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राम जन्मभूमि मंदिर के लिए धन संग्रह नहीं किया जा रहा: VHP
मिलिंद परांडे ने अपने प्रेस बयान में, इंटोल के महासचिव वीएचपी ने कहा कि 1989 के बाद से न तो वीएचपी और न ही श्री राम जन्मभूमि न्यास ने भगवान श्री राम के जन्म स्थान पर मंदिर के लिए धन इकट्ठा करने की कोई घोषणा की थी या नहीं की थी।
नई दिल्ली: विश्व हिंदू परिषद ने आज स्पष्ट किया कि हम श्री रामजन्मभूमि मंदिर के लिए कोई धन एकत्र नहीं कर रहे हैं।
मिलिंद परांडे ने अपने प्रेस बयान में, इंटोल के महासचिव वीएचपी ने कहा कि 1989 के बाद से न तो वीएचपी और न ही श्री राम जन्मभूमि न्यास ने भगवान श्री राम के जन्म स्थान पर मंदिर के लिए धन इकट्ठा करने की कोई घोषणा की थी या नहीं की थी।वर्तमान समय में भी, वीएचपी या श्री राम जन्मभूमि न्यास ने इस तरह की कोई अपील नहीं की है और न ही ऐसा किया है।
बता दें कि 6 दिसंबर को बाबरी मस्जिद ढहाए जाने की बरसी है और इससे पहले अयोध्या में सुरक्षा व्यवस्था को बढ़ा दिया गया है। एक शीर्ष अधिकारी ने इसकी जानकारी दी है। बाबरी मस्जिद की ये घटना 6 दिसंबर 1992 को हुई थी। अयोध्या के जिलाधिकारी अनुज झा ने जानकारी दी कि, ‘रेड जोन’ उच्च सुरक्षा क्षेत्र में आने वाली रामजन्म भूमि के आस-पास सुरक्षा व्यवस्था को बढ़ा दिया गया है। इसके अलावा इसके पास स्थित अन्य मुख्य धार्मिक स्थलों पर भी कड़ी निगरानी रखी जा रही है।
6 दिसंबर तक कड़ी रहेगी सुरक्षा व्यवस्था
उन्होंने कहा कि, हमने फैसला आने तक शहर और जिले के अन्य हिस्सों में कड़ी सतर्कता बरती थी और अब बाबरी मस्जिद ढहाए जाने की बरसी (यानि 6 दिसंबर) तक सुरक्षा व्यवस्था कड़ी रहेगी। उन्होंने कहा कि, हमारी अगली चुनौती अब 6 दिसंबर को शांति और सद्भाव बनाए रखने की होगी। मुझे उम्मीद है कि, अयोध्यावासी परिपक्वता दिखाएंगे। उन्होंने बताया कि, 8 नवंबर को जो धारा 144 लागू की गई थी, वो अब 28 दिसंबर तक जारी रहेगा।
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शुक्रवार को पहली बार मुसलमानों ने अदा की नमाज
अयोध्या मामले पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद, अयोध्या में शुक्रवार को पहली बार मुसलमानों ने कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच जुमे की नमाज अदा की थी। जिलाधिकारी ने बताया कि, शुक्रवार को शहर के अलग-अलग मस्जिदों में लोगों ने नमाज अदा की। आज सुरक्षा व्यवस्था बढ़ाई गई थी और ये आने वाले दिनों में भी जारी रहेगी।
जिलाधिकारी ने कहा कि, अयोध्या शहर या जिले में किसी भी तरह की अप्रिय घटना की सूचना नहीं है। गौरतलब है कि, सुप्रीम कोर्ट ने 9 दिसंबर को सालों पुराने विवाद पर अपना फैसला सुनाया था। सुप्रीम कोर्ट ने अयोध्या में रामं मंदिर बनाने के निर्देश दिए हैं। इसके अलावा कोर्ट ने मुसलमानों को मस्जिद बनाने के लिए अयोध्या में 5 एकड़ जमीन उपलब्द कराने के भी निर्देश दिए हैं।
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