TRENDING TAGS :

Aaj Ka Rashifal

फिरोज की नई नियुक्ति, बीएचयू कुलपति के कारनामे बढ़ा रहे हैं बवाल

विश्वविद्यालय प्रशासन ने भले ही आचार्य फिरोज को संस्कृत विद्या धर्म विज्ञान संकाय से आयुर्वेद विभाग में नियुक्ति करके बवाल से छुट्टी पा ली हो। लेकिन जिस तरह आचार्य फिरोज की आयुर्वेद विभाग में नियुक्ति का रास्ता खोला गया।

Shivakant Shukla
Published on: 29 Nov 2019 1:57 PM GMT
फिरोज की नई नियुक्ति, बीएचयू कुलपति के कारनामे बढ़ा रहे हैं बवाल
X

योगेश मिश्र

लखनऊ: आचार्य फिरोज को लेकर बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) में मचे कोहराम का रास्ता विश्वविद्यालय प्रशासन ने आज निकाल लिया है। आचार्य फिरोज का आयुर्वेद विभाग के संस्कृत टीचर के रूप में शुक्रवार को साक्षात्कार कराया गया। जिस तरह वीआईपी बनाकर आचार्य फिरोज को चयन बोर्ड के सामने पेश किया गया उससे उनके चयनित होने को लेकर कोई गुंजाइश नहीं रह जाती है।

कहा तो यह भी जा रहा है कि चयनित किये जाने की इत्तिला भी उन्हें मिल गई है। जल्द ही उन्हें विश्वविद्यालय के संस्कृत विद्या धर्म विज्ञान संकाय से मुक्ति मिल जाएगी। इस संकाय में उनकी नियुक्ति को लेकर नवंबर के शुरुआती दिनों से ही बवाल चल रहा है।

ये भी पढ़ें— कश्मीर में खतरनाक साजिश: आतंकी कर रहे इस तकनीक का इस्तेमाल, कैसे रोकेगी सरकार

आचार्य फिरोज की आयुर्वेद विभाग में नियुक्ति का रास्ता खोला गया

विश्वविद्यालय प्रशासन ने भले ही आचार्य फिरोज को संस्कृत विद्या धर्म विज्ञान संकाय से आयुर्वेद विभाग में नियुक्ति करके बवाल से छुट्टी पा ली हो। लेकिन जिस तरह आचार्य फिरोज की आयुर्वेद विभाग में नियुक्ति का रास्ता खोला गया। वह विश्वविद्यालय के कुलपति राकेश भटनागर के कामकाज के तरीकों पर और भी सवाल खड़ा करता है। सूत्रों की मानें तो आचार्य फिरोज को विश्वविद्यालय प्रशासन अपनी गाड़ी से इंटरव्यू स्थल तक लेकर गया। उन्हें सुबह 7.30 बजे ही विश्वविद्यालय प्रशासन के लोगों ने अपने साथ ले लिया था। आचार्य फिरोज ने आयुर्वेद विभाग में सहायक प्रोफेसर के पद के लिए आवेदन तो किया था। परंतु संस्कृत विद्या धर्म विज्ञान संकाय में नियुक्ति के बाद उठे बवाल ने जिस तरह उन्हें हीरो बनने का अवसर दिया था। उसके मद्देनजर वह आयुर्वेद विभाग में जाने को तैयार नहीं थे।

चयन समिति ने बंद लिफाफे में अपनी संस्तुति कर दी है

सूत्रों की मानें तो आचार्य फिरोज का चयन तो हो गया है। चयन समिति ने बंद लिफाफे में अपनी संस्तुति कर दी है। कुलपति राकेश भटनागर ने एक्जुक्यूटिव काउंसिल का पावर खुद में ‘डेलिगेट‘ करा लिया है। ऐसे में बनारस हिंदू विश्वविद्यालय की नियुक्तियों के जो लिफाफे काउंसिल में खुलने चाहिए। उसे नियुक्ति के 24 से 48 घंटे के अंदर खोलकर कुलपति खुद ज्वाइन कराने की प्रक्रिया शुरू करा देते हैं।

ये भी पढ़ें—गोवा में BJP को लगेगा झटका! शिवसेना कर रही बड़ी तैयारी

उम्मीद है कि शनिवार शाम तक आचार्य फिरोज का नया नियुक्ति पत्र उन्हें मिल जाएगा। वह ज्वाइन भी कर लेंगे। सूत्रों की मानें तो कुलपति राकेश भटनागर ने जिस बैठक में एक्जुक्यूटिव काउंसिल के अधिकार खुद लिए उसी दिन विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार ने यह कहा कि मानव संसाधन विकास मंत्रालय का वह पत्र भी एजेंडे में ले लिया जाए जिसमें ‘डेलीगेटेड पावर‘ को ‘रिडेलीगेट‘ करने से मनाही है। दिलचस्प यह है कि कुलपति राकेश भटनागर ने जिस एक्जुक्यूटिव काउंसिल के पावर खुद ले लिए हैं। उसके आठ सदस्य देश के राष्ट्रपति द्वारा नामित हैं।

Shivakant Shukla

Shivakant Shukla

Next Story