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इस जिले में अब तक एक भी कोरोना संक्रमित नही, लॉकडाउन में मिलेंगी ये सेवाएं

जिला प्रशासन द्वारा जन सामान्य की चिकित्सा संबंधित समस्याओं के समाधान हेतु भारत सरकार एवं उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा स्वास्थ्य सेवाओं संबंधी गतिविधियों को सुचारू बनाने की नीति के तहत जारी की गई है ।

SK Gautam
Published on: 23 April 2020 11:00 AM GMT
इस जिले में अब तक एक भी कोरोना संक्रमित नही, लॉकडाउन में मिलेंगी ये सेवाएं
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अयोध्या: जनपद अयोध्या में अब तक एक भी संक्रमित मरीज नही मिला जिसको देखते हुए जिला मजिस्ट्रेट अनुज कुमार झा ने मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ घनशयाम सिंह द्वारा चिन्हित 19 निजी चिकित्सालय को लॉक डाउन के दौरान कुछ शर्तों के साथ केवल आकस्मिक/ इमरजेंसी सेवाएं शुरू करने की दी अनुमति । गंभीर प्रकृति के रोगी अपनी इच्छा अनुसार इन निजी चिकित्सालय में विशेषज्ञ डॉक्टरों से अपना इलाज करा सकेंगे।

लॉकडाउन के दौरान केवल और केवल इमरजेंसी सेवाएं

जिला प्रशासन द्वारा जन सामान्य की चिकित्सा संबंधित समस्याओं के समाधान हेतु भारत सरकार एवं उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा स्वास्थ्य सेवाओं संबंधी गतिविधियों को सुचारू बनाने की नीति के तहत जारी की गई है । लॉकडाउन के दौरान केवल और केवल इमरजेंसी सेवाएं ही चालू रहेंगी। जबकि अग्रिम आदेशो तक ओपीडी पूर्ण रूप से बंद रहेगी।

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जिला मजिस्ट्रेट ने आगे बताया कि इन निजी चिकित्सालयों को चिकित्सालय में मरीज के प्रवेश के पूर्व हैंडवाश, साबुन, लिक्विड सोप व सैनेटाइजर से हाथों को सेनीटाइज कराना अनिवार्य होगा। यदि मरीज ने मास्क नहीं पहना है तो चिकित्सालय प्रबंधन मरीज को तुरंत मास्क उपलब्ध कराएगा। प्रवेश के समय मरीज वह उसके साथ आने वाले परिवार के सदस्य की प्रथम दृष्टया थर्मल स्क्रीनिंग कराना अनिवार्य होगा ।

अनिवार्य रूप से कोरोन सैंपलिंग करानी होगी

यदि कोई मरीज अथवा उसके साथ आया व्यक्ति कोरोना वायरस का संदिग्ध प्रतीत होता है और उसमें कोरोना के लक्षण दिखाई देते हैं तो संदिग्ध मरीज को अलग कमरे में रखना अनिवार्य होगा और इसकी सूचना तत्काल मुख्य चिकित्सा अधिकारी को देना होगा । समस्त ऐसे मरीज जिनको चिकित्सालय में एडमिट किया गया है अथवा किया जाएगा उन सभी की अनिवार्य रूप से कोरोन सैंपलिंग करानी होगी । साथ ही सभी निजी चिकित्सालय को एन 95 मास्क व पीपीई किट एवं संक्रमण से सुरक्षा के सभी उपकरण पर्याप्त मात्रा में रखने के साथ सभी चिकित्सकों तथा पैरामेडिकल स्टाफ द्वारा प्रयोग करना अनिवार्य होगा ।

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सामाजिक दूरी का मानक सुनिश्चित करते हुए कार्मिकों की उपस्थिति 33% रखनी होगी। चिकित्सीय परामर्श व टेली कंसल्टेंसी, टेली मेडिसिन के माध्यम से दिए जाएंगे। इंफेक्शन प्रिवेशन प्रोटोकॉल का शत प्रतिशत पालन करना होगा।

SK Gautam

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