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पांच साल संविदा: योगी के मंत्री का बड़ा बयान, कहा- ऐसा कोई आदेश नहीं

योगी सरकार द्वारा प्रस्तावित सरकारी नौकरी में पहले पांच साल की संविदा पर काम करने की नीति पर डॉ. सतीश द्विवेदी ने कहा है कि सरकार ने ऐसा कोई आदेश नहीं दिया है और न ही इस संबंध में कोई शासनादेश जारी किया गया है।

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Published on: 18 Sep 2020 11:45 AM GMT
पांच साल संविदा: योगी के मंत्री का बड़ा बयान, कहा- ऐसा कोई आदेश नहीं
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मनीष श्रीवास्तव

लखनऊ: यूपी की योगी सरकार द्वारा प्रस्तावित सरकारी नौकरी में पहले पांच साल की संविदा पर काम करने की नीति पर यूपी के बेसिक शिक्षा राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार डॉ. सतीश द्विवेदी ने पल्ला झाड़ते हुए कहा है कि सरकार ने ऐसा कोई आदेश नहीं दिया है और न ही इस संबंध में कोई शासनादेश जारी किया गया है। डॉ. द्विवेदी ने कहा है कि यह समाचार माध्यमों का अपनी रिपोर्ट है और यह उनका अपना अनुमान है। लेकिन विपक्षी पार्टियों ने इसका ही विरोध करना शुरू कर दिया।

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स्कूल खुलने को लेकर कही ये बात

विधान परिषद चुनाव की तैयारियों की समीक्षा के लिए शुक्रवार को इटावा पहुंचे बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री ने कहा कि यूपी में स्कूल तभी खोले जायेंगे जब केंद्र सरकार के गृह मंत्रालय की ओर से इस संबंध में निर्देश दिया जायेगा। उन्होंने कहा कि वैसे विभाग ने इसकी पूरी तैयारी कर ली है और गृह मंत्रालय का निर्देश मिलते ही स्कूलों को खोल दिया जायेगा। उन्होंने बताया कि परिषदीय विद्यालयों में विद्यार्थियों को किताबे वितरित की जा चुकी है और मिड-डे-मील भी उनके घरों पर ही दिया जा रहा है। इसके साथ ही स्वेटर वितरण का काम भी शुरू हो चुका है और सर्दियां शुरू होने से पहले ही यह भी पूरा हो जायेगा।

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लॉकडाउन में लोगों की कमजोर हुई आर्थिक स्थिति को देखते हुए फीस माफी के बारे में उन्होंने कहा कि सरकार निजी स्कूलों को पहले ही निर्देश दे चुकी है कि कोई भी स्कूल ट्रांसपोर्ट फीस नहीं लेगा और क्वाटर फीस लिए जाने पर भी रोक लगा दी गई है। कोई भी निजी स्कूल न तो फीस बढ़ा सकता है और न ही तीन महीने के फीस एकसाथ भुगतान करने के लिए अभिभावकों पर दबाव बना सकता है। इसके साथ ही जो अभिभावक फीस देने की स्थिति में नहीं है उन पर भी कोई दबाव नहीं बनाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि अगर कोई स्कूल ऐसा करता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जायेगी।

शिक्षकों की भर्ती पर कही ये बात

69 हजार शिक्षकों की भर्ती के बारे में डॉ. द्विवेदी ने बताया कि भर्ती के लिए सर्वोच्च न्यायालय ने फैसला सुरक्षित किया हुआ है और जैसे ही निर्णय आयेगा तो निर्णय के अनुसार कार्य किया जायेगा। उन्होंने बताया कि लाकडाउन से पहले बेसिक शिक्षा विभाग ने भर्ती की प्रक्रिया को आगे बढ़ाया था लेकिन लाकडाउन के कारण यह प्रक्रिया रूक गई थी।

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