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खदेड़ कर मारे जाएंगे आतंकी, जल्द आने वाली है भारत की रोबो-आर्मी
इस रोबो आर्मी से सेना की आतंकरोधी यूनिट और सुरक्षाबलों को काफी मदद मिलेगी। इसकी मदद से सेना को पूरी तरह से हाईटेक बनाने के कार्य में भी तेजी आएगी।
श्रीनगर: भारतीय सेना ने कश्मीर घाटी में अपनी रोबो आर्मी को उतारने की पूरी तैयारी कर ली है, अब सेना इसकी मदद से घाटी में आसानी से आतंक का खात्मा कर सकेगी। ये रोबोट आतंकियों के गुप्त ठिकानों में जाकर उसकी सही स्थिति बताने के साथ-साथ उसे तबाह करने में भी सक्षम होंगे। खास बात ये है कि इसी महीने के अंत तक ये रोबो आर्मी घाटी में उतार दी जाएगी।
दुश्मन की घुसपैठी को रोकने में मददगार
इस रोबो आर्मी से सेना की आतंकरोधी यूनिट और सुरक्षाबलों को काफी मदद मिलेगी। इसकी मदद से सेना को पूरी तरह से हाईटेक बनाने के कार्य में भी तेजी आएगी। इसके साथ ही इस रोबो आर्मी से भारतीय सेना को दुश्मन की घुसपैठी को रोकने और पाकिस्तानी सेना के हमलों का मुंहतोड़ जवाब देने में मदद मिलेगी।
आतंकरोधी अभियान के दौरान हमला करने में सक्षम
संबंधित अधिकारियों ने बताया कि, सेना को अत्याधुनिक बनाने का प्रयास किया जा रहा है और इसी के तहत रक्षा मंत्रालय पहले चरण में 550 रोबोटिक्स सर्वेलांस यूनिट की खरीदारी कर रहा है। इन्हें जल्द ही सेना को सौंपने की तैयारी है। अधिकारियों ने बताया कि, ये रोबोट किसी भी तरह के आतंकरोधी अभियान के दौरान आतंकियों पर हमला करने में भी सक्षम होंगे।
आतंकी गतिविधियों का लेगा ब्योरा
सुरक्षाबलों के लिए आतंकियों के खिलाफ की जा रही किसी भी कार्रवाई में सबसे बड़ी चुनौती आतंकियों की सहीं संख्या का पता लगाना और उनके पास उपलब्ध हथियारों की जानकारी प्राप्त करनी होती है। इस रोबो आर्मी के सेना में शामिल हो जाने से सुरक्षाबलों को काफी मदद मिलेगी। ये रोबोट किसी भी ऑपरेशन के दौरान किसी भी आतंकी ठिकाने या मकानों में आसानी से घुसकर वहां की गतिविधियों का पूरा ब्योरा लेने में सक्षम होंगे।
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आतंकियों की लोकेशन का लगाएगा पता
इसके अलावा रोबोट वीडियोग्राफी की मदद से आतंकियों की सही लोकेशन का पता लगाने में मददगार होंगे। प्रत्येक यूनिट में एक लांचिंग सिंस्टम, एक ट्रांसमिशन सिस्टम और दिन-रात तस्वीरें लेने में समर्थ एचडी कैमरा भी होगा। रोबोट में किसी भी इमारत या मकान से करीब 200 मीटर की दूरी तक स्पष्ट वीडियो फुटेज भी भेज सकेगा।
सेना को मिलेगा प्रशिक्षण
ये रोबोट नियंत्रण रेखा पर निगरानी रखने के साथ उसके आसपास के ऐसी जगहों पर छानबीन करने में सक्षम होंगे, जहां पर घुसपैठियों या पाकिस्तान के बैट दस्ते के छिपे होने की आशंका हो। ऐसे में ये रोबोट पाकिस्तान की हर चाल से निपटने में सेना के लिए मददगार होंगे। रोबोटिक्स सर्वेलांस यूनिट को संचालित करने के लिए सैन्याधिकारियों को विशेष प्रशिक्षण दिया जाएगा। सेना की प्रत्येक बटालियन में सात से आठ अधिकारियों व जवानों को इसका प्रशिक्षण दिया जाएगा।
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सेना अधिकारियों ने बताया कि, सेना अगले चरण में दुश्मन के ठिकानों में घुसकर मार करने में सक्षम रोबोटिक युद्धक वाहन (आरसीवी) खरीदने पर भी विचार कर रही है। रिमोट से संचालित होने वाले युद्धक वाहन से भारतीय सेना की ताकत को और बढ़ जाएगी। साल 2030 तक सेना को दुनिया की सबसे घातक व समर्थ सेना बनाने का लक्ष्य है।
25 सालों तक सेना में रहेंगे उपलब्ध
बता दें कि ये रोबोट लगभग 25 सालों तक सेना में सेवा देते रहेंगे। इन रोबोट की सबसे पहले जम्मू-कश्मीर के आतंक प्रभावित इलाकों में तैनाती की जाएगी। ये रोबोट आतंकरोधी अभियानों में सुरक्षाबलों को होने वाले नुकसान से भी बचाने में भी सक्षम होंगे। ये 360 डिग्री घूमकर भी दुश्मन को निशाना बना सकते हैं।
पानी में भी रहने में सक्षम
साथ ही किसी विशेष जगह की वीडियोग्राफी करके वहां के हालात के बारे में तुरंत अपडेट करने में भी सक्षम हैं। यह रोबोट सीढ़ी चढ़ने, बम धमाकों व गोलाबारी के दौरान लगने वाले झटकों को सहने में समर्थ है। ये लड़ाकू रोबोट पानी के नीचे 20 मीटर की गहराई तक भी काम करने में भी सक्षम हैं। रोबोट पानी के भीतर से ही ग्रेनेड को निर्धारित लक्ष्य पर दाग कर वहां से तुरंत लौट सकते हैं।
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