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Lucknow University: बीटेक कोर्स में नई शिक्षा नीति लागू, ये होगा प्रमुख बदलाव

Lucknow University: लखनऊ विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. आलोक कुमार राय ने बताया कि लखनऊ विश्वविद्यालय एनईपी 2020 को अपनाने वाला देश का पहला विश्वविद्यालय है, जिसका उद्देश्य बहु-विषयक दृष्टिकोण लाना है। अब अभियांत्रिकी संकाय के बी.टेक कोर्सेस में नई शिक्षा नीति लागू होने पर इंजीनियरिंग शिक्षा में एक्सेस, इक्विटी, अफॉर्डेबिलिटी, क्वालिटी, फ्लेक्सीबिलिटी, मल्टीडिस्प्लनरी एप्रोच एवं अकाउंटेबिलिटी बढ़ेगी।

Anant Shukla
Published on: 14 April 2023 10:29 PM IST
Lucknow University: बीटेक कोर्स में नई शिक्षा नीति लागू, ये होगा प्रमुख बदलाव
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Lucknow University (Photo-Social Media)

Lucknow University: लखनऊ विश्वविद्यालय के अभियांत्रिकी एवं तकनीकी संकाय में बीटेक कोर्सेस सत्र 2023-24 से नई शिक्षा नीति के तहत संचालित किया जाएगा। बीटेक पाठ्यक्रम में नयी शिक्षा नीति को लागू कर दिया गया है।

कुलपति प्रो. आलोक कुमार राय ने बताया

लखनऊ विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. आलोक कुमार राय ने बताया कि लखनऊ विश्वविद्यालय एनईपी 2020 को अपनाने वाला देश का पहला विश्वविद्यालय है, जिसका उद्देश्य बहु-विषयक दृष्टिकोण लाना है। अब अभियांत्रिकी संकाय के बी.टेक कोर्सेस में नई शिक्षा नीति लागू होने पर इंजीनियरिंग शिक्षा में एक्सेस, इक्विटी, अफॉर्डेबिलिटी, क्वालिटी, फ्लेक्सीबिलिटी, मल्टीडिस्प्लनरी एप्रोच एवं अकाउंटेबिलिटी बढ़ेगी। एनईपी के तहत व्यावसायिक और सामान्य शिक्षा के बीच कोई सीमांकन नहीं है। इस प्रकार छात्र अपनी रुचि के अनुसार किसी विशेष क्षेत्र में व्यवसायिक पाठ्यक्रम द्वारा अपनी क्षमता का निर्माण कर पाएंगे, जिससे छात्र के लिए रोजगार के अवसर बढ़ेंगे।

डीन प्रोफेसर ए.के सिंह ने कहा क्रिएटिव बढ़ेगी

अभियांत्रिकी संकाय के डीन प्रोफेसर ए.के सिंह के अनुसार एनईपी लागू होने से बीटेक छात्र न केवल अध्ययन के अधिक महत्वपूर्ण और उद्देश्यपूर्ण ज्ञान के साथ सुसंगत होंगे, बल्कि उन्हें अपनी क्रिएटिव एबिलिटीज/ सकारात्मक योग्यता को भी विकसित करने का पूर्ण अवसर मिलेगा। उन्होंने कहा कि एनईपी न केवल सीखने की प्रक्रिया में फ्लेक्सिबिलिटी लाएगा साथ ही छात्रों को उनकी रूचि के आधार पर अपने स्वयं के पाठ्यक्रम डिजाइन करने की अनुमति देगा।

नई शिक्षा नीति लागू होने से मल्टीपल एंट्री एंड एग्जिट की सुविधा मिलेगी

अभियांत्रिकी संकाय के बीटेक पाठ्यक्रम में नई शिक्षा नीति लागू होने पर अब छात्रों को मल्टीपल एंट्री एंड एग्जिट की सुविधा मिलेगी जिसके तहत-

  • अगर छात्र बीटेक के प्रथम वर्ष पूर्ण होने पर कोर्स छोड़ना चाहे तो उसे प्रथम वर्ष में इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी में सर्टिफिकेट मिलेगा
  • बीटेक द्वितीय वर्ष पूर्ण होने पर अगर छात्र कोर्स छोड़ता है तो उसे इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी में डिप्लोमा मिलेगा|
  • बीटेक तृतीय वर्ष पूर्ण होने पर अगर छात्र कोर्स छोड़ना चाहे तो उसे इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी में एडवांस डिप्लोमा दिया जाएगा|
  • बी.टेक + एम.टेक चार वर्षों के दौरान, छात्र किसी भी चरण में फिर से प्रवेश लेने के लिए स्वतंत्र हैं।
  • छात्रों को बी.टेक के चौथे वर्ष के पूरा होने के बाद संबंधित शाखा में अनुसंधान डिग्री द्वारा बी.टेक या बी.टेक से सम्मानित किया जाएगा।
  • छात्र बी.टेक के चौथे वर्ष के पूरा होने के बाद संबंधित शाखा में बी.टेक की डिग्री के साथ बाहर निकल सकते हैं, भले ही उन्होंने अनुसंधान डिग्री (छठे सेमेस्टर के पूरा होने के बाद) द्वारा एकीकृत बी.टेक + एम.टेक का विकल्प चुना हो।
  • छात्रों को बी.टेक के पांचवें वर्ष के पूरा होने के बाद संबंधित शाखा में अनुसंधान द्वारा एक एकीकृत बी.टेक + एम.टेक से सम्मानित किया जाएगा।

बीटेक चतुर्थ वर्ष में छात्रों को ये विकल्प दिया जाएगा

(i) विकल्प 1 - संबंधित शाखा में बी.टेक

(ii) विकल्प 2 - अनुसंधान द्वारा संबंधित शाखा में बीटेक

(iii) विकल्प 3 - अनुसंधान द्वारा संबंधित शाखा में इंटेग्रेटेड

नई शिक्षा नीति

एनईपी व्यावहारिक शिक्षा की आवश्यकता पर भी जोर देती है, जिसके तहत अभियांत्रिकी संकाय के शिक्षको द्वारा बी.टेक पाठ्यक्रम ऐसे डेवलप किए गए हैं, जिससे छात्रों को व्यावहारिक अनुभव मिले और वह वास्तविक दुनिया की चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयार हो। इससे छात्रों को व्यावहारिक कौशल विकसित करने और नौकरी के लिए तैयार होने में मदद मिलेगी |

एनईपी शिक्षा में टेक्नोलॉजी के उपयोग को बढ़ावा देती है जिसके तहत बी.टेक पाठ्यक्रमों में नवीनतम तकनीकी प्रगति को शामिल किया जाएगा, जिससे छात्रों को नवीनतम तकनीक से अपडेट रहने और उन्हें भविष्य के लिए तैयार करने में मदद मिलेगी| बी.टेक पाठ्यक्रमों में मल्टीडिसीप्लिनरी अप्रोच को अपनाया गया है, जिसके तहत प्रबंधन जैसे अन्य विषयों को शामिल करने से छात्रों को दुनिया और इसकी जटिलताओं की समग्र समझ विकसित करने में मदद मिलेगी। एनईपी अनुसंधान पर बहुत अधिक जोर देता है, अतः बी.टेक पाठ्यक्रम इस तरह तैयार किया गया है कि छात्र अनुसंधान और नवाचार में संलग्न रहें।



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Anant Shukla

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