हेल्पलाइन 112-181: जानें क्या हुआ बदलाव, कैसे आपको मिलेगी तत्काल मदद

यूपी सरकार ने निजी कंपनी जीवीके द्वारा संचालित महिला हेल्पलाइन 181 को स्वयं संचालित करने का फैसला किया है। इसके लिए संरकार ने सेवा प्रदाता कंपनी जीवीके से 181 सेवा में काम कर रहे सभी कर्मचारियों को बकाया भुगतान एक हफ्ते में करने को कहा है।

Newstrack
Published on: 24 July 2020 6:56 AM GMT
हेल्पलाइन 112-181: जानें क्या हुआ बदलाव, कैसे आपको मिलेगी तत्काल मदद
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लखनऊ: यूपी सरकार ने निजी कंपनी जीवीके द्वारा संचालित महिला हेल्पलाइन 181 को स्वयं संचालित करने का फैसला किया है। इसके लिए संरकार ने सेवा प्रदाता कंपनी जीवीके से 181 सेवा में काम कर रहे सभी कर्मचारियों को बकाया भुगतान एक हफ्ते में करने को कहा है। योगी सरकार ने कैबिनेट बैठक में इस बारे में फैसला लेते हुए सरकार ने महिला हेल्पलाइन-181 को आपात हेल्पलाइन सेवा 112 के साथ संबद्ध कर दिया है। बताया जा रहा है कि यूपी सरकार की इमरजेंसी रिस्पान्स सपोर्ट सिस्टम के तहत संचालित आपात हेल्पलाइन सेवा-112 में ही महिला हेल्पलाइन-181 की कर्मचारियों को भी समाहित किया जायेगा।

महिला हेल्पलाइन अब 181 पर होगी

यूपी 112 की तरफ से अब चलाई जाने वाली इस 181 महिला हेल्पलाइन पहले की तरह ही काम करेगी। इस हेल्पलाइन के तहत घरेलू हिंसा, बलात्कार, यौन शोषण जैसी घटनाओं की पीड़िताओं के अलावा बेसहारा बुजुर्ग महिलाओं, निराश्रित छोटे बच्चों और मानसिक रूप से विक्षिप्त महिलाओं की मदद की जाती है। 181 महिला हेल्पलाइन 06 सीटर कॉल सेंटर से शुरू हुई थी लेकिन इसकी उपयोगिता को देखते हुए योगी सरकार ने कॉल सेंटर को 30 सीटर कर दिया था और सभी जिलों में इसकी रेस्क्यू वैन सेवा भी शुरू की थी।

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दरअसल, सरकार का मानना है कि इमरजेंसी हेल्पलाइन के अलग-अलग नंबरों को याद रखने में दिक्कत होती है। ऐसे में एक ही नंबर से सभी हेल्पलाइन नंबरों को जोड़ देने से लोगों को आपात स्थिति में सहूलियत होगी। योगी सरकार ने डायल-100 को 112 सेवा में बदलते समय ही इसकी मंशा जताते हुए कहा था कि 108, 102 मेडिकल सेवा, 1090 महिला हेल्प लाइन, महिला हेल्प लाइन 181, सीएम हेल्प लाइन, फायर, ऐंम्बुलेंस आदि सभी प्रकार की सेवाओं को एक साथ जोड़ने की दिशा में की गई यह पहल अच्छा उदाहरण बन सकती है।

कंपनी ने एक साल से नहीं दिया था कर्मचारियों को वेतन

इसके अलावा महिला हेल्पलाइन 181 की सेवा प्रदाता कंपनी जीवीके द्वारा इसका संचालन भी ठीक से नहीं किया जा रहा था। कंपनी ने हेल्पलाइन सेवा के अपने कर्मचारियों को बीते एक एक साल से वेतन नहीं दिया था। इस पर नाराज महिलाकर्मी लगातार धरना-प्रदर्शन कर रही है। अभी बीते गुरुवार को ही राजधानी लखनऊ के इको गार्डन में इन महिला कर्मियों ने देर रात तक प्रदर्शन किया।

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क्या है महिला हेल्पलाइन 181

करीब तीन वर्ष पहले यूपी में शुरू की गई महिला हेल्पलाइन 181 के जरिए महिलाओं को पुलिस, मेडिकल, कानूनी सलाह, काउंसिलिंग समेत 11 सुविधाएं जिले के आशा ज्योति केंद्र की एक छत के नीचे मिलेंने की व्यवस्था की गई थी। इसके संचालन की जिम्मेदारी जीवीके कंपनी को दिया गया था तथा इसके सिस्टम को टाटा इंस्टिट्यूट ऑफ साइंटिस्ट ने बनाया है।. ये हेल्पलाइन महिलाओं से जुड़ी समस्याओं की सुनवाई करेगी। इसमें महिलाओं-लड़कियों के साथ मारपीट, घरेलू हिंसा, एसिड अटैक के मामले, लड़कियों के साथ छेड़छाड़, रेप-गैंगरेप, दहेज उत्पीड़न, शेल्टर होम, परामर्श, चाइल्ड लाइन, चिकित्सीय सुविधा, तत्काल पुलिस सहायता, रुरेस्क्यू वैन, पुलिस रिपोर्टिंग चैकी आदि सुविधाएं दी गई थी।

ये हेल्प लाइन 3 शिफ्टों में काम करती है। हेल्प लाइन को हर जिले में एक गाड़ी मिली हुई है। इसके लिए 02 ड्राइवर, महिला कल्याण विभाग की दो महिला, दो महिला एसआई, 04 महिला सिपाही। सेवा का काल सेंटर राजधानी लखनऊ के आशियाना क्षेत्र में बनाया गया है। जहां हर शिफ्ट में 30 कॉल टेकर आने वाली शिकायतों को अटेंड करती है। हर जिलें में डिस्ट्रिक्ट प्रोबेशन ऑफिसर (डीपीओ) इसको लीड करते है।

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