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वायरलेस पर आया मैसेज- सावधान हो जाये गांव डूबने वाला है, तभी हुआ ये
एनडीआरएफ की टीम ने जहां नदी में और बाढ़ में फंसे लोगों को बाहर निकाला वहीँ एयरफोर्स के जवानों ने हेलीकाप्टर से आसमान में उड़ते हुए राप्ती नदी के बाढ़ में फंसे और मैरुंड इलाके से एयरलिफ्ट किया
गोरखपुर: साल 2017 की तरह बाढ़ के दौरान बचाव कार्य में कोई चूक न हो, इसकी तैयारियों को मुकम्मल करने के लिए गोरखपुर में मेगा मॉक ड्रिल का आयोजन किया गया।
एनडीआरएफ की टीम ने जहां नदी में और बाढ़ में फंसे लोगों को बाहर निकाला वहीँ एयरफोर्स के जवानों ने हेलीकाप्टर से आसमान में उड़ते हुए राप्ती नदी के बाढ़ में फंसे और मैरुंड इलाके से एयरलिफ्ट किया।
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बाढ़ ने खोल दी थी जिला प्रशासन की पोल
इस दौरान राहत सामग्री के वितरण से लेकर स्वास्थ्य के प्रति लोगों को सचेत किया गया। आप को बता दें साल 2017 में गोरखपुर के कई इलाकों में आई बाढ़ ने जिला प्रशासन की पोल खोल दी थी। तैयारियां पूरी नहीं होने की वजह से बाढ़ में कई सौ घर डूब गए थे, और सैकड़ों लोग बेघर हो गए थे।
इसके साथ ही भारी संख्या में जन धन की भी हानि हुई थी। अबकी मानसून में लगातार पांच दिन भारी वर्षा सेे नदी के जलस्तर में लगातार वृद्धि हुई हालांकि अब राप्ती नदी स्थिर हैैैै लेकिन आने वाले दिनों में मौसम विभाग द्वारा अलर्ट् किया गया हैै कि 22 जुलाई से भारी बारिश होनी है। इसी को देखते हुए बाढ़ का खतरा बना हुआ है।
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गोरखपुर को बाढ़ से बचाने के लिए 70 बांध
गोरखपुर को चारो तरह से बाढ़ से बचाने वाले 70 छोटे- बड़े बाँध हैं, जिनके किनारे रहने वाले लोगों को इस साल भी अलर्ट कर दिया गया है और पिछले साल से ज्यादा बंधों को मज़बूत बनाया गया है। लेकिन नेपाल से पानी छोड़ने की वजह से आई बाढ़ को देखते हुए जिला प्रशासन ने आज गोरखपुर में मेगा मॉक ड्रिल का आयोजन किया। जिसमें संभावित बाढ़ से बचने के लिए क्या-क्या उपाय हो सकते हैं, इन सभी उपायों को आज टेस्ट किया गया।
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वायरलेस पर दी गई बाढ़ की सूचना
गोरखपुर के राप्ती नदी के किनारे राजघाट पर इस कार्यक्रम का आयोजन किया गया जिसमें मंडलायुक्त, आईजी, जिले के जिलाधिकारी, एसएसपी सहित कई विभागों के अधिकारी और भारी संख्या में एनडीआरएफ और पुलिस के जवान मौजूद रहे, राप्ती नदी के किनारे के 2 गांवों को इसके लिए चिन्हित किया गया और वायरलेस पर यह मैसेज दिया गया कि इन गांवों में बाढ़ का पानी भर गया है।
इस मैसेज के बाद एनडीआरएफ की टीम नावों से इस गावों में पहुची और लोगों को रेस्क्यू किया गया, इसी बीच राप्ती नदी को डोंगी नाव से पार कर रहे लोग, नाव के पलटने के कारण डूबने लगे। इनको भी एनडीआरएफ की टीम ने जान जोखिम में डालकर बचाया गया, इनके इस काम में स्थानीय पुलिस ने भी इनका पूरा सहयोग किया और घायलों की मदद में ग्रीन कारीडोर बनाकर उनको अस्पताल पहुचाया।
इसके बाद बाढ़ में फंसे लोगों को हेलीकाप्टर से रेस्क्यू किया गया और प्रभावित इलाकों में फ़ूड पैकेट भी गिराए गए। लगभग 4 घंटे तक चलने वाले इस कार्यक्रम के जरिये यह जानने की कोशिश की गयी कि जब इस तरह के हालात बनते हैं, तो उस समय राहत और बचाव कार्य में कितना समय लग सकता है, क्या क्या कमियां रह जाती हैं और लोगों को कितनी जल्दी मदद पहुचाई जा सकती है ।
मंडलायुक्त जयंत नार्लीकर ने बताया कि बाढ़ आपदा व स्वभाविक आपदा से निपटने के लिए एनडीआरएफ व एसडीआरएफ तथा 26 पीएससी वाहिनी के द्वारा संयुक्त मार्क ड्रिल कर गोरखपुर वासियों को आश्वस्त किया गया कि आपदा बढ़ने पर आपदा से प्रभावित आम जनमानस आपदा प्रबंधन टीम द्वारा बचाया जा सकता है।
वहीं आईजी जय नारायण सिंह ने बताया कि हमारी गोरखपुर जनपद पुलिस के साथ साथ एनडीआरएफ व एसडीआरएफ तथा पीएसी की टीम हमेशा किसी भी आपदा से निपटने के लिए तत्पर रहती है।