भी साथ आ सकती हैं। बिंद के करीबी सूत्रों के मुताबिक, उनका तीन सीटों पर सबसे अधिक दावा है, वो है भदोही, जौनपुर और चंदौली। बताया जाता है कि विधानसभा चुनाव के दौरान भी बिंद की बीजेपी के साथ गठबंधन को लेकर चर्चा हुई थी लेकिन सीटों को लेकर मामला आगे नहीं बढ़ पाया था।

क्या है प्रेमचंद बिंद की ताकत ?

बिंद समाज से आने वाले प्रेमचंद बिंद की गिनती पूर्वांचल के एक दिग्गज क्षत्रप के रूप में होती है। उनकी पार्टी का पूर्वांचल के कई जिलों जिसमें भदोही से लेकर गाजीपुर, चंदौली, जौनपुर,प्रयागराज, मिर्जापुर और वाराणसी तक में मजबूत संगठन है। इन जिलों के कुछ इलाकों में बिंद, निषाद वोटरों पर प्रेमचंद बिंद की मजबूत पकड़ मानी जाती है। बिंद खुद भदोही जिले के वारी गांव के रहने वाले हैं। उनकी पार्टी के टिकट पर पूर्व बाहुबली एमएलएसी बृजेश सिंह, पूर्व कैबिनेट मंत्री राकेश धर त्रिपाठी और बाहुबली विधायक विजय मिश्रा चुनाव लड़ चुके हैं।

ये पार्टियां भी थाम सकती हैं एनडीए का दामन

भारतीय जनता पार्टी की केंद्र और राज्य दोनों में सरकारें हैं, इसलिए पार्टी के पास नेताओं को देने के लिए बहुत कुछ है। यही वजह है कि ओमप्रकाश राजभर जैसे कट्टर विरोधी भी भगवा खेमे में शामिल हो चुके हैं। यूपी की कई अन्य छोटी सियासी पार्टियां भी इसी राह पर है। प्रगतिशील मानव समाज पार्टी के बाद केशव देव मौर्य का महान दल और संजय चौहान की जनवादी पार्टी के भी एनडीए में शामिल होने की अटकलें हैं। केशव देव मौर्य विधानसभा चुनाव के समय सपा के साथ मिलकर लड़े थे।

लेकिन चुनाव के बाद ओपी राजभर की तरह उनकी भी अखिलेश यादव के साथ रिश्ते बिगड़ गए। विधान परिषद की सीट को लेकर दोनों के बीच रिश्ते इतने खराब हो गए कि सपा सुप्रीमो ने विधानसभा चुनाव के दौरान उन्हें जो गाड़ी गिफ्ट की थी, वो मंगवा ली थी। महान दल प्रमुख ने बसपा के अलायंस कर चुनाव लड़ने का ऐलान किया था। लेकिन मायावती के अकेले लड़ने की घोषणा के बाद अब उनका भी देर-सवेर एनडीए में आना तय माना जा रहा है। वहीं, जनवादी पार्टी के मुखिया संजय चौहान ने फिलहाल सपा के साथ ही रहने की बात कही है। हालांकि, अगर उनका मन भी चुनाव आते-आते बदल जाए तो हैरानी नहीं होनी चाहिए।



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